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खनन माफिया के शिकार बने डीएसपी सुरेंद्र सिंह की हत्‍या की जस्टिस एलएन मित्तल करेंगे जांच

DSP Surendra Singh Murder हरियाणा के नूंह में खनन माफिया का शिकार बने डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्‍नोई की हत्‍या के मामले की न्‍यायिक जांच होगी। जस्टिस एनएन मित्‍तल इस मामले की जांच करेंगे। वह एक माह में मामले की जांच पूरी करेंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 19 Aug 2022 05:49 PM (IST)Updated: Fri, 19 Aug 2022 05:49 PM (IST)
खनन माफिया के शिकार बने डीएसपी सुरेंद्र सिंह की हत्‍या की जस्टिस एलएन मित्तल करेंगे जांच
डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्‍नोई की हत्‍या मामले की जांच जस्टिस एलएन मित्‍तल करेंगे।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने तावडू के डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्‍नोई की हत्या की जांच के लिए एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है। गृह मंत्री अनिल विज के निर्देश के बाद गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने शुक्रवार को न्यायिक आयोग के गठन की अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार डीएसपी की हत्या के कारण, परिस्थितियों व भविष्य में इससे बचाव के उपायों की गहराई में जाना चाहती है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस एलएन मित्तल यह जांच करेंगे।

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हरियाणा सरकार ने एक सदस्यीय न्यायिक आयोग बनाया

हरियाणा सरकार ने जांच के लिए उन्हें एक माह का समय दिया है। जांच के नियम और शर्तें अलग से जारी होंगी। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने बताया कि अवैध खनन को रोकने के लिए गए डीएसपी सुरेंद्र सिंह की हत्या पूरी पुलिस फोर्स को चुनौती है। नूंह क्षेत्र में अवैध खनन पुराने समय से हो रहा है। उसकी जांच और रोकने के लिए करीब एक हजार पुलिस कर्मियों का कांबिंग अभियान चलाया गया। आज स्थिति काफी हद तक सामान्य है।

गृह मंत्री विज ने बताया कि अवैध खनन रोकने गए डीएसपी की हत्या किन परिस्थितियों में हुई और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसकी जांच के लिए जस्टिस एलएन मित्तल अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे। न्यायिक आयोग की ओर से आने वाली सिफारिशों और सुझाव पर सरकार अमल करेगी।

बता दें कि यह मामला काफी सुर्खियों में रहा है। जब डीएसपी की हत्या हुई थी, तब अनिल विज का यह बयान सामने आया था कि मेरे डीएसपी की हत्या हुई है। मैं किसी को नहीं छोडूंगा।प्रदेश खासकर मेवात-नूंह क्षेत्र में अवैध खनन का मामला विधानसभा के मानसून सत्र में भी खूब गूंजा था। विपक्ष के करीब दो दर्जन विधायकों ने इस पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया था, जिसके जवाब में गृह मंत्री अनिल विज ने सदन में पूरी जानकारी दी। अब विज ने न्यायिक आयोग के गठन से दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो जाने की संभावना जताई है।


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