जाट आंदोलन और पंजाब के अकाली नेताओं के धरने मामले की सुनवाई एक साथ
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए दंगों में हुए नुकसान व अकाली दल द्वारा पंजाब में किए गए प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान मामले की एक साथ सुनवाई करेगा।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में जाट आरक्षण के दौरान तोड़ फोड़ और पंजाब के अकाली नेताओं के धरने के दौरान हुए नुकसान पर एक साथ सुनवाई होगी। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा है कि दोनों मामले समान प्रकृति के हैं। दोनों पर जनवरी महीने में एक साथ सुनवाई होगी।
हरियाणा में फरवरी 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा में सरकारी व गैर सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई को लेकर दायर याचिका पर यशपाल मलिक के वकील ने वीरवार को हाई कोर्ट से जवाब देने के लिए समय देने की मांग की। इस संबंध में हाईकोर्ट मलिक को कई बार नोटिस जारी कर चुका था।
इससे पहले हरियाणा सरकार ने कोर्ट को बताया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए सभी जाट नेताओं की प्रॉपर्टी की डिटेल तैयार की जा रही है। सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कानून के खिलाफ कोई भी गतिविधि हो तो दोषियों को बख्शा न जाए। इसके तहत सुप्रीम कोर्ट की ओर से डिस्ट्रक्शन ऑफ प्राइवेट एंड पब्लिक प्रॉपर्टी बनाम स्टेट ऑफ आंध्रप्रदेश मामले में दिए गए आदेश का पालन किया जा रहा है।
याची हाई कोर्ट के अधिवक्ता अरविंद सेठ की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि उस दौरान रेल और सड़क भी कई दिन तक प्रभावित रहा था। अरविंद सेठ ने हाई कोर्ट से अपील की है कि हरियाणा सरकार को उचित निर्देश जारी किए जाएं ताकि रेल, सड़क यातायात बाधित न हो और सरकारी व गैर सरकारी संपत्ति को भविष्य में नुकसान न पहुंचे।
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