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रुफटॉप सोलर पावर प्लांट लगाने पर मिलेगा ब्याज रहित एडवांस

हरियाणा में सौर उर्जा को प्रोत्साहन देते हुए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के कर्मचारियों व अधिकारियों को घरों पर रुफटॉप सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए बिना ब्याज के एडवांस राशि देने का निर्णय लिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 10:29 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 06:13 AM (IST)
रुफटॉप सोलर पावर प्लांट लगाने पर मिलेगा ब्याज रहित एडवांस

जागरण संवाददाता, पंचकूला : हरियाणा में सौर उर्जा को प्रोत्साहन देते हुए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के कर्मचारियों व अधिकारियों को घरों पर रुफटॉप सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए बिना ब्याज के एडवांस राशि देने का निर्णय लिया गया है। यूएचबीवीएन और डीएचबीवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक शत्रुजीत कपूर की अध्यक्षता में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया। सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को तीन किलोवाट कैपेसिटी तक के सोलर प्लांट लगाने के लिए सबसिडी के अतिरिक्त आने वाली लागत के लिए एडवांस राशि दी जाएगी, जो कि बिना ब्याज के 24 बराबर मासिक किस्तों में जमा करवाई जाएगी। फील्ड कर्मचारी संबंधित अधीक्षक अभियंता (एसई) की स्वीकृति से यह एडवांस राशि प्राप्त कर सकते हैं। वहीं, हेड ऑफिस में कार्यरत कर्मचारी संबंधित अधीक्षक अभियंता (एसई) अथवा अन्य उच्च अधिकारी की स्वीकृति से यह एडवांस राशि ले पाएंगे। क्लास एक और दो के अधिकारी मुख्य अभियंता, एचआर/एडमिन की स्वीकृति से रुफटॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए एडवांस राशि प्राप्त कर सकते हैं। गौरतलब है कि भारत सरकार के नवीन व नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय द्वारा ग्रिड कनेक्टेड रुफटॉप सोलर प्रोग्राम के दूसरे चरण के अंतर्गत 2022 तक देशभर में 40,000 मेगावाट बिजली रुफटॉप सोलर प्रोजेक्टों से उपयोग करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें 4,000 मेगावाट बिजली घरेलू रुफटॉप सोलर प्लांटों से उपयोग करने का लक्ष्य है। इसके लिए केंद्रीय उर्जा मंत्रालय द्वारा भी सभी राज्यों के बिजली वितरण निगमों के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 10 किलोवाट तक के सोलर प्लांट के लिए सरकार द्वारा सबसिडी भी दी जा रही है। रुफटॉप सोलर प्लांट से उत्पन्न की गई बिजली का उपयोग उपभोक्ता द्वारा घरेलू जरुरतों के लिए किया जा सकता है, इसके अलावा अतिरिक्त सौर उर्जा नेट मीटरिग के माध्यम से ग्रिड में उपयोग की जाती है, जिसके लिए उपभोक्ता को इसकी तय राशि का भुगतान किया जाता है। ऐसे में उपभोक्ता बिजली बिल में बचत के साथ-साथ कोयले से बनी बिजली का कम प्रयोग करके पर्यावरण संरक्षण के लिए अपना योगदान दे सकते हैं।

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