Move to Jagran APP

हुड्डा ने कहा- किसानों पर बंदिशें ठीक नहीं, दीपेंद्र बोले- धान पर पाबंदी न हटी तो किसान आंदोलन

भूपेंद्र सिंह हुड्डा व दीपेंद्र हुड्डा ने धान बुआई की बंदिशों के खिलाफ फतेहाबाद में सड़कों पर उतरे किसानों को समर्थन का एलान किया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 10:59 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 10:59 AM (IST)
हुड्डा ने कहा- किसानों पर बंदिशें ठीक नहीं, दीपेंद्र बोले- धान पर पाबंदी न हटी तो किसान आंदोलन
हुड्डा ने कहा- किसानों पर बंदिशें ठीक नहीं, दीपेंद्र बोले- धान पर पाबंदी न हटी तो किसान आंदोलन

जेएनएन, चंडीगढ़/रोहतक। पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने धान बुआई की बंदिशों के खिलाफ फतेहाबाद में सड़कों पर उतरे किसानों को समर्थन का एलान किया है। उन्होंने कहा कि आज फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र और कैथल समेत पूरे प्रदेश का किसान आंदोलनरत हैं। सरकार को तुरंत प्रभाव से धान पर पाबंदी का फैसला वापस लेना चाहिए। हुड्डा ने कहा कि अन्नदाता पहले ही बर्बादी की कगार पर है। भूजल संरक्षण के लिए नई परियोजनाएं चलाने के बजाय किसानों पर बंदिशें थोपी जा रही हैं। महामारी के नाज़ुक दौर में ऐसे फैसले लेना उचित नहीं है। इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।

loksabha election banner

हुड्ड़ा ने कहा कि सरकार किसानों पर वैकल्पिक खेती करने का दबाव तो बना रही है लेकिन धान-गेहूं जैसी परंपरागत खेती छोड़कर फूल और सब्जी का उत्पादन करने वालों किसानों की हालत भी आज खराब है। भिवानी समेत प्रदेशभर के किसान अपनी फसल को पशुओं के सामने डालने को मजबूर हैं क्योंकि न उसकी खरीद हो रही है और न ही उचित रेट मिल रहा है। पिछले साल सरकार के कहने पर मक्का उगाने वाले किसानों को भी सिर्फ घाटा ही हाथ लगा था। इसलिए सरकार को आनन-फानन में फैसले लेने से पहले उचित नीतियों, प्रोत्साहन और जागरूकता के जरिये पहले किसानों का भरोसा जीतना चाहिए। 

दीपेंद्र बोले- जिद छोड़े सरकार, नहीं तो प्रदेशव्यापी किसान आंदोलन होगा

राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि या तो सरकार धान रोपाई पर पाबंदी का फैसला वापस ले, नहीं तो प्रदेशव्यापी किसान आंदोलन के लिए तैयार रहे। सरकार को भाजपा या जजपा नेताओं के जरिए गलत बयानबाजी करवाकर किसानों को बहकाने के बजाय अपने तानाशाही फैसले के बारे में सोचना चाहिए। आज फतेहाबाद, कैथल और कुरुक्षेत्र समेत प्रदेशभर का किसान सरकार के फैसले का विरोध कर रहा है। फतेहाबाद में किसानों ने अपने ट्रैक्टर सड़कों पर उतारकर और शाहबाद में भाकियू ने बड़ी पंचायत करके नाराजगी जताई है।

दीपेंद्र ने कहा कि सरकार ने 19 ब्लॉक्स की 50 फीसद जमीन, 26 ब्लॉक्स की पंचायती जमीन और 50 हॉर्स पावर से ज्यादा की मोटर वाले किसानों पर धान रोपाई की पाबंदी थोपी है। सरकार के अधिकारी इस फैसले को थोपने के लिए लगातार किसानों के बीच पहुंच रहे हैं। उन्हें भी किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की बैसाखी बनी जजपा के गुहला चीका और शाहबाद से विधायक भी इस फैसले पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। धान बुआई के मुद्दे पर जिस सत्ताधारी नेता ने नेता प्रतिपक्ष की उम्र को गलत और अपनी उम्र को सही बताया था, आज उसी मुद्दे को लेकर उन्हीं की पार्टी के विधायक सरकार का खुलकर विरोध कर रहे हैं।

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि अन्नदाता सत्तापक्ष या विपक्ष की राजनीति से ऊपर होता है। उसका समर्थन करना और उसके हकों के लिए आवाज उठाना हर नेता का फर्ज है, इसलिए हम अपना फर्ज निभा रहे हैं और किसान के हर संघर्ष में उसके साथ खड़े हैं। सरकार को भी अपनी किसान विरोधी सोच छोड़कर अपने तानाशाही फैसले को वापस लेना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.