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हनीप्रीत ने जेल से बाहर आने को महिला होने की दी दुहाई, कहा- अब ताे रियायत मिले

डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की गोद ली बेटी हनीप्रीत ने जेल से बाहर आने के लिए महिला हाेने की दुहाई दी है। हनीप्रीत ने अदालत में जमानत अर्जी दी है1

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 06 Jun 2018 11:54 AM (IST)Updated: Wed, 06 Jun 2018 10:03 PM (IST)
हनीप्रीत ने जेल से बाहर आने को महिला होने की दी दुहाई, कहा- अब ताे रियायत मिले
हनीप्रीत ने जेल से बाहर आने को महिला होने की दी दुहाई, कहा- अब ताे रियायत मिले

पंचकूला, [राजेश मलकानियां]। गुरमीत राम रहीम की गोद ली बेटी हनीप्रीत अब जेल से बाहर आना चाहती है। इसके लिए उसने अदालत से गुहार लगाई है। इसके लिए वह खुद के महिला होने और 245 दिनों से जेल मेंं बंद हाेने की दुहाई दे रही है। उसने यहां अदालत में दी या‍चिका में कहा है, मैं महिला हूं और मेरा पिछले साल हुई हिंसा में काेई हाथ नहीं था। ऐसे में अब मुझे रियायत मिले और जमानत दी जाए।

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हनीप्रीत ने पंचकूला अदालत में दी अपनी जमानत याचिका में कहा है कि 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में जब हिंसा हो रही थी, तो मैं डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के साथ थी। दोषी ठहराने के बाद मैं डेरा प्रमुख के साथ ही पंचकूला से सीधे सुनारियां जेल रोहतक चली गई। हिंसा में मेरा कहीं कोई रोल नहीं है। मेरा नाम भी बाद में एफआइआर में डाला गया।

याचिका में हनीप्रीत ने कहा, मुझे पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया, बल्कि मैंने 3 अक्टूबर 2017 को आत्मसमर्पण किया था। इस मामले में एफआइआर नंबर 345 के अन्य 15 आरोपितों को जमानत मिल चुकी है तो 245 दिन जेल में रहने के बाद मैं भी जमानत की हकदार हूं। महिला होने के नाते मुझे रियायत दी जानी चाहिए।

अदालत में जमानत याचिका पर बहस करते हुए हनीप्रीत के एडवोकेट ध्रुव गुप्ता ने कहा कि उसकी मुवक्किल को फंसाया जा रहा है। हनीप्रीत से पुलिस ने कोई रिकवरी नहीं की। न ही उससे कोई ऐसा सामान रिकवर हुआ, जो हिंसा के लिए प्रयोग किया गया हो। मौके पर कोई ऐसा सुबूत नहीं था, जिससे साबित हो कि उसने हिंसा की।

ध्रुव गुप्‍ता ने कहा कि हनीप्रीत घटना वाले दिन राम रहीम के साथ सीबीआइ कोर्ट में थी। उसके बाद हेलीकॉप्टर से ही रोहतक जेल चली गई थी। इसलिए कहीं भी साबित नहीं होता कि वह हिंसा में थी। ट्रायल में अभी समय है, इसलिए उसे जेल में बंद रखने का कोई मतलब नहीं बनता।

पुलिस ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि हनीप्रीत इस हिंसा और देशद्रोह की मुख्य षड्यंत्रकर्ता है। हिंसा में 40 लोगों की हत्याएं हुई हैं, जोकि इनके षड्यंत्र से हुई है। इसका विरोध करते हुए बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि जब इन्हीं आरोपों में 15 लोगों को जमानत मिल चुकी है तो हनीप्रीत को क्यों नहीं मिल सकती। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया। इस पर बुधवार को फैसला सुनाए जाने की संभावना थी, लेकिन आज इस पर सुनवाई नहीं हुई। अब इस पर बृहस्पतिवार को फैसला सुनाया जा सकरा है।

सेक्शन 439 के तहत रियायत की मांग की

हनीप्रीत ने याचिका में कहा कि सेक्शन 439 के तहत जमानत याचिका में महिला को रियायत देने की बात कही गई है। मैं 245 दिन जेल मे गुजार चुकी हूं। मैं कहीं भागने वाली नहीं हूं, क्योंकि जांच एजेंसी के पास मेरा पासपोर्ट जमा है। दूसरी अाेर, हनीप्रीत सहित अन्य आरोपितों पर आरोप तय करने के लिए अदालत में बहस 9 जुलाई को होगी।


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