आदमपुर उपचुनाव के रण में ताल ठोंकने को तैयार हुड्डा खेमा, प्रो. संपत की आज होगी कांग्रेस में वापसी
Sampat Singh in Congress हरियाणा के पूर्व मंत्री प्रो. संपत सिंह आज कांंग्रेस में वापसी करेंगे। उनके साथ प्रो.रामभगत और राधेश्याम शर्मा भी कांग्रेस में शामिल होंगे। माना जा रहा है कि प्रो. संपत सिंह सहारे हुड्डा खेमा आदमपुर सीट के उपचुनाव में ताल ठोंकेेगा।
चंडीगढ़, जेएनएन। Sampat Singh in Congress: हरियाणा की राजनीति कभी खासी धमक रखने वाले प्रो. संपत सिंंह आज एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हाेंगे। उनके साथ प्रो. रामभगत शर्मा और राधेश्याम शर्मा भी कांग्रेस में शामिल होंगे। यह लगभग तय माना जा रहा है कि प्रो. संपत सिंह आदमपुर सीट के उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर भजनलाल परिवार को चुनौती देंगे। इस तरह पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमा आदमपुर के रण में प्रो. संपत सिंह के सहारे ताल ठाेकेगा।
आदमपुर सीट पर कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे के कारण उपचुनाव होगा
दरअसल हरियाणा के हिसार जिले की आदमपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे के कारण होगा। कुलदीप ने कांग्रेस छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने से पहले हरियाणा विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने आदमपुर सीट के उपचुनाव के लिए तैयारी आरंभ कर दी है।
हिसार के आजाद नगर में पूर्व मंत्री प्रो. संपत सिंह कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए । (जागरण)
समर्थकों ने संपत सिंह के कांग्रेस में शामिल होने के निर्णय पर मुहर लगाई
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से पूर्व वित्त मंत्री प्रो. संपत सिंह को मिलाने के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र सिंह हुड्डा उन्हें सोमवार को कांग्रेस में शामिल कराएंगे। प्रो. संपत सिंह के अलावा प्रो. रामभगत और राधेश्याम शर्मा भी कांग्रेस में शामिल होंगे। यह दोनों नेता पूर्व विधायक हैं। केसी वेणुगोपाल से मुलाकात होने के बाद प्रो. संपत सिंह ने अपने समर्थकों की बैठक बुलाई। इसके आयोजक उनके बेटे गौरव संपत सिंह थे। बैठक में समर्थकों ने उन्हें कांग्रेस में शामिल होने पर सहमति जताई।
संपत ने 32 साल तक देवीलाल और ओमप्रकाश के साथ काम किया
बता दें कि संंपत सिंह हरियाणा राजनीति में 32 साल तक पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला के साथी रहे। इसके बाद वह 10 साल तक कांग्रेस में रहे। फिर वह भाजपा में शामिल हो गए थेे। भाजपा ने उन्हें 2019 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़वाया। हालांकि प्रोफेसर के मन में यह पीड़ा जरूर थी, लेकिन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चले आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए उन्होंने भाजपा से किनारा कर लिया।
संपत सिंह ने 2009 में कुलदीप बिश्नोई की माता जसमा देवी को नलवा से हराया था
इसके बाद वह किसी सियासी दल से नहीं जुड़े, हालांकि वह बीच-बीच में कई मुद्दोंं पर मुखर जरूर हुए। संपत सिंह हिसार की राजनीति में भजनलाल परिवार को चुनौती देते रहे हैंं। वह चुनावी सियासत भजनलाल परिवार को मात दे चुके हैं। उन्हाेंने 2009 में पूर्व सीएम भजनलाल की पत्नी व कुलदीप बिश्नोई की मां जसमा देवी को नलवा क्षेत्र से हरा चुके हैं।
कुलदीप बिश्नोई ने जैसे ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने की घोषणा की तो संपत सिंह ने कांग्रेस का रुख किया और वेणुगोपाल से मिले। कुलदीप बिश्नोई के विधायक पद से इस्तीफा देने से आदमपुर सीट खाली हो गई है और यहां अगले छह माह के भीतर उपचुनाव होना है।
कुलदीप बिश्नोई ने हुड्डा ने आदमपुर सीट से चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी
भूपेंद्र सिंह हुड्डा व दीपेंद्र हुड्डा इस उपचुनाव को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर जीत हासिल करने के लिए लड़ने की तैयारी में हैं। कुलदीप ने कांग्रेस छोड़ने व विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद हुड्डा को आदमपुर से चुनाव लड़ने की चुनौती दी। इस कारण हुड्डा ने आदमपुर से भजनलाल परिवार को कड़ी चुनौती देने की तैयारी शुरू कर दी।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमे के चौधरी उदयभान के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद यह पहला उपचुनाव होगा। माना जा रहा है कि वह (हुड्डा) प्रो. संपत सिंह के सहारे कुलदीप की चुनौती का जवाब देंगे। राज्यसभा का चुनाव में कुलदीप बिश्नोई की क्रास वोटिंग व एक वोट रद होने की वजह से कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन जीत नहीं पाए।
नारनौंद से पूर्व विधायक प्रो. रामभगत शर्मा पहले भी रह चुके हैं कांग्रेस में
पूर्व विधायक प्रो. रामभगत शर्मा। (फाइल फोटो)
नारनौंंदके पूर्व विधायक रामभगत शर्मा पहले भी कांग्रेस में रह चुके हैं। वह कांग्रेस छोड़कर 2019 में भाजपा पार्टी शामिल हुए थे और बाद में कृषि कानून को लेकर उन्होंने भाजपा को अलविदा कह दिया था। उसके बाद वह लगातार किसान व मजदूर के आंदोलनों में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे थे। कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मजबूत होने के बाद यह चर्चा चल रही थी कि शर्मा कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं।
1987 में सक्रिय राजनीति में आए थे रामभगत शर्मा
रामभगत शर्मा 1987 में सक्रिय राजनीति में आए व कांग्रेस संगठन में पदाधिकारी रहे। वह हरियाणा विकास पार्टी के प्रांतीय संगठन सचिव रहे। उन्होंने सन् 2000 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में सर्व जातीय महापंचायती उम्मीदवार के बैनर के नीचे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। वह उस समय तत्कालीन चौटाला सरकार के साथ मिलकर काम किया। शर्मा 2011 में वह कांग्रेस में शामिल हुए। 2019 के चुनाव में टिकट न मिलने से आहत होकर भाजपा में शामिल हुए।