गृह विभाग को छह घंटे में ही वापस लेना पड़ा डीजीपी का रिटायरमेंट आदेश, जानें क्या है वजह
हरियाणा सरकार जहां पुलिस महानिदेशक बीएस संधू को सेवा विस्तार देने की तैयारी में लगी है, वहीं गृह विभाग ने उनकी सेवानिवृत्ति के आदेश जारी कर दिए। हालांकि बाद में इसे वापस ले लिया गया।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में अफसरशाही क्या गुल खिला दे कुछ कहा नहीं जा सकता। इसका ताजा नमूना गत दिवस देखने को मिला। प्रदेश सरकार जहां पुलिस महानिदेशक बीएस संधू को सेवा विस्तार देने की तैयारी में लगी है, वहीं गृह विभाग ने उनकी सेवानिवृत्ति के आदेश जारी कर दिए। मामला सरकार के संज्ञान में आया तो करीब छह घंटे बाद गृह विभाग ने सेवानिवृत्ति आदेश वापस ले लिया। इससे डीजीपी को सेवा विस्तार मिलना तय हो गया है।
गृह विभाग की ओर से सुबह लिखित आदेश जारी किया गया कि डीजीपी बीएस संधू 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। वहीं प्रदेश सरकार ने महाराष्ट्र और पंजाब की तर्ज पर संधू को सेवा विस्तार देने के लिए फाइल केंद्र सरकार को भेज रखी है। गृह सचिव के आदेश जारी होते ही सियासी गलियारों में हलचल शुरू हो गई और मामला सरकार तक पहुंचा। सरकार की ओर से गृह सचिव को जब पूरे मामले से अवगत कराया गया तो उन्होंने आनन-फानन में चूक सुधारते हुए पहले जारी परिपत्र को रद करने के निर्देश जारी कर दिए।
शुरू में संधू को केवल तीन माह का सेवा विस्तार दिया जा सकता है, लेकिन हरियाणा सरकार की कोशिश संधू को अप्रैल 2019 तक सेवा विस्तार दिलाने की है। यह अवधि सात माह बनती है। तब तक संधू को डीजीपी के पद पर काम करते हुए दो साल पूरे हो जाएंगे।
केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अंतर्गत आने वाली केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति संबंधी समिति ने 28 अगस्त को महाराष्ट्र के डीजीपी डीडी पडसलगीकर एवं इसके बाद 11 सितंबर को पंजाब के डीजीपी सुरेश अरोड़ा को उनकी रिटायरमेंट के तत्काल बाद तीन-तीन माह का सेवा विस्तार दिया है।
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने कैबिनेट सचिवालय में आनलाइन आरटीआइ लगाकर इस बाबत सूचना प्रदान करने की मांग की, जिसके तहत केंद्र सरकार नियम 16(1) के अंतर्गत छूट प्रदान करते हुए आइएएस, आइपीएस अथवा आइएफएस अधिकारी को सेवा विस्तार दे सकती है।
दो साल के कार्यकाल के लिए करना होगा एक्ट में संशोधन
हरियाणा पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 6 (2) में राज्य के डीजीपी का कार्यकाल न्यूनतम एक साल निर्धारित है। एडवोकेट हेमंत कुमार के अनुसार अगर सरकार डीजीपी बीएस संधू को एक्सटेंशन देना चाह रही तो सरकार को अधिनियम में संशोधन कर डीजीपी के कार्यकाल को न्यूनतम एक वर्ष के बढ़ाकर दो वर्ष करना होगा।