Road Safety: जिंदगियां खत्म कर रही वाहनों की तीव्र गति, हरियाणा में 50% सड़क हादसे तेज रफ्तार के कारण
Road Safety हरियाणा में सड़कों पर वाहनाें की तेज रफ्तार बेशकीमती जिंदगियां खत्म कर रही हैं। राज्य में 50 प्रतिशत सड़क हादसे वाहनों की तेज रफ्तार के कारण होते हैं। वाहनाें के कारण सड़क हादसे में मृत्यु दर 50 प्रतिशत से अधिक है।
बिजेंद्र बंसल, चंडीगढ़। Road Safety: हरियाणा में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े बताते हैं कि तेज गति वाहनों से सबसे ज्यादा जानमाल की हानि होती है। हरियाणा में सड़क हादसों में 50 प्रतिशत से अधिक लोग तेज रफ्तार वाहनों के कारण मारे जाते हैंं। मो टर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 में ज्यादा जुर्माना लगाने के बावजूद आंकड़े इस बात के साक्ष्य हैं कि वाहनों की तेज गति से दुर्घटनाओं में कोई कमी नहीं आई।
राष्ट्रीय स्तर पर तेज गति वाहनों की दुर्घटनाओं में मृत्यु दर 29 फीसद
ऐसा भी नहीं है कि सिर्फ सरकारी प्रयास ही सड़क मार्ग पर तेज गति से वाहन चलाने वालों पर अंकुश लगाने के लिए किए गए हों, गैर सरकारी संस्थानों ने भी इसके लिए अथक प्रयास किए हैं। बड़े से लेकर छोटे ट्रांसपोर्टर तक ने अपने वाहन और उसके चालक की सुरक्षा के लिए वाहन में गति नियंत्रक लगवाए हुए हैं।
कुछ ने तो सेटेलाइट आधारित ग्लोबल पोजिसिनिंग सिस्टम (जीपीएस) भी लगवाए हुए हैं। लेकिन इस सबके बावजूद भारी वाहन हों या फिर हल्के वाहन, तय गति से तेज ही चलते मिलते हैं। यदि यह कहा जाए कि सड़कों पर तेज चलते ये वाहन जिंदगी को पीछे छोड़ रहे हैं, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं है।
सीसीटीवी कैमरे से बचने के लिए एप का इस्तेमाल कर रहे हैं वाहन चालक
सड़कों पर तेज गति पर होने वाले चालान से बचने के लिए वाहन चालक ऐसी मोबाइल एप का भी इस्तेमाल करते हैं जो उन्हें सीसीटीवी कैमरे की लोकेशन पहले ही बता देती है। ऐसे में यातायात विशेषज्ञ बताते हैं कि कुछ वाहन चालक जानबूझकर अपने वाहन की गति तेज रखते हैं। जबकि यातायात पुलिस ने सड़कों पर गति सीमा का निर्धारण दुर्घटनाएं रोकने के उद्देश्य से ही किया है। हरियाणा रोड सेफ्टी संगठन के वाइस चेयरमैन एसके शर्मा का कहना है कि ऐसी एप पर देशव्यापी प्रतिबंध होना चाहिए।
तेज गति करते समय याद नहीं रखते बुजुर्गों की सलाह
गुरुग्राम निवासी रामकुमार आर्य बताते हैं कि दो वर्ष पूर्व उनके दोनों बेटों को वाया केएमपी अंबाला जाना था। घर से चलते समय स्वयं उन्होंने और उनकी पत्नी ने दोनों बेटों को तीन बार सलाह दी थी कि वे गाड़ी धीमे चलाएं। यहां तक कह दिया था कि 80 की गति को पार नहीं करें। इसके बावजूद उनकी गति कम नहीं हुई और उनकी सड़क कुंडली से पहले खरखौदा के पास दुर्घटना हो गई। इसमें बड़े बेटे की मृत्यु भी हो गई। रामकुमार आर्य का कहना है कि अब बुजुर्गों की सलाह की बजाय वाहनों में गति नियंत्रक उपकरण ही लगाने अनिवार्य किए जाएं।
ज्यादा जुर्माना राशि भी वाहनों की तेज गति
मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 में ज्यादा जुर्माना राशि भी नहीं रोक पाई है। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो अब पिछले तीन साल से यातायात नियमों के उल्लंघन करने पर दो से दस गुना जुर्माना अदा करना पड़ता है लेकिन यह बढ़ी हुई जुर्माना राशि भी वाहनों की तेज गति को धीमा नहीं कर पाई।
हरियाणा में हुई सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े
वर्ष दुर्घटनाएं- मृत्यु- तेज गति के कारण दुर्घटनाएं- मृत्यु
- 2021- 11015 5931 6371 4121
- 2020- 10049 4983 6030 4588
- तेज गति वाहनों की दुर्घटनाओं में राष्ट्रीय मृत्यु दर,29.1 फीसद
- तेज गति वाहनों की दुर्घटनाओं में हरियाणा में मृत्यु दर, 52.30 फीसद
गति के तय मानक (किलोमीटर प्रति घंटा)
- शहर के अंदर- 40
- शहर से लगते अंतर राज्य मार्ग- 50
- सुरक्षा मानक पूरे करने वाले अंतर राज्य मार्ग- 80
- शहर से लगते राजमार्ग- 60
- सुरक्षा मानक पूरे करने वाले राजमार्ग- 80
- एक्सप्रेस वे- 120
'गति नियंत्रक उपकरण लगाना हो अनिवार्य'
'' सड़कों पर गति नियंत्रण के साइन बोर्ड से भी ज्यादा जरूरी है कि वाहनों में गति नियंत्रक उपकरण लगें। इसके लिए मानक तय होने चाहिए। तय से ज्यादा गति से वाहन चलाने वाले के तीन चालान होने के बाद उसके वाहन में गति नियंत्रक लगाना अनिवार्य कर दिया जाए। इसके लिए मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 में एक और संशोधन कर प्रविधान किया जाए।
- हरदीप महाजन, स्वतंत्र निदेशक, हरियाणा राज्य सड़क और पुल विकास निगम।