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Reservation In Private Job: हरियाणा में प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण के कानून पर हाई कोर्ट दोबारा करेगा सुनवाई

Reservation In Private Job पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट हरियाणा में निजी सेक्टर में नौकरियों में आरक्षण मामले पर दोबारा सुनवाई करेगा। मार्च माह में हाई कोर्ट ने इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब मामले में चार नवंबर को सुनवाई होगी।

By Jagran NewsEdited By: Kamlesh BhattPublished: Fri, 30 Sep 2022 05:01 PM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2022 05:01 PM (IST)
Reservation In Private Job: हरियाणा में प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण के कानून पर हाई कोर्ट दोबारा करेगा सुनवाई
Reservation In Private Job: निजी सेक्टर में आरक्षण मामले पर दोबारा होगी सुनवाई।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के लोगों को प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी हरियाणा सरकार के कानून पर दोबारा से सुनवाई की जाएगी। इस कानून के खिलाफ याचिका पर हाई कोर्ट ने 17 मार्च को फैसला सुरक्षित रखा था, लेकिन हाई कोर्ट इस मामले में अब दोबारा चार नवंबर से सुनवाई शुरू करेगा।

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हाई कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाने से पहले याची पक्ष औद्योगिक संगठन से कुछ स्पष्टीकरण मांगा है। जस्टिस एजी मसीह, जस्टिस अरुण मोंगा व जस्टिस संदीप मुद्गल की बेंच ने एक कानूनी बिंदु पर वरिष्ठ अधिवक्ता अनुपम गुप्ता से अधिनियम के संदर्भ में संविधान के अनुच्छेद 19 और अनुच्छेद 21 के बीच संबंध के मुद्दे को स्पष्ट करने को कहा है।

वरिष्ठ अधिवक्ता अनुपम गुप्ता आइएमटी मानेसर व अन्य याची पक्षों की तरफ से पैरवी कर रहे हैं, जिन्होंने रोजगार अधिनियम 2020 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी हुई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इस मामले पर 16 मार्च 2022 तक हाई कोर्ट ने फैसला देना था।

तीन फरवरी को जस्टिस तिवारी की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य में कानून के लागू करने पर पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर जस्टिस अजय तिवारी की पीठ पर यह आरोप लगाया कि उनको सुने बगैर यह आदेश पारित किया गया है। 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण न देने पर कंपनियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई पर रोक लगाते हुए आरक्षण पर रोक के आदेश को रद कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक के फैसले में कारण नहीं बताया, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को इस मामले में दोबारा सुनवाई कर चार सप्ताह में निपटारे का आदेश दिया था।

मामले में फरीदाबाद व गुरुग्राम के औद्योगिक संगठनों ने याचिका दायर कर हरियाणा में 15 जनवरी 2022 से लागू रोजगार गारंटी कानून पर रोक लगाने की मांग कर रखी है। रोजगार गारंटी कानून के तहत प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों, खासकर उद्योगों में हरियाणा के युवाओं को 75 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रविधान है।


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