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दिल्ली-अमृतसर हाईवे पर किसानों के प्रदर्शन मामले में चढ़ूनी व सरकार को हाई कोर्ट का नोटिस, कहा- मार्ग खुलवाएं

दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाईवे पर शाहबाद में किसानों के रोड जाम का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। हाई कोर्ट ने मामले में गुरनाम सिंह चढ़ूनी व हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है। कहा कि सौहार्दपूर्ण ढंग से मामला सुलझाने की जरूरत है।

By JagranEdited By: Kamlesh BhattPublished: Sat, 24 Sep 2022 03:22 PM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 03:22 PM (IST)
दिल्ली-अमृतसर हाईवे पर किसानों के प्रदर्शन मामले में चढ़ूनी व सरकार को हाई कोर्ट का नोटिस, कहा- मार्ग खुलवाएं
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने शुक्रवार देर रात के घटनाक्रम में हरियाणा सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि शाहाबाद में दिल्ली-अमृतसर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 को बिना किसी बाधा के यातायात और आवाजाही के लिए खुला रखा जाए, ताकि जनता को असुविधा न हो।

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हालांकि हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि जिस कारण से ऐसी स्थिति पैदा हुई है, उसे सुलझा लिया जाए, ताकि कानून-व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यह आदेश तुरंत लागू करने की जरूरत है, लेकिन इसमें सावधानी बरतने व मामला सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने की जरूरत है।

कोर्ट ने यह भी साफ किया कि बल प्रयोग का सहारा अंतिम विकल्प के रूप में होना चाहिए और वह भी तब जब प्रशासन के पास कोई अन्य रास्ता न हो। जस्टिस एजी मसीह और जस्टिस आलोक जैन की विशेष रूप से गठित खंडपीठ ने शुक्रवार देर रात ये आदेश पारित किए हैं। खंडपीठ ने भारतीय किसान संघ (चढ़ूनी ) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी को भी नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब तलब किया है, क्योंकि उनके किसान संघ द्वारा रोड ब्लाक किया गया है।

कोर्ट ने मामले को आगे की सुनवाई सोमवार के लिए स्थगित करते हुए मुख्य सचिव को स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।यह मामला हाई कोर्ट के एक वकील द्वारा शुक्रवार देर रात दायर एक याचिका के मद्देनजर हाई कोर्ट के समक्ष पहुंचा था, जिसमें किसानों द्वारा टैंट, ट्रैक्टर और ट्रालियों को खड़ा कर एनएच-44 पर किसानों द्वारा लगाए गए अवरोध व नाकाबंदी को हटाने के निर्देश देने की मांग की गई थी।

कोर्ट में यह तर्क दिया गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग को आंदोलनकारियों द्वारा अवरुद्ध नहीं किया जा सकता है। यह पूरी तरह से अवैध है। सुप्रीम कोर्ट सहित विभिन्न अदालतों द्वारा दिए आदेश में स्पष्ट रूप से माना गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग की आवाजाही को प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है।

याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि नाकाबंदी के परिणामस्वरूप एक तो कुरुक्षेत्र से आगे और दूसरी तरफ अंबाला से आगे की तरफ से ट्रैफिक जाम लग गया है। इस जाम को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग एक जीवन रेखा है, जो न केवल हरियाणा बल्कि पंजाब, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल और यूटी चंडीगढ़ के साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को जोड़ता है।


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