Coronavirus के खिलाफ जंग में बढ़ रहे मदद के हाथ, महामारी से निपटने को विरोधी सरकार के साथ
Coronavirus के खिलाफ जंग में मदद के हाथ बढ़ रहा है। जेजेपी ने 51 लाख रुपये दिए हैं। इस जंग में सभी दल सरकार का साथ दे रहे हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़/नई दिल्ली। Corornavirus के खिलाफ जंग में चहुंओर मदद के हाथ उठ रहे हैं। हरियाणा के राजनीतिक दलों ने कोरोना की महामारी से निपटने के लिए सरकार का साथ देने का निर्णय लिया है। कई सांसद और विधायक भले ही अपने कोटे से राहत कोष में अनुदान देने का ऐलान कर चुके, लेकिन डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जनननायक जनता पार्टी पहला ऐसा राजनीतिक दल है, जिसने कोरोना वायरस से बचाव के लिए कोरोना रिलीफ फंड में 51 लाख रुपये की राशि प्रदान की है।
कोरोना रिलीफ फंड की शुरुआत मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की है। जजपा की छात्र विंग इनसो के प्रधान दिग्विजय सिंह चौटाला ने पार्टी के वरिष्ठ साथियों राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनंत राम तंवर और कुमारी फूलवती के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल को 51 लाख रुपये की राशि प्रदान की। इससे पहले इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला कोरोना रिलीफ फंड में अपना एक साल का पूरा वेतन और निजी कोष से 5 लाख रुपये देने का ऐलान कर चुके हैं, लेकिन राजनीतिक दल के तौर पर ऐसी पहली जजपा के अलावा अभी तक किसी ने नहीं की है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जब कोरोना रिलीफ फंड की शुरुआत की थी, तब उन्होंने पांच लाख रुपये खुद भी दिए थे। डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला कोरोना रिलीफ फंड में अपना वेतन देने का ऐलान कर चुके हैं। दिग्विजय चौटाला के अनुसार पार्टी कोरोना महामारी से बचाव के लिए हरसंभव मदद करेगी। पार्टी की युवा इकाई ही नहीं छात्र संगठन इनसो के युवा भी लोगों की हरसंभव मदद करेंगे। जरूरतमंदों को ठहरने व खाने की किसी तरह की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।
राज्य के अधिकतर सांसद व राज्यसभा सांसद अपने कोटे से आर्थिक सहयोग दे चुके हैं, लेकिन यह राशि उन्होंने अपने निजी कोटे से नहीं दी है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने पीएम रिलीफ फंड और सीएम रिलीफ फंड में 1-1 करोड़ देने का ऐलान किया है।
पशुओं और पक्षियों के लिए आगे आ रही समाजसेवी संस्थाएं
लॉकडाउन के दौरान बेसहारा पशुओं और पक्षिओं के लिए भी मुश्किल खड़ी हो गई है। फिलहाल इनके लिए चारा-पानी का इंतजाम करने को कुछ सामाजिक संस्थाएं आगे आई हैं। इन संस्थाओं में पूर्व उद्योग मंत्री विपुल गोयल की संरक्षित नव चेतना ट्रस्ट ने रविवार अनेक सामाजिक संस्थाओं से इसके लिए पूरे राज्य में मुहिम चलाने की अपील की। खुद विपुल गोयल ने कहा कि लोग लॉक डाउन के दौरान बेसहारा पशुओं के लिए चारा अवश्य डालें तथा पक्षियों के लिए दाना-पानी अपनी छतों पर ही डालें। गोयल इन खुद इसकी शुरूआत अपने कार्यालय से की। इस दौरान गोयल ने संस्था के पदाधिकारियों के साथ फरीदाबाद से दिल्ली बॉर्डर तक बाइपास मार्ग पर बेसहारा पशुओं के लिए चारा भी डाला।
अरावली में बंदरों के लिए भिजवाए जाएंगे केले
नवचेतना ट्रस्ट और भारतीय स्वाभिमान ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने अरावली क्षेत्र में बंदरों के लिए भुने हुए चने और केले भिजवाने का बीड़ा उठाया है। बता दें, लॉक डाउन के दौरान बंदर भूख से शनिवार ही अरावली से निकलकर गुरुग्राम-फरीदाबाद मार्ग पर आ गए। इक्का-दुक्का गाड़ियों को देखकर वे उनकी ओर झपट रहे थे। तभी कुछ पुलिस कर्मियों ने एक केले के ट्रक से कुछ केले लेकर इन भूखे बंदरों तक पहुंचाया था। बल्लभगढ़ में वन्य जीव संस्था जीव कल्याण के संयोजक राजीव गर्ग के अनुसार अरावली में यदि वन्य जीव खासतौर पर बंदर भूखे रहते हैं तो वे शहर की तरफ रुख करेंगे। इससे लॉक डाउन में लोगों के लिए परेशानी हो जाएगी।
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