हरियाणा के युवाओं की टोली मुहिम, भगत सिंह के संग राजगुरु और सुखदेव को दिलाएंगे शहीद का दर्जा
Shaheed Bhagat Singh हरियाणा के युवाओं की टोली ने बड़ी मुहिम शुरू की है। ये युवा अमर बलिदानी भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव को शहीद का दर्जा दिलाएंगे। इनको साथ हरियाणा की पूर्व मंत्री कविता जैन और सीएम मनोहरलाल के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन का साथ मिला है।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। Haryana youth Campaign: आजादी की लड़ाई के मतवाले सरदार भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को शहीद का दर्जा दिलाने की मुहिम हरियाणा से शुरू हो गई है। देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की परवाह नहीं करने वाले भगत सिंह समेत इन तीनों क्रांतिकारियों को शहीद का दर्जा दिलाने की लड़ाई सड़क से संसद तक लड़ी जाएगी। यह जिम्मा उठाया है हरियाणा के युवाओं की एक टोली ने। इसके लिए शहीद भगत सिंह सम्मान समिति का गठन किया गया है। इसकी बागडाेर हरियाणा की पूर्व मंत्री कविता जैन और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन संभाल रहे हैं।
पूर्व मंत्री कविता जैन और सीएम के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने युवाओं संग शुरू की मुहिम
हाल ही में उन्होंने सोनीपत में बैठक का आयोजन कर सैकड़ों युवाओं को शहीद भगत सिंह सम्मान समिति से जोड़ा है। भगत सिंह को शहीद का दर्जा दिलाने की लड़ाई हालांकि पिछले काफी समय से लड़ी जा रही है, लेकिन यह सम्मान समिति अब हरियाणा विधानसभा में प्रस्ताव पास कराने से लेकर देश की संसद तक में अपने इस प्रयास के लिए मुहिम चलाएगी। करनाल की सामाजिक संस्था निफा के बैनर तले प्रितपाल सिंह पन्नू और नेशनल एंटी करप्शन समिति के जरिये नरेंद्र अरोड़ा भी शहीद भगत सिंह को शहीद का दर्जा दिलाने की मांग लंबे समय से करते चले आ रहे हैं।
करनाल के सामाजिक कार्यकर्ता प्रितपाल पन्नू, प्रवेश गाबा और नरेंद्र अरोड़ा भी लड़ रहे लंबे समय से लड़ी
शहीद ए आजम भगत सिंह के प्रपौत्र एवं युवा आयोग हरियाणा के पूर्व अध्यक्ष यादविंदर सिंह ने भी कई बार कोशिश की है कि उनके दादा को शहीद का दर्जा मिले, लेकिन सामूहिक प्रयासों के अभाव में वह अपनी मांग पूरी नहीं करा सके हैं। यादविंदर सिंह का कहना है कि वह देश मे सभी नेताओं के सामने इस मामले को उठा चुके हैं। मना किसी ने किया नहीं और अबतक कुछ हुआ नहीं। हमारे शहीदों को यह सम्मान मिलना ही चाहिए।
पूर्व मंत्री कविता जैन व उनके पति राजीव जैन से जब राज्य भर के सैकड़ों युवक आकर मिले तो उन्होंने समिति का ही गठन कर डाला। राजीव जैन का कहना है कि हम अमर बलिदानी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को शहीद का दर्जा दिलाने की लड़ाई सड़क से लेकर संसद तक लड़ने को तैयार हैं। युवाओं में इन तीन महान शहीदों को अब तक शहीद का दर्जा न दिए जाने को लेकर जबरदस्त आक्रोश है।
उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के अधिकतर शहरों में शहीद भगत सिंह के नाम पर चौक हैं। इनकी जगह-जगह मूर्तियां लगी हुई हैं। यहां तक कि मंदिरों में भी इन तीन शहीदों की मूर्तियों की पूजा होती है, फिर सरकारों को शहीद का दर्जा देने में हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए।
राजीव जैन, प्रितपाल सिंह पन्नू, प्रवेश गाबा और नरेंद्र अरोड़ा का कहना है कि इतिहास इस बात का साक्षी है कि लाला लाजपत राय के हत्यारों अंग्रेज पुलिस अधिकारी जेपी सांडर्स की हत्या तथा साइमन कमीशन के विरोध में असेंबली में बम फोड़े जाने से आहत अंग्रेज सरकार ने इन्हें आतंकवादी करार दे दिया था और पाठ्यक्रमों में भी यही पढ़ाया जाने लगा था। देश आजाद होने के बाद तक भी पाठ्यक्रम में इन्हें आतंकवादी ही करार दिया जाता था। भारी विरोध के बाद पाठ्यक्रम की पुस्तकों से यह तो हटा दिया गया, लेकिन शहीद का दर्जा नहीं दिया गया। इसके लिए सभी मिलकर लड़ाई लड़ेंगे।
राजीव जैन के अनुसार हमारी प्राथमिकता है कि इन शहीदों के माथे से आतंकवादी का दाग हटना चाहिए। जम्मू विवि के प्रोफेसर एम ताजुद्दीन ने दिसंबर 2018 में भगत सिंह को कथित तौर पर आतंकी कहा था और बाद में हुए विरोध के बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी। फिर कोई ऐसी हिमाकत न कर सके, इसके लिए इन्हें शहीद का दर्जा दिया जाना अब आवश्यक ही नहीं, देश की प्रतिष्ठा का सवाल है।