पंजाब से अपना हिस्सा लेने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित करेगा हरियाणा
हरियाणा विधानसभा भवन में पंजाब से अपना हिस्सा लेने के लिए सक्रिय हो गया है। इसके लिए हरियाणा विधानसभा के सत्र में प्रस्ताव पारित किया जाएगा। विधानसभा भवन में हरियाणा को अपने हिस्से के 20 कमरे नहीं मिले हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। विधानसभा भवन में पंजाब में हरियाणा के 13 फीसद हिस्से पर अपना कब्जा कर रखा है। पंजाब से अपना हक लेने के लिए हरियाणा अब सक्रिय हो गया है। इसके लिए हरियाणा विधानसभा के सत्र में प्रस्ताव पारित किया जाएगा। वर्ष 1966 में पंजाब से अलग होने के बाद विधानसभा में हरियाणा के लिए 40 फीसद हिस्सेदारी तय हुई थी, लेकिन उसे मिली सिर्फ 27 फीसद जगह। विधानसभा में हरियाणा के हिस्से के 20 कमरों पर पंजाब कब्जा जमाए हुए है।
विधानसभा भवन में 54 साल से हरियाणा के हिस्से के 20 कमरे नहीं दे रहा पंजाब
कोरोना के चलते 26 अगस्त से स्थगित चल रहा विधानसभा का मानूसन सत्र 5 नवंबर को फिर शुरू होने जा रहा है। हालांकि अब यह शरदकालीन सत्र की तर्ज पर चलेगा। बरोदा उपचुनाव के तुरंत बाद बुलाए गए सत्र में पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण और निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75 फीसद आरक्षण जैसे अहम बिल पारित कराए जाएंगे। दोनों बिलों पर सैद्धांतिक तौर पर फैसला सरकार पहले ही कर चुकी है। साथ ही पिछली बैठक में पेश भूमि अधिगृहण बिल के साथ ही अन्य लंबित विधेयकों पर चर्चा होगी और तमाम विधायी कामकाज पूरा किया जाएगा।
दो दिन चलेगा सत्र
विधानसभा सचिवालय सत्र की तैयारियों में जोर-शोर से जुटा है। हालांकि सदन की अवधि विधायी कार्यों और बिलों के आधार बिजनेस एडवाइजरी कमेटी तय करेगी, लेकिन पूरी संभावना है कि सत्र दो दिन चलेगा। पिछली बैठक में महामारी के चलते भले ही प्रश्नकाल नहीं हो पाया, लेकिन इस बार विधायकों को अपने हलकों से जुड़े मुद्दों पर सरकार को घेरने का पूरा मौका मिलेगा।
प्रश्नकाल के लिए अभी तक विधायकों के 457 प्रश्न पहुंच चुके हैं। इनमें 370 तारांकित प्रश्न हैं और 83 अतारांकित। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता की मौजूदगी में बुधवार को ड्रा के जरिये सदन में उठाने वाले सवाल तय किए जाएंगे। अभी तक विधानसभा सचिवालय में 34 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पहुंच चुके हैं और चार काम रोको प्रस्ताव कांग्रेस और इनेलो विधायकों ने दिए हैं।
विपक्ष नहीं ला पाएगा प्राइवेट मेंबर बिल
केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्राइवेट मेंबर बिल लाने की तैयारी में लगे विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड््डा को झटका लगा है। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि प्राइवेट मेंबर बिल लाने के लिए 15 दिन पहले सचिवालय को सूचना देनी होती है। अब सत्र के दोबारा शुरू होने में सिर्फ 12 दिन बाकी हैं। ऐसे में प्राइवेट बिल लाने को मंजूरी नहीं दी जा सकती।
------
'हक के लिए केंद्र पर टिकी उम्मीद
'' विधानसभा में पंजाब से अपने हिस्से की जगह लेने के लिए मानसून सत्र में सदन से प्रस्ताव पारित कराया जाएगा। चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश है, इसलिए हमने मामले को केंद्रीय गृह मंत्रालय के समक्ष भी पहुंचाया है। सत्र के लिए कोविड-19 के संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन और केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी हिदायतों के अनुसार तैयारी की जा रही है। इस बार भी विधायकों का सीटिंग प्लान पिछली बैठक की तरह होगा और दर्शक दीर्घा व वीआइपी दीर्घा नहीं रहेगी। पत्रकारों के लिए प्रेस गैलरी हरियाणा निवास में बनाई जाएगी।
- ज्ञानचंद गुप्ता, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष।