ई-कामर्स कंपनियों को टैक्स के दायरे में लाएगा हरियाणा, जल्द हो सकती है पालिसी तैयार
हरियाणा सरकार ई कामर्स कंपनियों को टैक्स के दायरे में लाने की तैयारी में है। अभी तक ये कंपनियां टैक्स नहीं देती हैं। अगर इन कंपनियों से टैक्स मिले तो हरियाणा के खजाने पर काफी असर पड़ेगा ।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार की निगाह इंटरनेट के जरिये कारोबार करने वाली कंपनियों पर है। प्रदेश सरकार को लगता है कि ई-व्यापार करने वाली कंपनियों से अच्छा राजस्व प्राप्त हो सकता है। अभी तक यह कंपनियां सरकार को कोई राजस्व नहीं देती। हरियाणा के आबकारी एवं कराधान मंत्री के नाते डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने विभागीय अधिकारियों को ई-कामर्स कंपनियों से राजस्व अर्जित करने की संभावनाएं तलाश करने को कहा है। अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ई-कामर्स कंपनियों के लिए पालिसी तैयार कर सकती है।
केंद्र सरकार ने ई-कामर्स कंपनियों को लेकर नए नियमों की अधिसूचना पहले ही जारी कर रखी है। अब ई-कामर्स कंपनियों पर मिलने वाले उत्पादों पर यह लिखना जरूरी है कि सामान कहां बना है। अगर कोई कंपनी इस नियम का पालन नहीं करती तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। केंद्र के इस फैसले के बाद कई कंपनियों ने अपने उत्पादों पर देश का नाम लिखने की प्रतिबद्धता जताई है, लेकिन बात राजस्व अर्जित किए जाने की है। हजारों कंपनियां ऐसी हैं, जो ई-कारोबार कर रही हैं, लेकिन वह सरकार को राजस्व प्रदान नहीं करती।
हरियाणा सरकार ने विभागीय अधिकारियों को ऐसी कंपनियों की सूची बनाकर उन्हें टैक्स के दायरे में लाने की कार्य योजना पर आगे बढ़ने का खाका तैयार किया है। केंद्र सरकार के नए नियमों में इस बात का प्रावधान है कि ई-कामर्स कंपनियों को रिटर्न, रिफंड, उपभोक्ताओं को डिलीवर होने वाले सामान को बदलने, वारंटी और गारंटी सहित अन्य जरूरी सूचनाएं सार्वजनिक करनी होंगी।
चालू वित्त वर्ष के अंत तक आबकारी एवं कराधान विभाग के कार्यालयों में इंटरनेट सुविधा तथा सिस्टम में बेहतरी की कार्ययोजना भी तैयार की जा रही है। इसके अलावा, अभी जीएसटी के माडल-एक साफ्टवेयर पर काम हो रहा है और जल्द ही जीएसटी का माडल-दो साफ्टवेयर शुरू हो जाएगा।
हरियाणा सरकार का पूरा फोकस राजस्व बढ़ाने पर है। कोविड की वजह से राजस्व में करीब 12 हजार करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है, लेकिन आबकारी एवं कराधान विभाग राजस्व अर्जित करने के अपने लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है। कोविड से पहले इस विभाग का चालू वित्त वर्ष के लिए 40 हजार करोड़ रुपये राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य रखा गया था।
कठिन परिस्थितियों के बावजूद 27 जनवरी तक आबकारी एवं कराधान विभाग ने 35 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व अर्जित कर लिया है। वित्तीय वर्ष खत्म होने में अभी लगभग दो महीने का समय बचा है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को उम्मीद है कि इस लक्ष्य को पार कर लिया जाएगा। दुष्यंत ने माना कि उन्होंने अधिकारियों को राजस्व अर्जित करने के नए उपायों पर मंथन करने को कहा है। इसमें ई-कामर्स कंपनियों से बेहतर राजस्व प्राप्त करने के लिए विचार करने का प्रावधान भी शामिल है।