Move to Jagran APP

हरियाणा के सीनियर आइएएस अफसर खेमका का 54वीं बार तबादला, फिर विज के महकमे में बने प्रधान सचिव

Ashok Khemka हरियाणा के चर्चित वरिष्‍ठ आइएएस अफसर डा. अशाेक खेमका का एक और तबाादला हाे गया है। हरियाणा सरकार ने उनका 54वीं बार तबादला किया है। उनको एक बार फिर राज्‍य के सीनियर मंत्री अनिल विज के विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 10:35 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 03:37 PM (IST)
हरियाणा के सीनियर आइएएस अफसर खेमका का 54वीं बार तबादला,  फिर विज के महकमे में बने प्रधान सचिव
हरियाणा के वरिष्‍ठ आइएएस अफसर अशोक खेमका और हरियाणा के गृह व स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री अनिल विज। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Ashok Khemka:  हरियाणा के चर्चित वरिष्‍ठ आइएएस अफसर डा. अशोक खेमका का एक और तबादला हो गया है। अपने ट्वीट और कार्यशैली को लेकर अकसर चर्चाओं में रहने वाले आइएएस अफसर डा. अशोक खेमका का 54वीं बार तबादला किया गया है। खेमका को करीब दो साल बाद फिर से कैबिनेट मंत्री अनिल विज के साथ लगाया गया है। जजपा कोटे के इकलौते राज्यमंत्री अनूप धानक के महकमे में अभिलेख, पुरातत्व एवं संग्रहालय के प्रधान सचिव का काम देख रहे खेमका अब फिर से विज्ञान एवं तकनीकी विभाग के प्रधान सचिव होंगे। इसके अलावा उन्हें मत्स्य विभाग की भी जिम्मेदारी मिली है जो कैबिनेट मंत्री जेपी दलाल के पास है।

loksabha election banner

विज्ञान एवं तकनीकी विभाग के प्रधान सचिव पद से अमित झा की छुट्टी, खेमका को कमान

स्थानीय शहरी निकाय और कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग संभाल रहे अरुण कुमार गुप्ता को अभिलेख, पुरातत्व एवं संग्रहालय के प्रधान सचिव का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। विज्ञान एवं तकनीकी विभाग के प्रधान सचिव अमित झा को इस पद से हटाते हुए खेमका को यह जिम्मेदारी दी गई है। 27 नवंबर 2019 को अभिलेख, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की जिम्मेदारी सौंपे जाने से पहले खेमका विज्ञान एवं तकनीकी महकमा ही संभाल रहे थे। 1991 बैच के आइएएस अशोक खेमका का 30 साल के कार्यकाल में यह 54वां तबादला है।

अरुण कुमार गुप्ता को अभिलेख, पुरातत्व एवं संग्रहालय के प्रधान सचिव का अतिरिक्त कार्यभार

गौरतलब है कि खेमका से अनिल विज की पटरी खूब बैठती रही है। खेल विभाग के प्रधान सचिव रहते खेमका को खेल मंत्री के नाते अनिल विज ने उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में 10 में से 9.92 अंक दे दिए थे। साथ ही यह टिप्पणी भी की कि उन्होंने तीन साल में 20 से अधिक आइएएस अफसरों के साथ काम किया, लेकिन कोई भी अधिकारी उनके करीब नहीं था। हालांकि बाद में मुख्यमंत्री ने खेमका के अंक घटाते हुए प्रतिकूल टिप्पणी की थी जिसका विवाद हाई कोर्ट तक पहुंचा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.