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वाजपेयी के निधन से शोक में डूबा हरियाणा, विधानसभा का सत्र स्‍थगित

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से हरियाणा में शोक छा गया है। सभी दलाें के नेताओं ने संवेदना जताई है। विधानसभा का कल से शुरू होने वाला सत्र स्‍थगित कर दिया गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 16 Aug 2018 06:33 PM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 09:25 AM (IST)
वाजपेयी के निधन से शोक में डूबा हरियाणा, विधानसभा का सत्र स्‍थगित

जेएनएन, चंडीगढ़। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से पंजाब एवं हरियाणा में शोक छा गया। भाजपा सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताआें ने शोक जताया है। आम लोग भी काफी दुखी हैं। लाेगों की आंखों में आंसू हो हैं। वाजपेयी जी के देहावसान के कारण हरियाणा विधानससभा कल से शुरू होने वाला मॉनसून सत्र स्‍थगित कर दिया गया है। सत्र अब सितंबर में होगा। वहीं, सरकार ने शुक्रवार को सरकारी अवकाश की घोषणा की है। मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल ने पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर गहरा शोक जताया है।

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सीएम मनोहरलाल ने देश और भाजपा के लिए अपूरणीय क्षति बताया

भाजपा के नेताओं ने इसे देश और पार्टी के लिए अपूरणीय क्ष‍ति बताया है। कांग्रेस और इनेलाे के नेताआें ने भी वाजपेयी जी के निधन पर गहरा शोक और दुख जताया है। नेताआें ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी किसी दल के नहीं पूरे देश के नेता थे। उनका देश के लिए उनके योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

वाजपेयी की तबीयत बिगड़ने के बाद से ही सुबह से लोग दुखी और चिंति‍त थे। लोग सुबह से ही मंदिरों व धार्मिक स्‍थलों पर विशेष पूजा-अर्चना कर रहे थे। कई जगह हवन भी किए गए, लेकिन शाम में 5.05 बजे निधन होने की खबर मिलते ही मातम पसर गया। लोगों की आंखों से आंसू निकल गए।

मनोहर लाल ने वाजपेयी के निधन को देश, राजनीति और भाजपा के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।  मुख्यमंत्री ने वाजपेयी को एक महान नेता, कवि और प्रखर वक्ता बताया। उन्हाेंने कहा कि वह एक सच्चे राष्ट्रवादी और दूरदर्शी राजनेता थे। उन्‍होंने अपने विलक्षण नेतृत्‍व से देश के राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया था। उनका लोगों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सम्मान किया।

उन्होंने कहा कि तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजयेपी में नेतृत्व क्षमता और संगठनात्मक कौशल कूट-कूट कर भरा था। प्रधानमंत्री के रूप में देश और देश की अर्थ व्यवस्था में उनका योगदान देश के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा। देश को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने की उनकी प्रतिबद्धता और असीमित उत्साह अद्भूत था। उन्होंने आर्थिक सुधार करने और पोखरण में परमाणु प्रशिक्षण करके भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र बनाने का मार्गप्रशस्त किया।

उन्‍होंने कहा कि वाजपेयी साहित्य, राजनीति और सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में देश ही नहीं दुनिया में एक सम्मानित व्यक्ति थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके निधन से देश ने एक बहुमुखी प्रतिभा को खो दिया है जो हमेशा गरीबों और जरूरतमंदों के साथ खड़े रहते थे।

दूसरी ओर, वाजपेयी के निधन के कारण हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र स्थगित कर दिया गया है। यह अधिवेशन 17 अगस्‍त से शुरू होने वाला था। विधानसभा स्पीकर कंवरपाल गुर्जर ने इसकी पुष्टि की। उन्‍होंने कहा कि सभी दलों के प्रमुख नेताओं से बातचीत कर सत्र स्थगित किया गया है। माॅनसून सत्र की नई तिथि जल्द ही तय की जाएगी।

वाजपेयी जी के निधन पर नेताओं की प्रतिक्रिया

राष्ट्रहित को हमेशा तरजीह

अटल बिहारी वाजपेयी के मेधावी नेतृत्व ने न केवल देश को दिशा दी, बल्कि भारत के विकास में एक अभूतपूर्व भूमिका भी अदा की। उनके नेतृत्व में ही वैश्विक स्तर पर दूसरे देशों से संंबंधों में सुधार आया। उन्होंने हमेशा इन संबंधों में देश के हितों को सर्वोपरि रखा। उनके द्वारा उठाए गए साहसिक कदमों में से एक पाकिस्तान के साथ सामान्य संबंध स्थापित करने का था जिसको इतिहास हमेशा याद रखेगा। उनके निधन से अपूरणीय क्षति हुई है जिसे कभी भरा नहीं जा सकेगा।
-कृष्ण लाल गुर्जर, केंद्रीय राज्य मंत्री।
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अजातशत्रु को खोया

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से भारतीय राजनीति के एक युग का अंत हो गया है। भारतमाता का महान सपूत चिरनिद्रा में सो गया। हमने एक महान राष्ट्रवादी देशभक्त, उदार व विशाल हृदय दूरदर्शी राजनीतिज्ञ और लोकप्रिय नेता को खो दिया है। वे एक दल में रहते हुए भी दलगत राजनीति से ऊपर थे। इसीलिए अजातशत्रु थे जिनका सम्मान देश के हर दल के नेता करते थे।
-प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी, राज्यपाल।
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पूर्व पीएम का निधन अपूर्णीय क्षति

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में इनेलो ने 18 अगस्त का प्रस्तावित प्रदेशव्यापी बंद स्थगित कर दिया है। उनके निधन से भारतीय राजनीति में जो स्थान रिक्त हुआ है, उसे चिरकाल तक भरा नहीं जा सकता। उनकी सोच हमेशा धर्मनिरपेक्ष थी और उन्होंने हमेशा हर पार्टी के व्यक्तिका सम्मान किया। स्वर्गीय वाजपेयी ने देश का नेतृत्व ऐसे मौके पर किया जब राजनीतिक विचारधारा अस्थिरता के दौर से गुजर रही थी।
-अभय सिंह चौटाला, विपक्ष के नेता।
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विचारों का अनुसरण सच्ची श्रद्धांजलि

अटल बिहारी वाजपेयी को विनम्र नमन। राजनीतिक विचारधारा की भिन्नता को उन्होंने कभी कड़वाहट में नहीं बदला। कोई विचारधारा उनके द्वारा भारत के उदारवादी मूल्यों के निर्वहन व सब को राजधर्म का आभास कराने से नहीं रोक पाई। उनके उदारवादी विचारों का अनुसरण ही सच्ची श्रद्धांजलि है।
-रणदीप सुरजेवाला, कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी।
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हार नहीं मानूंगा का जीवन मंत्र

पूर्व प्रधानमंत्री के निधन से पूरा देश शोकाकुल है। उन जैसे सपूत को खोकर भारत माता की आंखों में भी आंसू हैं। उन्होंने विचारधारा आधारित राजनीति की और वह ऐसे बिरले राजनेता थे जिन्होंने समाज के हर वर्ग से स्नेह प्राप्त किया। उनका व्यक्तित्व इतना विशाल रहा कि विरोधी भी तारीफ किए बगैर नहीं रह सकते। उन्होंने 'हार नहीं मानूंगाÓ के जीवनमंत्र के साथ जीवन जिया और दूसरों के लिए आदर्श भी स्थापित किया।
-कैप्टन अभिमन्यु, वित्त मंत्री
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देश ने खो दिया सच्चा सपूत

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर बहुत दुख हुआ। देश ने एक महान व्यक्तित्व व सच्चे सपूत को खो दिया है। देश की राजनीति में उनके रिक्तस्थान को कभी भरा नहीं जा सकेगा। वह केवल राजनेता ही नहीं बल्कि जन नेता थे। वह हमेशा प्रेरणास्रोत बने रहेंगे। ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान देकर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। 
-अशोक अरोड़ा, इनेलो प्रदेशाध्यक्ष।

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मजबूत स्तंभ ढहा

राजनीति का एक मजबूत स्तंभ ढह गया। उनके निधन से एक समर्पित, कर्मठ और निष्ठावान व्यक्तित्व हमारे बीच से चला गया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भारत माता के एक ऐसे सपूत थे, जिन्होंने स्वतंत्रता से पूर्व और पश्चात भी अपना जीवन देश और देशवासियों के उत्थान एवं कल्याण हेतु जिया और जिनके कार्यों से देश का मस्तक ऊंचा हुआ।
-रामबिलास शर्मा, शिक्षा मंत्री।

भारत को बनाया परमाणु शक्ति

वाजपेयी की शख्सियत ऐसी थी कि देश की जनता ने उन्हें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सम्मान दिया। दुनिया में देश को ताकतवर पहचान दिलाने के लिए वाजपेयी ने अपने कार्यकाल के दौरान पोखरण में परमाणु प्रशिक्षण करके भारत को परमाणु शक्ति बनाने का मार्ग प्रशस्त किया। वाजपेयी सदैव गरीबों और जरूरतमंदों के साथ खड़े रहते थे। देश ने एक बहुमुखी प्रतिभाशाली व्यक्तित्व को खो दिया है।
-डॉ. बनवारी लाल, राज्य मंत्री।

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महान शख्सियत खोई

पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की मृत्यु से देश ने एक महान शख्सियत खोई है जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती। भारतीय राजनीति के इतिहास में वाजपेयी ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है। स्वर्गीय वाजपेयी आजाद भारत की राजनीति का वो चमकता सितारा रहे जिन्होंने राजनीति के हर दौर को रोशन किया। ऐसे महान व्यक्तित्व का जीवन हम सब के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा।
-कविता जैन, कैबिनेट मंत्री।
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सार्वजनिक जीवन में शून्य को भरना मुश्किल

देश की उन्नति में पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। वे कई दशकों तक भारतीय राजनीतिक पटल पर छाये रहे। उनके निधन से देश की राजनीति में एवं सार्वजनिक जीवन में आयी रिक्तता को भर पाना मुश्किल होगा। उन जैसे ईमानदार एवं स्वच्छ छवि के व्यक्ति विरले ही होते हैं। उनकी स्मृति सभी को प्रेरणा देती रहेगी। परमात्मा उनकी आत्मा को शांति एवं परिजनों को इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति प्रदान करे।
-भूपेंद्र हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री।


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