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DGP मनोज यादव को रिलीव नहीं करने से नाराज हुए हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज, गृह सचिव को लिखा पत्र

हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव को रिलीव न करने पर गृह मंत्री अनिल विज ने नाराजगी जताई है। विज ने डीजीपी को रिलीव करने के लिए गृह सचिव राजीव अरोड़ा को पत्र लिखा है। आयोग को 31 जुलाई तक रिलीव करने की जानकारी दी जानी थी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 01:35 PM (IST)Updated: Fri, 06 Aug 2021 09:26 AM (IST)
डीजीपी मनोज यादव व गृह मंत्री अनिल विज की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के मौजूदा डीजीपी मनोज यादव को अभी तक रिलीव नहीं किए जाने के गृह मंत्री अनिल विज खासे नाराज हैं। केंद्रीय लोक सेवा आयोग के पूछने पर हरियाणा सरकार ने उसे जानकारी दी थी कि डीजीपी मनोज यादव को 31 जुलाई तक रिलीव कर दिया जाएगा। डीजीपी के रिलीव होने की अवधि से पांच दिन अधिक बीत जाने पर गृह मंत्री अनिल विज ने कड़ा संज्ञान लिया है।

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गृह मंत्री ने बुधवार को गृह सचिव राजीव अरोड़ा को पत्र लिखकर डीजीपी को अभी तक रिलीव नहीं किए जाने का कारण पूछा है। साथ ही यह आदेश भी दिए कि डीजीपी को तुरंत प्रभाव से रिलीव करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। गृह मंत्री अनिल विज का मानना है कि मौजूदा डीजीपी के रिलीव होने के बाद ही केंद्रीय लोक सेवा आयोग की ओर से हरियाणा सरकार को नए डीजीपी के पद के लिए तीन सीनियर आइपीएस अधिकारियों के नाम का पैनल भेजा जाएगा। जब तक आयोग के पास यह सूचना नहीं जाएगी कि मौजूदा डीजीपी को रिलीव कर दिया गया है, तब तक नया पैनल सरकार के पास पहुंचने की कोई संभावना नहीं है।

गृह मंत्री अनिल विज की गृह सचिव को लिखी गई इस चिट्ठी की राजनीतिक व प्रशासनिक गलियारों में खासी चर्चा है। मनोज यादव हरियाणा कैडर के आइपीएस हैं। हरियाणा सरकार उन्हें अपने कैडर में वापस लेकर आई थी और दो साल की अवधि के लिए मनोज यादव को डीजीपी बना दिया गया था। उनका दो साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। प्रदेश सरकार मनोज यादव को इसी पद पर आगे भी रखना चाहती थी, लेकिन गृह मंत्री अनिल विज ने डीजीपी पर कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में असफल रहने तथा किसान संगठनों के आंदोलन को नियंत्रित नहीं कर पाने का आरोप लगाते हुए उन्हें वापस केंद्र में भेजने की मांग कर डाली थी।

कई दिनों तक भी विज की इस मांग पर जब गौर नहीं किया गया तो वह सारी कार्रवाई रिकार्ड में ले आए। इसके बाद मनोज यादव ने खुद ही एक ट्वीट के जरिये वापस केंद्र सरकार की इंटेलीजेंस सेवा में जाने की इच्छा जाहिर कर दी। यादव द्वारा यह इच्छा जताने के बाद प्रदेश सरकार को नए डीजीपी के नाम के लिए प्रक्रिया शुरू करनी पड़ी। हरियाणा सरकार की ओर से सात सीनियर आइपीएस अधिकारियों के नाम केंद्रीय लोक सेवा आयोग को भेजे गए। इनमें से दो अधिकारी ऐसे हैं, जो केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं लेकिन उनकी रिटायरमेंट में छह माह से भी कम समय बचा है। ऐसे अधिकारी खुद ही डीजीपी के पद की दौड़ से बाहर हो जाते हैं।

हरियाणा सरकार द्वारा डीजीपी के नए नाम के लिए पैनल भेजने के बाद केंद्रीय लोक सेवा आयोग ने पत्र लिखकर सरकार से पूछा था कि मौजूदा डीजीपी मनोज यादव को कब रिलीव किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने आयोग को जानकारी दी थी कि मनोज यादव 31 जुलाई तक हरियाणा में डीजीपी के पद पर सेवा में रहेंगे। मनोज यादव करीब एक सप्ताह की छुट्टी चले गए थे। वह दो दिन पहले लौट भी आए हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने मनोज यादव को रिलीव नहीं किया है।

गृह मंत्री अनिल विज ने गृह सचिव को लिखी चिट्ठी में कहा है कि मनोज यादव को रिलीव करने की कार्यवाही शुरू की जाए। जब तक नए डीजीपी की नियुक्ति नहीं होती, तब तक किसी काबिल अफसर को डीजीपी का पदभार सौंप दिया जाए। अनिल विज ने बताया कि लोक सेवा आयोग से तब तक नए डीजीपी के लिए नामों का पैनल नहीं भेजा जाएगा, जब तक सरकार आयोग को लिखित में यह सूचना नहीं देती कि मनोज यादव को रिलीव कर दिया गया है।

हरियाणा के लिए पूर्णकालिक गृह सचिव चाह रहे विज

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज गृह सचिव के पद पर भी किसी पूर्णकालिक आइएएस अधिकारी की नियुक्ति चाहते हैं। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा के पास गृह सचिव का अतिरिक्त कार्यभार है। अनिल विज का कहना है कि गृह सचिव का पद बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस पद की जिम्मेदारी को कोई अधिकारी ठीक ढंग से अतिरिक्त कार्यभार के रूप में नहीं निभा सकता। इसलिए गृह सचिव पूर्णकालिक होना चाहिये। 


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