उन्मादी भीड़ के शिकार रकबर खान के परिवार को सरकार ने दिए आठ लाख
गोतस्करी के शक में राजस्थान के अलवर में बेकाबू भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मारे गए रकबर खान के परिजनों को हरियाणा सरकार ने आठ लाख की मदद दी है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने उन्मादी हिंसा (मॉब लिंचिग) में मारे गए रकबर खान के परिजनों को आठ लाख रुपये की सहायता दी है। रकबर की गोतस्करी के शक में राजस्थान के अलवर में बेकाबू भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। हरियाणा सरकार की ओर से रकबर खान के परिवार को पांच लाख और तीन लाख रुपये के दो चेक दिए गए हैं। पुन्हाणा के उपमंडल अधिकारी ने रकबर खान के परिवार को पांच लाख रुपये का चेक दिया। दूसरी ओर राज्य मंत्री रहीश खान ने तीन लाख रुपये का एक और चेक दिया।
28 वर्षीय रकबर खान राजस्थान के अलवर जिले के लालवंडी इलाके के पास एक जंगल से अपने गांव में कुछ गायों को ले जा रहा था। तभी कुछ स्थानीय लोगों ने कथित रूप से उन्हें क्रूरता से मार दिया। लाेगों के उसे गाय तस्करी समझ लिया था। इसी तरह की घटना में, पिछले साल अप्रैल में उसी जिले में गाय सतर्कता से 50 वर्षीय पेहलू खान को मार डाला गया था।
इससे पहले, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकारों से भीड़ द्वारा इस तरह की घटनाआें के मामले में कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया था। हाल के वर्षों में देश में इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं। गृह मंत्रालय के अनुसार, इस साल 2014 और 3 मार्च के बीच नौ राज्यों में 40 मामलों में भीड़ ने 45 लोगों की मौत हो गई थी।
वारदात के दौरान मौके पर मौजूद लोगों का दावा था कि पुलिस की पिटाई से रकबर की मौत हुई। रकबर की आखिरी तस्वीर सामने आई थी। उस वक्त पुलिस रकबर को हिरासत में लेकर थाने पहुंची थी। इस तस्वीर में रकबर स्वस्थ दिख रहा है। चश्मदीदों ने पुलिस पर पिटाई के गंभीर आरोप लगाए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रकबर की मौत पिटाई से हुई है। उसके शरीर के कई हिस्सों में चोट के निशान मिले थे। इतना ही नहीं उसके एक हाथ-पैर की हड्डी भी टूटी मिली थी।