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सरकार का अफसरों काे फरमान, सांसद-विधायक को दें पूरा सम्‍मान, कुर्सी से उठ करें स्‍वागत

हरियाणा सरकार ने अफसराें के‍ लिए फरमान जारी किया है और प्रोटोकॉल से बांध दिया है। अब अफसर सांसद और विधायक का पूरा सम्‍मान करेंगे व कुर्सी से उठकर उनका स्‍वागत करेंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 07:02 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 08:47 AM (IST)
सरकार का अफसरों काे फरमान, सांसद-विधायक को दें पूरा सम्‍मान, कुर्सी से उठ करें स्‍वागत
सरकार का अफसरों काे फरमान, सांसद-विधायक को दें पूरा सम्‍मान, कुर्सी से उठ करें स्‍वागत

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में अफसरों द्वारा अनदेखी की शिकायतें करते रहे सांसदों और विधायकों को अब वीवीआइपी (अति महत्वपूर्ण व्यक्ति) का अहसास होगा। सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक कार्यकमों में अफसर न केवल कुर्सी छोड़कर उनका इस्तकबाल करेंगे, बल्कि वापसी में उन्हें पूरे सम्मान के साथ गाड़ी तक पहुंचाएंगे। इस बारे में मनोहरलाल सरकार ने फरमान जारी किया है और सरकार को प्रोटोकॉल में बांध दिया है।

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सांसद-विधायकों को होगा फीलगुड, सरकार ने अफसरों को प्रोटोकॉल में बांधा

नई व्यवस्था में सांसदों और विधायकों के हर सवाल का अफसर पूरी सभ्यता और शिष्‍टाचार से जवाब देंगे। वे जानकारी नहीं दे पाने की सूरत में इसकी ठोस वजह बताएंगे। इसके अलावा सांसदों और विधायकों के उचित सुझावों पर भी अफसरों को अमल करना होगा। मुख्य सचिव कार्यालय से अफसरों को सख्त हिदायतें जारी की गई हैं कि अगर सांसद-विधायक उनके कार्यालय या सार्वजनिक कार्यक्रम में आते हैं तो वह खड़े होकर उनका स्वागत करें। साथ ही उन्हें पूरी इज्जत के साथ मांगी गई तमाम जानकारी उपलब्ध कराएं।

फोन नहीं उठाया तो एसएमएस से देना पड़ेगा जवाब, लापरवाही पर सरकार लेगी एक्शन

सरकार ने प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए साफ किया है कि सभी सरकारी अफसर सांसद और विधायकों का फोन उठाएं और व्यस्त होने की स्थिति में एसएमएस के जरिए तुरंत उन्हें इसकी जानकारी दें। माननीयों के सभी अनुरोधों को ध्यानपूर्वक सुना जाए। जिस भी संसदीय क्षेत्र में कोई प्रोग्राम हो तो वहां के सांसद को जरूर बुलाएं और उन्हें सुविधाजनक सीट दें। अगर किसी सांसद का निर्वाचन क्षेत्र दो जिले में पड़ता है तो अधिकारी दोनों जिलों में सांसद को बुलाएं।

संसदीय समिति की सिफारिश पर जारी किया आदेश

अफसरों द्वारा सांसद-विधायकों के फोन नहीं उठाने की शिकायतें आम हैं। इसी तरह प्रोटोकॉल के उल्लंघन और संतोषजनक व्यवहार नहीं होने की शिकायतें बढ़ी हैं। लोकसभा में यह मामला उठने के बाद संसदीय मामलों की समिति ने 4 जनवरी को सभी प्रदेश सरकारों को इस संबंध में सख्ती बरतने की हिदायत दी थी। इस पर कदम उठाते हुए प्रदेश सरकार ने यह सर्कुलर जारी किया है। आदेश में साफ कहा गया है कि दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वालों पर सरकार कार्रवाई करेगी।

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सांसद-विधायक मुख्य सचिव से ऊपर, मिलना चाहिए सम्मान : विज

ताजा फैसले से वीआइपी कल्चर हावी होने की आशंका को खारिज करते हुए कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रोटोकॉल में सांसद और विधायक का दर्जा मुख्य सचिव से ऊपर है। यदि सांसद और विधायक सरकारी कार्यालय में जाते हैं तो अफसरों को उनका अभिवादन करना ही चाहिए। कुछ अफसर इसका पालन नहीं करते, जिसके चलते यह सर्कुलर जारी किया गया है।

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कांग्रेस सरकार में लागू थी व्यवस्था, इस सरकार में बिगड़ा सिस्टम : दलाल

कांग्रेस नेता करण सिंह दलाल ने कहा कि सर्कुलर में नया कुछ नहीं है। पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार में भी यह व्यवस्था लागू थी और सांसद-विधायकों के मामले में प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराया जाता था। वर्तमान सरकार की ढिलाई से सिस्टम पटरी से उतरा जिसके चलते दोबारा सर्कुलर जारी करने की नौबत आई।

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दिल्ली और हरियाणा के लिए अलग नियम क्यों : जयहिंद

आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा सरकार तानाशाही कर रही है। दिल्ली में जहां उपराज्‍यपाल व प्रशासनिक अफसरों की आड़ में लोकतांत्रिक सरकार को जन कल्याण की योजनाएं लागू नहीं करने दिया जा रहा, वहीं हरियाणा में उसी भाजपा की सरकार अफसरों को कठपुतली बनाने में लगी है।


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