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ड्राप आउट स्टूडेंट्स के लिए हरियाणा सरकार की योजना, एडमिशन के लिए डाक्यूमेंट्स की जरूरत नहीं, गुरुजी बनवाएंगे आधार कार्ड

हरियाणा सरकार ने ड्राप आउट स्टूडेंट्स के लिए प्रमाण पत्रों से छूट दी है। ऐसे बच्चों को एडमिशन के लिए किसी प्रकार के डाक्यूमेंट्स की जरूरत नहीं होगी। बच्चों का आधार कार्ड शिक्षक सरल सेवा केंद्रों में जाकर बनवाएंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 09:59 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 07:41 AM (IST)
हरियाणा में ड्राप आउट स्टूडेंट्स के लिए खास योजना। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में कोरोना के कारण पढ़ाई से मुंह मोड़ चुके बच्चों को वापस स्कूलों में दाखिल करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। न उनसे जन्म प्रमाणपत्र मांगा जाएगा और न आधार कार्ड और स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट जैसे कोई अन्य दस्तावेज। दाखिलों के बाद इन बच्चों के आधार कार्ड बनवाने की जिम्मेदारी स्कूल मुखिया और कक्षा अध्यापक की होगी जो सरल केंद्रों में जाकर तमाम औपचारिकताएं पूरी कराएंगे।

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हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर डा. जे गणेशन ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, मौलिक शिक्षा अधिकारियों, जिला परियोजना समन्वयक सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को लिखित आदेश जारी किए हैं। ड्राप आउट बच्चों को स्कूलों में दाखिल कराने के लिए विशेष अभियान चलाते हुए उम्र के अनुसार उन्हें कक्षा में दाखिला दिया जाएगा। फिर मिनिमम लर्निंग लेवल सही करने के लिए ऐसे बच्चों की विशेष कक्षाएं लगाई जाएंगी।

वहीं, हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन के प्रदेश प्रधान हरीओम राठी व प्रदेश कोषाध्यक्ष चतर सिंह ने सभी अध्यापकों का आह्वान किया कि वे अपने स्कूल में ड्राप आउट हुए व नान स्टार्टर बच्चों का बगैर किसी अड़चन के नामांकन कराएं। साथ ही सरकार से मांग की है कि बिना आधार कार्ड वाले बच्चों के आधार कार्ड बनाने के लिए स्कूल स्तर पर कैंप लगाए जाएं।

गैर शैक्षणिक कार्याें में लगाई शिक्षकों की ड्यूटी तो डीईईओ से होगी जवाबदेही

सरकारी स्कूलों में बड़ी संख्या में अध्यापक बच्चों को पढ़ाने के बजाय अपनी सेवाएं जिला शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी या अन्य कार्यालयों में दे रहे हैं। इस पर संज्ञान लेते हुए मौलिक शिक्षा निदेशक ने ऐसे सभी अध्यापकों को तत्काल प्रभाव से शैक्षणिक कार्याें में लगाने का निर्देश दिया है। एक सप्ताह में सभी डीईईओ को लिखित में जानकारी देनी होगी कि ऐसे तमाम अध्यापकों को शिक्षण कार्य में लगा दिया गया है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि भविष्य में किसी शिक्षक को गैर शैक्षणिक कार्य में लगाया गया तो संबंधित डीईईओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।


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