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हरियाणा सरकार ने फिर बदली खेल नीति, खिलाडियों को नौकरी के लिए निकाला नया रास्‍ता

हरियाणा सरकार ने खिलाडि़यों को नौकारियां देने के लिए खेल नीति मेें फिर बदलाव किया है। इससे खेल कोटे के खाली पदों को भरने के लिए यह कदम उठाया गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 01 May 2019 11:12 AM (IST)Updated: Wed, 01 May 2019 11:12 AM (IST)
हरियाणा सरकार ने फिर बदली खेल नीति, खिलाडियों को नौकरी के लिए निकाला नया रास्‍ता
हरियाणा सरकार ने फिर बदली खेल नीति, खिलाडियों को नौकरी के लिए निकाला नया रास्‍ता

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा सरकार ने अपनी खेल नीति में फिर बदलाव किया है। ऐसा सरकारी महकमों और बोर्ड-निगमों में खिलाडिय़ों के आरक्षित पदों को भरने के लिए किया गया है। होरिजेंटल आरक्षण के तहत खिलाडिय़ों के रिक्त पड़े पदों पर अब कोटे को दरकिनार कर दूसरी जातियों के खिलाडिय़ों को भी नौकरी दी जाएगी। इससे बैकलॉग पूरा किया जा सकेगा।

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खेल कोटे के रिक्त पदों पर भर्ती होंगे दूसरी जातियों के खिलाड़ी

मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिव, विभागाध्यक्ष, हाई कोर्ट और विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार, मंडलायुक्त, उपायुक्त और एसडीएम को लिखित आदेश जारी किए गए हैं। प्रदेश में चतुर्थ श्रेणी पदों पर खिलाडिय़ों को दस फीसद तक होरिजेंटल आरक्षण का प्रावधान है जिसमें पांच फीसद नौकरियां सामान्य वर्ग, दो फीसद अनुसूचित जाति और तीन फीसद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है।

ग्रुप डी में दस फीसद और ग्रुप-ए, बी, सी में तीन फीसद होरिजेंटल आरक्षण का लाभ

 इसी तरह ग्रुप ए, बी और सी कैटेगरी की भर्तियों में राष्ट्रीय स्तरीय खिलाडिय़ों को तीन फीसद होरिजेंटल आरक्षण दिया जाता है जिनमें अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और सामान्य जाति के खिलाडिय़ों के लिए एक-एक फीसद आरक्षण शामिल है। खिलाडिय़ों को कोटे के बावजूद आरक्षित श्रेणी में बड़ी संख्या में पद रिक्त पड़े हैं।

मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि इन पदों पर आवेदक नहीं होने की स्थिति में दूसरे वर्ग के खिलाडिय़ों को भर्ती कर लिया जाए। कोटे के तहत आवेदन करने वाले खिलाड़ी के लिए हरियाणा की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर खेलना अनिवार्य है। सभी श्रेणी की नौकरियों में खिलाड़ी की योग्यता अलग-अलग रखी गई है। अगर कोई आवेदक दिव्यांग और खिलाड़ी दोनों कोटे में जगह बनाने में कामयाब रहता है तो उसे दिव्यांग कोटे में ही एडजस्ट किया जाएगा।

क्या है होरिजेंटल आरक्षण

होरिजेंटल आरक्षण का मतलब दूसरी श्रेणी के कोटे को छेड़छाड़ किए बगैर अलग से आरक्षण देना है। अगर किसी विभाग में 100 सीटों के लिए आवेदन मांगे गए हैं तो खिलाड़ी कोटे की सीटें अलग से निकाल दी जाएंगी। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि किसी पद पर  इस श्रेणी के तहत जितने लोग आवेदन करेंगे, उनकी योग्यता के मुताबिक सूची बनाई जाएगी। इसमें शीर्ष उम्मीदवारों को छांट लिया जाएगा और ये उम्मीदवार जिस कैटेगरी के होंगे, उस आरक्षण श्रेणी की सूची में सबसे नीचे की सीटों पर इन्हें एडजस्ट कर दिया जाएगा।


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