हुड्डा के रुख से हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा हैरान, आज लेंगी विधायकों की राय
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व को लेकर रुख से हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी सैलजा हैरान हैं। वह इस संबंध में कांग्रेस विधायकों की राय लेंगे।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। कांग्रेस में संकट के दौर में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के रुख से प्रदेश कांग्रेस हैरान है। हुड्डा कांग्रेस के उन 23 वरिष्ठ नेताओं में शामिल रहे हैं जिन्होंने पार्टी का पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के लिए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। भूपेंद्र सिंह हुड्डा चूंकि हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं इसलिए उनके इस रुख को लेकर प्रदेश कांग्रेस का विचलित होना स्वभाविक था। हुड्डा केे रुख से हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा हैरान हैं और इस संबंध में वह आज हरियाणा के कांग्रेस विधायकों से राज लेंगी।
मंगलवार चंडीगढ़ में होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी हिस्सा लेंगी कुमारी सैलजा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने बताया कि मंगलवार को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस विधायक दल की बैठक विधानसभा परिसर में होगी। इस बैठक में वह हिस्सा लेंगी। इस बैठक में वह पार्टी के विधायकों से ताजा घटनाक्रम पर भी राय लेंगी। सैलजा ने जागरण से बातचीत में इस बात को लेकर भी संतोष जताया कि वरिष्ठ नेताओं के पत्र के बाद पार्टी कार्यसमिति की बैठक में यह निर्णय भी सर्वसम्मति से हुआ है कि सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी। इसलिए अब जिन नेताओं से पत्र लिखा उसके भी कोई मायने नहीं रहेंगे।
सोनिया गांधी को पत्र लिखने के बाद कांग्रेस संकट पर चुप्पी साधे हुए हैं भूपेंद्र सिंह हुड्डा
पत्र लिखने के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस संकट पर एकदम चुप रहे। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हुड्डा ने सिर्फ इतना ही कहा कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि कांग्रेस को बूथ, ब्लॉक और जिला स्तर पर मजबूत संगठन बनाकर ही किया जा सकता है।
सोनिया को पत्र लिखने वाले गुलाम नबी आजाद और हुड्डा के बीच है गहरी दोस्ती
कांग्रेस महासचिव और पार्टी के हरियाणा प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा में गहरी दोस्ती रही है। इसके बारे में बेशक मौजूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा अपनी राज्यसभा सीट का टिकट कटने के बाद भी चुप हैं मगर पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ.अशोक तंवर खुलकर बोल चुके हैं। डॉ. तंवर ने तो आजाद पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष टिकट बेचने तक के आरोप लगाए थे। इसके बाद उन्होंने प्रदेश प्रभारी कांग्रेस महासचिव की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े किए थे।
यह भी जगजाहिर है कि गुलाम नबी आजाद और हुड्डा दोनों घी-शक्कर रहे हैं। यही कारण था कि राहुल गांधी की नानुकर के बावजूद हरियाणा विधानसभा चुनाव में हुड्डा को पार्टी का चेहरा बनाया गया। डॉ. तंवर तब पार्टी से बाहर जाने पर मजबूर हो गए थे। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस विधायक दल के नेता पद पर भूपेंद्र हुड्डा की ताजपोशी से लेकर राज्यसभा की सीट पर दीपेंद्र हुड्डा को खड़ा किया जाना ऐसे घटनाक्रम हैं जिन्हें सही अंजाम तक पहुंचाने में गुलाम नबी आजाद ने अहम भूमिका निभाई।
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हरियाणा से कांग्रेस कार्यसमिति में तीन नेता
कांग्रेस कार्यसमिति में हरियाणा से तीन नेता हैं। इनमें कांग्रेस के मीडिया प्रमुख रणदीप सुरजेवाला, राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा और विधायक कुलदीप बिश्नोई शामिल हैं। तीनों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में हिस्सा लिया। पहले कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य कुमारी सैलजा भी थीं मगर प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद अब वह सदस्य नहीं हैं।