अविश्वास प्रस्ताव की अटकलों के बीच हरियाणा के सीएम मनोहर लाल की निर्दलीय विधायकों संग लंच डिप्लोमेसी
हरियाणा में अविश्वास प्रस्ताव की अटकलों के बीच सीएम मनोहर लाल ने निर्दलीय विधायकों के साथ भोजन किया। वह बिजली मंत्री रणजीत के घर गए। पिछले सप्ताह भी सीएम ने निर्दलीय विधायकों के साथ लंच किया था ।
चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में चल रहे किसान आंदोलन और सियासी हलचल के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को निर्दलीय विधायकों के साथ लंच किया। इस बार लंच के मेजबान की भूमिका में थे हरियाणा के बिजली एवं जेल मंत्री रणजीत चौटाला। पूर्व उप प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल के छोटे बेटे रणजीत चौटाला रानियां से निर्दलीय विधायक हैं।
पिछले सप्ताह भी निर्दलीय विधायकों ने लंच का आयोजन किया था, जिसमें पृथला के निर्दलीय विधायक एवं हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के चेयरमैन नयनपाल मेजबान की भूमिका में थे। हरियाणा में इस समय किसान आंदोलन चल रहा है। प्रदेश में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार है। भाजपा के 40 और जजपा के 10 विधायक हैं। निर्दलीय विधायकों की संख्या सात है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल नहीं चाहते कि भविष्य में उन्हें किसी तरह के राजनीतिक अविश्वास का सामना करना पड़े। लिहाजा, उनका पूरा जोर विधायकों के साथ तालमेल पर बना हुआ है। कांग्रेस विधानसभा के बजट सत्र में सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने की जिद पर अड़ी है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सैलजा बजट सत्र से पहले ही विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए 15 जनवरी को राज्यपाल से भी मिलने वाले हैं। ऐसे में किसी भी स्थिति से बचने के लिए मुख्यमंत्री अपनी रणनीतिक तैयारी में जुटे हुए हैं।
भाजपा व जजपा नेता बार-बार कह चुके कि सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। दोनों दलों के नेताओं में इसलिए भी दम नजर आ रहा है कि न तो भाजपा का काम जजपा के बिना चलता और न ही भाजपा किसी सूरत में जजपा से अलग हो सकती। इसके बावजूद कांग्रेस यदि कोई खेल करने में कामयाब हो जाती है तो निर्दलीय विधायक गठबंधन की सरकार के खेवनहार हो सकते हैं। यह अलग बात है कि अधिकतर जजपा विधायक किसानों के मुद्दे पर अपने नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं।
भाजपा को यही डर है कि यदि जजपा में तोड़फोड़ हुई तो उसे निर्दलीय विधायक सहारा दे सकते हैं। प्रदेश में बिजली मंत्री रणजीत चौटाला समेत सात निर्दलीय और हरियाणा लोकहित पार्टी के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा हैं। निर्दलीय विधायकों में महम के एमएलए बलराज कुंडू शुरू से भाजपा के खिलाफ हैं, जबकि चरखी दादरी के निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान न केवल पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे चुके, बल्कि सरकार से समर्थन वापस ले चुके हैं।
ऐसे में बिजली मंत्री रणजीत चौटाला, पृथला के विधायक नयनपाल, पूंडरी के विधायक रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी के विधायक धर्मपाल गोंदर और बादशाहपुर के विधायक राकेश दौलताबाद बचे हैं, जो सरकार के साथ हैं। मुख्यमंत्री की गुडबुक में शामिल नयनपाल रावत एक बार अपने पंचकूला आवास पर निर्दलीय विधायकों को इकट्ठा कर सरकार को दिखा चुके कि वह उनके साथ हैं। इस बार रणजीत चौटाला ने अपने चंडीगढ़ आवास पर लंच का आयोजन किया, जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल शामिल होने आए।
नयनपाल इस आयोजन में शामिल नहीं हो पाए, लेकिन उन्होंने सरकार को अपना समर्थन दिया। साथ ही किसानों के हित में सरकार से जल्द कोई फैसला लेने का अनुरोध किया है। लंच के दौरान रणजीत चौटाला, राकेश दौलताबाद, धर्मपाल गोंदर और रणधीर गोलन ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपने दिल की बात रखी। सूत्रों का कहना है कि इन विधायकों ने सरकार में अपने काम नहीं होने का मुद्दा भी उठाया, लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी का कोई वाजिब काम नहीं रुकेगा।
हम और पूरी सरकार किसानों के साथ
बिजली मंत्री रणजीत सिंह की कहना है कि हम और पूरी सरकार किसानों के साथ है। अगर साथ नहीं होते और सीएम चाहते तो करनाल का कार्यक्रम भी होता और उनका हेलीकाप्टर भी उतरता। चुना हुआ व्यक्ति पूरे प्रदेश का होता है। सीएम जो चाहे कर सकते हैं। खाने पर अच्छा रहा। हम सब खुश हैं। हमारे सभी कार्य होंगे। मैं अमित शाह से मिला था। उन्होंने मेरी बात को सुना। किसानों को भी सोचना चाहिए। बातचीत का एक तरीका होता है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही किसानों के मसले का समाधान होगा। मुकदमे दर्ज होते रहते हैं। यह कोई बड़ी बात नहीं है। हम किसानों का भला चाहते हैं।