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हरियाणा में भ्रष्टाचारियों के पीछे पड़ी सीएम फ्लाइंग, दो माह के भीतर 268 छापेमारी

Haryana CM Flying हरियाणा में सीएम फ्लाइंग भ्रष्टाचारियों पर नकेल कस रही है। दो माह के भीतर 268 छापेमारी कर न केवल 117 मुकदमे दर्ज किए बल्कि अवैध गतिविधियों में शामिल 119 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 05:05 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 05:05 PM (IST)
आइपीएस अधिकारी आलोक मित्तल की फाइल फोटो।

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने तथा अवैध गतिविधियों की रोकथाम के लिए सीएम फ्लाइंग स्कवायड (मुख्यमंत्री का उड़नदस्ता) पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। सीआइडी प्रमुख आलोक कुमार मित्तल के नेतृत्व वाली सीएम फ्लाइंग ने पूरे प्रदेश में दो माह के भीतर 268 छापेमारी कर न केवल 117 मुकदमे दर्ज किए, बल्कि अवैध गतिविधियों में शामिल 119 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। विभिन्न माध्यमों से आने वाली शिकायतों के आधार पर सीएम फ्लाइंग प्रदेशभर में छापेमारी करती है। सीएम फ्लाइंग को कहीं भी छापेमारी के लिए किसी अनुमति की जरूरत नहीं होती।

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने भरोसेमंद 1993 बैच के आइपीएस अधिकारी आलोक मित्तल को सीएम फ्लाइंग की जिम्मेदारी सौंप रखी है। कुछ दिन मुख्यमंत्री कार्यालय में ओएसडी सीआइडी रहने के बाद मित्तल को सीआइडी प्रमुख की जिम्मेदारी दी गई थी। उन्होंने आते ही न केवल सीएम फ्लाइंग को सक्रिय किया, बल्कि पूरे प्रदेश में गुप्तचर इकाइयों की कार्यप्रणाली में बदलाव करते हुए उनकी जवाबदेही भी तय कर दी है। अब सीआइडी सिर्फ सूचनाएं नहीं देती, बल्कि इन सूचनाओं के आधार पर कार्रवाई भी कराती है। सीएम फ्लाइंग ने दो माह में हर रोज चार से ज्यादा छापेमारी की कार्रवाई की है।

आलोक मित्तल के काम संभालने से पहले सीएम फ्लाइंग सिर्फ कुछ ही स्थानों पर छापेमारी करती थी, लेकिन सितंबर और अक्टूबर माह में जिस तरह से ताबड़तोड़ छापेमारी की गई, उससे अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों की परेशानी बढ़ गई है। सीएम फ्लाइंग ने नकली खाद्य पदार्थ बेचने की शिकायतों के आधार पर पूरे प्रदेश में दो माह के भीतर 108 रेड की हैं, जिनके आधार पर 25 मुकदमे दर्ज कर 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया। यह दो माह ऐसे रहे, जब त्योहार का सीजन रहा। इस सीजन में न तो नकली मिठाइयां, दूध और पनीर बिकने दिया गया और न ही अन्य नकली खाद्य पदार्थों की बिक्री हो पाई।

अवैध शराब बेचने, अवैध बोरवेल, बिजली की चोरी, पेट्रोलियम पदार्थों की चोरी व अवैध बिक्री, अवैध निर्माण एवं कब्जा, झोलाछाप डाक्टर, अवैध कालोनियां, जीएसटी की चोरी, जुआ-सट्टा, ओवरलोड वाहनों की चेकिंग, अवैध रूप से पटाखों की बिक्री, स्कूलों के औचक निरीक्षण और नशीले पदार्थों की तस्करी व बिक्री रोकने समेत दो दर्जन मदों में सीएम फ्लाइंग ने राज्य भर में छापेमारी की है। आरटीए कार्यालयों तथा एसडीएम कार्यालयों में छापेमारी से न केवल अधिकारियों की कार्यप्रणाली में सुधार हुआ है, बल्कि लोगों को भी बड़ी राहत मिली है।

1969 में प्रयागराज में जन्मे सीआइडी प्रमुख आलोक मित्तल के अनुसार मुख्यमंत्री मनोहर लाल के स्पष्ट निर्देश हैं कि जनता के हितों को नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी कार्रवाई को स्वीकार नहीं किया जाएगा। उनके अनुसार छापेमार कार्रवाई को भविष्य में और तेज किया जाएगा। साथ ही सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार रोकने की दिशा में भी सीएम फ्लाइंग रेड की कार्रवाई बढ़ाने जा रही है, ताकि जनमानस को अपने कार्य कराने में किसी तरह की परेशानी न उठानी पड़े। बता दें कि आलोक मित्तल अनुभवी आइपीएस अफसर हैं। पांच साल दो माह तक केंद्र में प्रतिनियुक्ति के दौरान वह राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी में रहे।

इससे पहले चार साल तक सीबीआइ में भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं। हरियाणा का उन्हें खासा अनुभव है। वह पंचकूला, फरीदाबाद, पानीपत व रोहतक में एसपी रह चुके हैं। मित्तल वह गुरुग्राम में संयुक्त आयुक्त पुलिस का जिम्मा भी संभाल चुके हैं। उन्होंने रोहतक रेंज के आइजी की जिम्मेदारी भी निभाई है। उन्होंने 2007 में एसपी रहते हुए फरीदाबाद में महिला पीसीआर शुरू की थी, जो देश में पहली बार शुरू हुई थी। उन्होंने गुरुग्राम में साइबर सेफ अभियान भी चलाया। 


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