Haryana Budget Session: कांग्रेस विधायकों ने की सदन में नारेबाजी, वेल तक पहुंचे विधायक
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ सभी कांग्रेस विधायक अपनी सीटों पर खड़े हो गए औक नारेबाजी की।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा की बजट सत्र की कार्यवाही शुरू हो गई है। कार्यवाही शुरू होते ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ सभी कांग्रेस विधायक अपनी सीटों पर खड़े हो गए औक नारेबाजी की। विधायक भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे। नारेबाजी करते हुए कांग्रेसी विधायक वेल में पहुंच गए। स्पीकर ने कहा कि सदन की मर्यादा भंग नहीं होने देंगे। सदन में बैनर पट्टियां लेकर नहीं आ सकते।
कांग्रेस की नारेबाजी पर अनिल विज ने कहा कि कांग्रेसी अपना समय भूल गए हैं जो हमें विधानसभा के अंदर भी नहीं आने देते थे। पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने स्पीकर के समक्ष विधानसभा परिसर में गार्ड द्वारा नहीं घुसने देने का मुद्दा उठाया। कांग्रेसी विधायक तानाशाही नहीं चलेगी के नारे भी लगाते रहे। विज ने कहा, जैसी करनी वैसी भरनी। सदन में दोनों तरफ से नारेबाजी चलती रही।
सत्र शुरू होने से पहले हरियाणा के कांग्रेस विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में विधानसभा तक विरोध मार्च मार्च निकाला। काले कपड़े पहनकर व हाथों में तख्तियां लिए कांग्रेसी विधानसभा की ओर कूच किया। हुड्डा ने कहा कि दोनों दलों ने संयुक्त न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करने की बात कही थी, लेकिन यह प्रदेश की जनता के साथ छलावे से ज्यादा कुछ नहीं है। अभी तक दोनों दलों का संयुक्त न्यूनतम साझा कार्यक्रम भी सामने नहीं आ सका है। इसलिए प्रदेश की जनता दोनों दलों से हिसाब चाहती है।
इससे पूर्व गत दिवस हरियाणा विधानसभा में प्रदेश पर बढ़े कर्ज, राजस्व घाटे पर जमकर हंगामा हुआ। आरएसएस, देश के बंटवारे और शाहीन बाग के मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो गए। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को बार-बार बीच-बचाव के लिए सीट से उठना पड़ा। भाजपाइयों ने मिर्चपुर और गोहाना कांड को मुद्दा बनाते हुए कांग्रेसियों को घेरा। जाट आरक्षण आंदोलन की हिंसा पर भी सदन में सियासत होती नजर आई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा में भी कई बार आमने-सामने की भिड़ंत हुई।
रोहतक में सिटी पुलिस स्टेशन की जगह को प्राइवेट कंपनी को 99 वर्षो के लिए पट्टे पर देने के मामले में कांग्रेसियों के दबाव बाद प्रदेश सरकार इसकी जांच को राजी हो गई है। बेरी के विधायक डॉ. रघुबीर सिंह कादियान ने जब राजकोषीय घाटे और प्रदेश पर कर्ज का बोझ बढ़कर 1 लाख 98 हजार करोड़ पहुंचने पर सरकार को घेरा तो खुद सीएम मनोहर लाल खट्टर ने मोर्चा संभाल लिया। कादियान ने लिए गए कर्ज का ब्योरा मांगते हुए सरकार से श्वेत-पत्र जारी करने तक की मांग कर डाली।
इस पर सीएम ने कहा कि कर्जा तो कांग्रेस सरकार ने भी लिया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी बिजली निगमों के 27 हजार करोड़ के कर्ज को क्यों भूल जाते हैं। अगर इस कर्जे को कम कर दिया जाए तो हमारे समय का 1 लाख 65 हजार करोड़ रुपये कुल कर्जा बनता है। इस मुद्दे पर विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ सीएम की बहस भी हुई। हुड्डा ने कहा कि सरकार यह बताए कि कर्जा लेने के बाद उसे पैसे को खर्च कहां किया। कादियान ने जब कहा कि वे छह वषों का वित्तीय लेखा-लोखा लेकर आए हैं तो सीएम ने सीधे सवाल किया कि पिछले 16 वर्षो का हिसाब-किताब लेकर क्यों नहीं आए।
रघुबीर कादियान ने कहा कि लोकतंत्र जनता का, जनता के लिए और जनता के द्वारा होता है, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे आएएसएस का, आरएसएस के लिए, आरएसएस के द्वारा बना दिया है। इस पर सत्ता पक्ष की ओर से संसदीय कार्यमंत्री कंवरपाल गुर्जर और अंबाला शहर के विधायक असीम गोयल उग्र हो गए और कहा कि इटली से संचालित हो रहे कांग्रेसी पूरे देश को शाहीन बाग बनाने की कोशिश कर रहे हैं। सत्ता पक्ष ने कांग्रेस पर देश को बांटने के आरोप जड़े। परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा, आप लोगों ने हरियाणा जलवा दिया।
विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई। कांग्रेसी उग्र हुए तो स्पीकर को खड़ा होना पड़ा। इसी दौरान कंवरपाल गुर्जर ने बड़ा तीर छोड़ते हुए कहा कि देश का बंटवारा किसने करवाया। पहले से भड़के कांग्रेसियों ने हंगामा और तेज कर दिया। असंध विधायक शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि शाहीन बाग को भी याद रखो, वह भी देश में ही है।
हमारे राज में मिर्चपुर और गोहाना कांड तो नहीं हुआ
कादियान जब जाट आरक्षण आंदोलन व शाहीन बाग आंदोलन पर भाजपा को घेर रहे थे तो भाजपाइयों ने कटाक्ष करते कहा कि हमारे राज में मिर्चपुर व गोहाना कांड तो नहीं हुआ। इस पर माहौल फिर गरमा गया। गुहला से जजपा विधायक डॉ. ईश्वर सिंह ने कहा कि यह सबसे अच्छी बात है कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में मिर्चपुर जैसे कांड नहीं हुए।
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