Haryana Budget 2020: चलो खेत की ओर... किसानों की आय दोगुनी करने का रोडमैप तैयार
Haryana Budget 2020 News Update चलो खेत की ओर। किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास के लिए मनोहर बजट की दिशा यही है।
चंडीगढ़ [महेश कुमार वैद्य]। Haryana Budget 2020 News Update: चलो खेत की ओर। किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास के लिए मनोहर बजट की दिशा यही है। प्रधानमंत्री मोदी के किसानों की माली हालत सुधारने के संकल्प को पूरा करने के लिए बतौर वित्त मंत्री अपने पहले आम बजट में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कृषि एवं ग्रामीण विकास को खास तवज्जो दी है। सही मायने में यह किसानों की आमदनी दोगुनी करने का मनोहर रोड मैप है।
इस बजट में अधिक उत्पादन के लिए जहां सिंचाई सुविधाओं के विस्तार पर बल दिया गया है, वहीं जहरीली होती जा रही खेती को बचाने व जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए प्राकृतिक खेती की ओर कदम बढ़ाने का संकल्प व्यक्त किया गया है। प्रस्तावों से यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल कृषि, सिंचाई व ग्रामीण विकास विभागों पर इस बार विशेष मेहरबान हुए हैं। कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में की गई बढ़ोतरी इसका प्रमाण है।
23.92 फीसद की बढ़ोतरी
मुख्यमंत्री ने बड़ी पहल करते हुए इस बार कृषि व किसान कल्याण से जुड़ी गतिविधियों के लिए कुल 6481.48 करोड़ के परिव्यय का प्रस्ताव किया है, जो कि बजट अनुमान 2019-20 के 5230. 54 करोड रुपये की तुलना में 23.92 फीसद अधिक है। इसमें कृषि क्षेत्र के लिए 3364.90 करोड़, पशुपालन के लिए 1157.41 करोड़, बागवानी के लिए 492.82 करोड़ और मत्स्य पालन के लिए 122.42 करोड़ रुपयों का परिव्यय शामिल है। किसानों की आय दोगुनी करने के संकल्प को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने मत्स्य पालन जैसी कृषि क्षेत्र से जुड़ी पूरक योजनाओं को बढ़ावा देने का संकल्प व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में वर्ष 2020-21 में 55 हजार एकड़ में मत्स्य पालन का लक्ष्य निर्धारित किया है। उत्पादन लक्ष्य 2.7 लाख मीट्रिक टन है।
66 फीसद बढा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग का बजट
सिंचाई सुविधाओं के विस्तार पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने खजाने का मुंह खुलकर खोल दिया है। उन्होंने वर्ष 2020-21 में सिंचाई व जल संसाधन विभाग के लिए कुल 4960. 48 करोड़ रुपयों के परिव्यय का प्रस्ताव किया है, जो कि वर्ष 2,019-20 के संशोधित अनुमान 2994.63 करोड रुपये के परिव्यय से 65.65 फीसद अधिक है।
ग्रामीण विकास के बजट में 22 फीसद की बढ़ोतरी
मनोहर-2 के पहले आम बजट में मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास के लिए 6294.79 करोड रुपयों के परिव्यय का प्रस्ताव किया है जो वर्ष 2,019-20 के संशोधित अनुमान 5164. 36 करोड़ की तुलना में 21. 89 फीसद अधिक है। विकास एवं पंचायत विभाग को आवंटित की गई राशि इससे अलग है।
एसवाइएल के लिए फिर 100 करोड़
मनोहर सरकार ने एक बार फिर एसवाइएल नहर निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि नहर निर्माण के लिए तय की गई राशि किस तरह खर्च की जाएगी मगर मनोहर लाल ने अपने बजट भाषण में एसवाइएल के लिए आगामी वित्त वर्ष में 100 करोड रुपये का प्रावधान किया है। पिछले कुछ वर्षों से लगभग इतनी ही राशि का प्रावधान किया जाता रहा है। इस बार मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने भाषण में यह भी स्पष्ट किया है कि जरूरत पड़ने पर एसवाइएल के लिए आगामी वित्त वर्ष में ही अतिरिक्त धन की व्यवस्था कर ली जाएगी।
बजट में खेती की चिंता
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का कहना है कि इस बजट में खेत और खेती की चिंता की गई है। यह किसी से छुपा नहीं है कि हरियाणा की अर्थव्यवस्था में कृषि का अहम योगदान है। शुक्रवार को पेश किए गए बजट से गांव, गरीब व किसान सहित सभी वर्गों का भला होगा।
किसानों की आमदनी दो गुनी करने का संकल्प अवश्य पूरा होगा
कृषि मंत्री जेपी दलाल का कहना है कि कृषि व किसान कल्याण तथा सिंचाई विभाग के लिए आवंटित बजट देखकर यह अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है कि सरकार किस दिशा में आगे बढ़ रही है। बजट प्रस्तावों से यह स्पष्ट है कि खेती किसानी और गांव गरीब सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। जिस तरह सिंचाई विभाग का बजट बढ़ाया गया है उससे सरकार के इरादों की झलक मिलती है। मुझे उम्मीद है कि मनोहर बजट से मोदी का किसानों की आमदनी दो गुनी करने का संकल्प अवश्य पूरा होगा।
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