बजट सत्र पर उग्र हुए कर्मचारी, विधानसभा घेरेंगे, आंगनबाड़ी कर्मी भी रहेंगे हड़ताल पर
हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र हंगामादेर रहने की संभावना है। वहीं, सरकार के खिलाफ कर्मचारियों ने भी मोर्चा खोल दिया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र हंगामादेर रहने की संभावना है। वहीं, सरकार के खिलाफ कर्मचारियों ने भी मोर्चा खोल दिया है। सरकार पर वादाखिलाफी और आंदोलन की अनदेखी के आरोप लगाते हुए आंगनबाड़ी कर्मचारियों और सहायिकाओं ने 20 से 23 फरवरी तक राज्यव्यापी हड़ताल पर जाने का एलान किया है। हड़ताल के कारण राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे। वहीं, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने भी सरकार को आगाह किया कि अगर 24 फरवरी तक बजट सत्र में कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए रेगुलराइजेशन बिल पारित नहीं किया तो 25 फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों पर सामूहिक धरने दिए जाएंगे।
चार दिन की हड़ताल में आंगनबाड़ी कर्मियों और हेल्पर्स की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो 24 को हड़ताल को आगे बढ़ाया जा सकता है। राज्य में करीब 51 हजार आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स हैं। आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्री शर्मा, महासचिव शकुंतला, सीटू अध्यक्ष सतवीर सिंह और प्रदेश महासचिव जय भगवान ने हड़ताल का एलान किया है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान धर्मबीर फौगाट और महासचिव सुभाष लांबा ने हड़ताल का पुरजोर समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि सभी जिला कमेटियों को हड़ताली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के धरने-प्रदर्शनों में शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार हठधर्मिता पर उतरी हुई है। प्रदेश की 51 हजार वर्कर्स और हेल्पर्स कोई नई मांग नहीं कर रहीं। मुख्यमंत्री व उनकी सरकार ने पिछले साल विधानसभा में जो घोषणा की थी, केवल उसे लागू कराने की मांग की जा रही है। प्रधानमंत्री ने 11 सितंबर को वर्कर्स के मानदेय में 1500 और हेल्पर्स के लिए 750 रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा की थी। इसे लागू कराने के लिए आंदोलन किया जा रहा है।
महासचिव शकुंतला ने बताया कि आठ फरवरी से सभी जिला मुख्यालयों पर धरने चल रहे हैं। मंगलवार को सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सामूहिक अवकाश पर रहीं, लेकिन इसके बाद भी सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। अध्यक्ष देवेंद्री शर्मा ने कहा कि सरकार ने खुद हमें हड़ताल पर जाने को मजबूर किया है। 24 फरवरी को रोहतक में राज्यस्तरीय कार्यकर्ता कन्वेंशन में इस हड़ताल को आगे भी जारी रखने का फैसला किया जा सकता है।
विधानसभा के बाहर सरकार की घेराबंदी करेंगे सरकारी कर्मचारी
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में सरकार को सदन से बाहर घेरने के लिए कर्मचारियों ने भी कमर कस ली है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने सरकार को आगाह किया कि अगर 24 फरवरी तक बजट सत्र में कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए रेगुलराइजेशन बिल पारित नहीं किया तो 25 फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों पर सामूहिक धरने दिए जाएंगे। इसी दिन पंचकूला में बड़ा प्रदर्शन होगा।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव सुभाष लांबा के अनुसार हरियाणा सरकार ने मानसून सत्र में रेगुलराइजेशन बिल पारित कर सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने और हाई कोर्ट के फैसले से प्रभावित कर्मचारियों को सेवा सुरक्षा प्रदान करने का वादा किया था। लेकिन मानसून सत्र से ठीक पहले सरकार अपने वादे से पीछे हट गई थी।
प्रधान धर्मवीर फौगाट के अनुसार सरकार अपने चुनावी वादे पर अमल करने की बजाय अनियमित कर्मचारियों को नौकरी से हटा रही है। उन्होंने कांग्रेस, इनेलो, जेजेपी और बसपा विधायकों से आग्रह किया कि वे विधानसभा में एनएचएम कर्मियों की हड़ताल, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, पंजाब के समान वेतनमान व पेंशन देने, पुरानी पेंशन बहाल करने, मकान किराए भत्ते में बढ़ोतरी और रोडवेज कर्मियों के विरुद्ध की गई उत्पीडऩ की कार्रवाई वापस लेने के मुद्दे उठाएं।
सुभाष लांबा ने विधायकों से अनुरोध किया कि वे समान काम, समान वेतनमान देने, कैशलेस मेडिकल सुविधा प्रदान करने, जन सेवाओं के निजीकरण की मुहिम पर रोक लगाने के मुद्दे भी सदन में उठाकर सरकार पर दबाव बनाएं। उन्होंने बताया कि पांच फरवरी से एनएचएम कर्मियों की हड़ताल चल रही तथा स्वास्थ्य सेवाएं ठप हैं, मगर सरकार बातचीत करने की बजाय हड़ताली कर्मचारियों को रोजाना बर्खास्त कर आग में घी डाल रही है।
फौगाट और लांबा ने बताया कि आंगनबाड़ी कर्मचारी आठ फरवरी से आंदोलन पर हैैं, लेकिन सरकार ने अभी तक बातचीत नहीं की, जिस कारण उन्होंने 20 फरवरी से बेमियादी हड़ताल पर जाने का एलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी सरकार से नया कुछ भी नहीं मांग रहे। उन्हीं बातों को लागू करने का अनुरोध कर रहे हैैं, जो भाजपा ने चुनाव के वक्त वादे किए थे।