किसानों के चक्का जाम के आह्वान से अलर्ट पर हरियाणा, कानून व्यवस्था तोड़ी तो सख्ती से नहीं गुरेज
हरियाणा में 20 सितंबर रविवार को किसानों द्वारा आहूत चक्का जाम को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है। हरियाणा में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। कृषि से जुड़े विधेयकों पर किसानों के प्रदर्शन पर राजनीति हावी होने लगी है। किसानों की आड़ में सड़कों पर उतरे सियासी दलों से जुड़े संगठनों ने जहां शनिवार को प्रदर्शन जारी रखे, वहीं रविवार को भी रोड जाम करने की धमकी दे रखी है। भारतीय किसान यूनियन और अन्य किसान संगठनों के रोड जाम की चेतावनी के बाद प्रदेश सरकार ने निगरानी बढ़ा दी है। प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पूरे प्रदेश को अलर्ट पर रखा गया है।
गृह सचिव विजयवर्धन ने शनिवार को लिखित आदेश जारी करते हुए सभी उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को फील्ड में उतारा है। डीसी-एसपी सुनिश्चित करेंगे कि प्रदर्शन के दौरान कहीं पर कोई हिंसा न हो। आपात स्थिति से निपटने के लिए रविवार को पुलिस और प्रशासन के अफसर-कर्मचारियों के साथ ही अस्पतालों में मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। निजी अस्पतालों और एंबुलेंस को भी पूरे स्टाफ के साथ अलर्ट पर रखा गया है।
नेशनल और स्टेट हाईवे पर यातायात सुचारू रखने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाए गए हैं जो प्रदर्शन के दौरान सड़कों पर पेट्रोलिंग करेंगे। जाम से बचने के लिए वैकल्पिक मार्गों का भी इस्तेमाल किया जाएगा। प्रदर्शनकारी अगर कहीं जाम लगाने में सफल रहते हैं तो ट्रैफिक को वैकल्पिक मार्गों के जरिये सुचारू किया जाएगा। चंडीगढ़ में कंट्रोल रूम बनाया गया है जहां से गृह सचिव विजयवर्धन पूरे प्रदेश पर नजर रखेंगे। कहीं पर भी गड़बड़ी होने की स्थिति में कंट्रोल रूम के टेलीफोन नंबर 01722711925 पर सूचना दी जा सकती है।
संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रदर्शनकारियों पर शांति के साथ निगाह रखी जाएगी, लेकिन किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं होगी। प्रदर्शन के दौरान अगर कोई लूट, आगजनी, संपत्ति या वाहनों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश होती है तो पुलिस प्रशासन को सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
हाईवे पर न आएं किसान : विज
गृह मंत्री अनिल विज ने किसान संगठनों से आह्वान किया कि वे किसी भी सूरत में राष्ट्रीय राजमार्ग पर न आएं। कोरोनाकाल में इमरजेंसी सेवाओं में कोई परेशानी नहीं आनी चाहिए। विज ने कहा कि आजाद देश में विरोध करने, धरने और प्रदर्शन का सभी का अधिकार है, लेकिन कानून से खिलवाड़ की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती। महामारी के चलते किसी भी जगह भीड़ नहीं लगने दी जाएगी, क्योंकि इससे संक्रमण फैलने का खतरा है। कोरोना से बचाव की गाइडलाइन का पालन करते हुए किसान संगठन अपनी बात रख सकते हैं।