हरियाणा में एेसे किया जाएगा पराली प्रबंधन, बनेंगे 900 कृषि यंत्र बैंक
हरियाणा के 15 जिलों में कृषि यंत्र बैंक स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार ने 8640 लाख रुपये जारी किए हैं।
झज्जर [मुकेश शर्मा]। धान की पराली को जलाने से रोकने और उसके समुचित प्रबंधन के लिए कृषि विभाग ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। पराली प्रबंधन के लिए प्रदेश के 15 जिलों में किसानों के समूह बनाकर कृषि यंत्र बैंक बनाए जाएंगे। 10 से 12 किसानों के सहकारी समितियों से रजिस्टर्ड किसान समूहों को ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
इसके लिए केंद्र सरकार ने 8640 लाख रुपये जारी कर दिए हैं। एक किसान समूह को 10 से 25 लाख रुपये तक के कृषि यंत्र दिलाए जाएंगे। इसके तहत किसान को 80 फीसद सब्सिडी दी जाएगी। इन बैंकों के माध्यम से छोटे किसानों को कृषि यंत्र किराये पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
इसके लिए जल्द ही सरकार की तरफ से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे और डीसी के नेतृत्व वाली कमेटी कृषि यंत्र बैंकों के लिए चुनाव करेगी। इसके बाद उस समूह को यंत्र खरीदने के लिए कहा जाएगा। कृषि यंत्र खरीदने के बाद समूह को अपने बिल कृषि विभाग के कार्यालय में जमा कराने होंगे। उनके बाद किसानों को 80 फीसद सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी। इस प्रकार पूरे प्रदेश में 900 किसान कृषि यंत्र बैंकों की स्थापना की जाएंगी। कृषि यंत्र बैंकों की संख्या हर जिले में धान के रकबा के हिसाब से निर्धारित की गई है।
इन जिलों में स्थापित होंगे कृषि यंत्र बैंक
जिला | धान का एरिया (हेक्टेयर में) | उत्पादन(टन में) | कृषि यंत्र बैंक |
करनाल | 1,73,000 | 8,28,000 | 112 |
जींद | 1,29,000 | 5,24,000 | 90 |
कुरुक्षेत्र | 1,18,000 | 7,43,000 | 81 |
फतेहाबाद | 1,09,000 | 7,29,000 | 75 |
सोनीपत | 1,01,000 | 3,96,000 | 70 |
सिरसा | 86000 | 4,73,000 | 59 |
अंबाला | 84000 | 7,47,000 | 58 |
यमुनानगर | 73000 | 4,43,000 | 50 |
पानीपत | 72000 | 2,97,000 | 50 |
हिसार | 59000 | 2,79,000 | 41 |
रोहतक | 44000 | 1,43,000 | 30 |
झज्जर | 36000 | 1,20,000 | 25 |
पलवल | 34000 | 1,43,000 | 23 |
भिवानी | 25000 | 95000 | 17 |
कुल | 13,05,000 | 67,93,000 | 900 |
किसानों को कृषि यंत्र दिलाए जाएंगे
झज्जर कृषि विभाग के डीडीए डॉ. रोहताश सिंह का कहना है कि धान की पराली के प्रबंधन के लिए सरकार से बजट अॅलाट कर दिया है। सहकारी समितियों से रजिस्टर्ड किसान समूहों को 80 फीसद सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी। निर्धारित संख्या के अनुसार किसानों को कृषि यंत्र दिलाए जाएंगे ताकि छोटे किसान भी पराली का प्रबंधन कर सके।
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