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अतिथि अध्यापकों को जुलाई की जगह सितंबर से मिलेगा वेतन वृद्धि का लाभ

हरियाणा सरकार ने अतिथि अध्यापकों के वेतन में बढ़ोतरी कर दी है। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई से लागू होनी थी, मगर सरकार ने 1 सितंबर से लागू करने का परिपत्र जारी किया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 01 Oct 2018 07:22 PM (IST)Updated: Tue, 02 Oct 2018 08:54 PM (IST)
अतिथि अध्यापकों को जुलाई की जगह सितंबर से मिलेगा वेतन वृद्धि का लाभ
अतिथि अध्यापकों को जुलाई की जगह सितंबर से मिलेगा वेतन वृद्धि का लाभ

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने अतिथि अध्यापकों के वेतन में बढ़ोतरी कर दी है। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई से लागू होनी थी, मगर सरकार ने 1 सितंबर से लागू करने का परिपत्र जारी किया है। सरकार के इस फैसले से अतिथि अध्यापकों में नाराजगी है।

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वेतन बढ़ोतरी के बाद अब स्कूल कैडर के लेक्चरर को 29,715 की जगह 36 हजार रुपये मासिक वेतन मिलेगा। जेबीटी शिक्षकों का वेतन 21,715 से बढ़ाकर 24001 और मास्टरों का वेतन 24001 से बढ़ाकर 26 हजार रुपये किया गया है। इसके अलावा अतिथि अध्यापकों को दी जाने वाली एलटीसी (यात्रा अवकाश छूट) की फाइल भी अटक गई है।

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी आदेशों में शिक्षा विभाग को सुझाव दिया गया है कि पहले मुख्य सचिव द्वारा 21 अप्रैल 2010 को जारी हिदायतों का अध्ययन करें। इसके बाद ही एलटीसी पर कोई फैसला लिया जाएगा। अगर एलटीसी मंजूर होती है तो शिक्षकों को 2016-19 के ब्लाक के तहत एलटीसी का लाभ मिलेगा। चार वर्षों में एक बार एलटीसी दिए जाने का प्रावधान है।

इसी साल जनवरी में हुए समझौते के दौरान हरियाणा सरकार ने अतिथि शिक्षकों को पहली जुलाई 2018 से वेतन में इजाफा, एलटीसी और महिला शिक्षकों को छुट्टियों का लाभ देने की घोषणा की थी। शिक्षा विभाग ने जो परिपत्र जारी किया है, उसमें वेतन बढ़ोतरी का लाभ 1 सितंबर से मिलेगा। अतिथि अध्यापक अब इस परिपत्र को संशोधित कराने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैैं। राज्य सरकार ने महिला शिक्षकों की छुट्टियां 15 से बढ़ाकर 20 कर दी हैैं।

उल्लेखनीय है कि अतिथि अध्यापकों की भर्ती हुड्डा सरकार ने 2005-06 में की थी। फिलहाल 14 हजार अतिथि अध्यापक सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैैं। भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा-पत्र में इन शिक्षकों को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और कानूनी अड़चनों के कारण सरकार इन्हें नियमित नहीं कर पा रही है। अब चूंकि चुनाव में एक साल रह गया। लिहाजा सरकार अतिथि अध्यापकों की नाराजगी मोल लेने के मूड में नहीं है। यही स्थिति बाकी सरकारी कर्मचारियों के मामले में है।

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