प्लास्टिक के तिरंगे पर सख्त हुई सरकार, Flag Code तोड़ा तो हो सकती है तीन साल तक की सजा
सरकार द्वारा नाराजगी जताने के बाद हरियाणा की मुख्य सचिव ने प्रदेश में फ्लैग कोड का सख्ती से पालन कराने का आदेश दिया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में राष्ट्रीय पर्व और सांस्कृतिक व खेलकूद के कार्यक्रमों में प्लास्टिक के तिरंगे का इस्तेमाल थमने का नाम नहीं ले रहा। मामले में केंद्र सरकार द्वारा नाराजगी जताने के बाद हरियाणा की मुख्य सचिव ने प्रदेश में फ्लैग कोड का सख्ती से पालन कराने का आदेश दिया है।
आमजन को फ्लैग कोड के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे। मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय ध्वज को लेकर निर्धारित नियमों का गंभीरता से पालन कराने के लिए सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, प्रशासनिक सचिवों, मंडलायुक्त, विभागाध्यक्ष, उपायुक्त, बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशक तथा हाई कोर्ट और विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को लिखित आदेश जारी किए हैं।
केंद्रीय गृह विभाग ने विगत 20 जनवरी को हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासक को चिट्ठी लिखी थी, जिसके बाद यह कदम उठाया गया। निर्देशों में साफ है कि सिर्फ कागज से बनेतिरंगे का ही इस्तेमाल किया जाए और समारोह पूरा होने के बाद इनका निपटान मर्यादा के अनुसार किया जाए।
प्रदेश में महत्वपूर्ण अवसरों पर कागज के झंडों के स्थान पर प्लास्टिक के झंडों का उपयोग किया जा रहा है। चूंकि प्लास्टिक से बने झंडे कागज के समान जैविक रूप से बायो डिग्रेडेबल नहीं होते, इसलिए यह लंबे समय तक नष्ट नहीं होते और वातावरण के लिए हानिकारक भी होते हैं। इसके अलावा प्लास्टिक से बने राष्ट्रीय ध्वज का सम्मानपूर्वक उचित निपटान सुनिश्चित करना भी एक समस्या है।
तीन साल तक कैद और जुर्माने की सजा
प्लास्टिक के तिरंगे का उपयोग राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है। ऐसे तिरंगे का उपयोग करने पर तीन वर्ष की कैद या जुर्माना या दोनों सजा का प्रावधान है। राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम के अनुसार कोई भी अगर सार्वजनिक स्थान पर राष्ट्रीय ध्वज या उसके किसी भाग को जलाता है, विकृत करता है, नष्ट करता है, कुचलता है या उसके प्रति अनादर प्रकट करता है तो दंडित किया जा सकता है।
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