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जाट आंदोलन: जिनके खिलाफ रिपोर्ट, वही अफसर देंगे प्रकाश कमेटी पर राय

दो जाट आंदोलन झेल चुकी हरियाणा सरकार आखिरकार प्रकाश कमेटी की रिपोर्ट का एक हिस्सा लागू करने को तैयार है। इसके लिए सरकार ने अधिकारियों से ही राय मांगी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 23 Mar 2017 11:07 AM (IST)Updated: Thu, 23 Mar 2017 11:38 AM (IST)
जाट आंदोलन: जिनके खिलाफ रिपोर्ट, वही अफसर देंगे प्रकाश कमेटी पर राय
जाट आंदोलन: जिनके खिलाफ रिपोर्ट, वही अफसर देंगे प्रकाश कमेटी पर राय

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में दो बार जाट आंदोलन झेल चुकी मनोहर सरकार आखिरकार उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह के नेतृत्व वाली कमेटी की पुलिस व प्रशासन में सुधार की सिफारिशें लागू करने को तैयार हो गई। सरकार ने जाट आंदोलन खत्म होते ही प्रकाश सिंह कमेटी की सिफारिशों को लागू करने का अचानक अहम फैसला लिया है।

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सरकार ने बड़ी होशियारी से गेंद अधिकारियों के पाले में डालकर उन्हीं से पूछ लिया कि प्रकाश कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के लिए क्या किया जाना चाहिए। राज्य के सभी आइएएस, आइपीएस, एचसीएस और एचपीएस अधिकारियों से कहा गया है कि वे प्रकाश कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के तरीके और अन्य सुझावों पर 10 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट दें। इन अफसरों में वे भी शामिल हैं, जिनके खिलाफ प्रकाश सिंह ने अपनी रिपोर्ट में कार्रवाई की सिफारिश कर रखी है। अब यही अफसर बताएंगे कि पुलिस व प्रशासनिक स्तर पर क्या सुधार किए जाने चाहिए।

मुख्य सचिव की ओर से बुधवार को सभी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को यह अहम पत्र भेजा गया। इस पत्र में सरकार की कमेटी के गठन का भी जिक्र है, जो प्रकाश सिंह कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के लिए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव के नेतृत्व में बनाई गई थी। अभी तक इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं दी है।

सरकार चाह रही कि प्रकाश सिंह के पुलिस व प्रशासनिक सुधारों को आइएएस और आइपीएस के साथ-साथ एचसीएस व एचपीएस अधिकारियों की राय के साथ लागू किया जाए, ताकि भविष्य में किसी तरह का टकराव पैदा न हो सके। सभी अधिकारियों से कहा गया है कि वे 31 मार्च तक अपनी राय मुख्य सचिव कार्यालय में भेज दें।

पूरी रिपोर्ट लागू नहीं होगी

हरियाणा सरकार पिछले साल हुए जाट आंदोलन के बाद तैयार प्रकाश सिंह की पूरी रिपोर्ट लागू नहीं करेगी। सरकार ने रिपोर्ट के चैप्टर नंबर 11 में दर्ज प्रकाश सिंह की उन सभी आब्जर्वेशन को लागू करने का निर्णय लिया है, जो उन्होंने जांच के दौरान महसूस की थी। सरकार की यह रिपोर्ट पिछले एक साल से ठंडे बस्ते में थी। रिपोर्ट के तमाम पहलुओं को लेकर प्रकाश सिंह और सरकार के बीच जबरदस्त विवाद हो चुका है। प्रकाश सिंह ने जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश की है, उन्हें लेकर कोई डायरेक्शन अभी तक जारी नहीं हुई है।

कुछ अफसरों ने पूछा, सरकार की विफलता पर क्यों नहीं मांगी राय

हरियाणा के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट के कुछ पहलुओं को लागू करने का प्रयास सिर्फ आई-वाश है, क्योंकि सरकार ने सिर्फ चैप्टर 11 में दर्ज सिफारिशों को लागू करने में दिलचस्पी दिखाई है। प्रकाश सिंह ने तो अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई, खुफिया तंत्र के फेल होने और सरकार की विफलता को उजागर किया था। मगर इस पर पूरी तरह से चुप्पी साध ली गई है।

इन बिंदुओं पर मांगी गई पूरी रिपोर्ट

- मुख्य सचिव कार्यालय को सशक्त बनाने के लिए क्या किया जाए
- जिला उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों की पोस्टिंग किस तरह से की जाए
- मंडल आयुक्त और गृह विभाग कार्यालयों के अमले की संख्या क्या रहे और इन्हें कैसे सशक्त बनाएं 
- पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों में समन्वय कैसे संभव होगा।

मेरी रिपोर्ट में हर पहलू का जिक्र

मैं तो कब से कह रहा हूं कि रिपोर्ट लागू करो। पता नहीं क्यों नहीं की। जब लागू होगी, तब देखेंगे। पुलिस व प्रशासन के बीच तालमेल की बेहद जरूरत है। मेरी रिपोर्ट में हर पहलू का जिक्र है। -प्रकाश सिंह, पूर्व डीजीपी, उत्तर प्रदेश।

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