हरियाणा सरकार बनेगी 'व्यापारी', सीधे फसल खरीदने की तैयारी
हरियाणा सरकार अब व्यापारी बनने की सोच रही है। सरकार की तैयारी है कि किसानों से सीधे फसल खरीद ली जाए। ऐसा होने से किसान को फायदे और नुकसान दोनों है। पढ़ें कैसे ?
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। प्रदेश सरकार किसानों की फसल अब सीधे उन्हीं से खरीदने की तैयारी में है। किसानों को आढ़तियों से अलग कर दिया जाएगा और देर-सबेर फसल की खरीद सरकारी एजेंसियों के माध्यम से सीधे कराई जाएगी। किसानों को सरकार की इस योजना का फायदा भी है और नुकसान भी कम नहीं है।
अभी तक किसान खाद, बीज और पानी का बंदोबस्त करने को आढ़ती से उधार ले लिया करते थे, लेकिन आढ़ती से नाता टूट जाने के बाद फसल तैयार करने के लिए किसानों की यह जरूरत समय से पूरी नहीं हो सकेगी। फायदा यह होगा कि किसान कर्ज पर वसूल किए जाने वाले बेहिसाब ब्याज से मुक्त होंगे और अगली फसल के लिए पहले से धन का इंतजाम करने की प्रवृत्ति उनमें विकसित होगी।
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प्रदेश के कृषि और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग दोनों मिलकर किसानों को साहूकारों (आढ़तियों) के चुंगल से मुक्त करने की योजना पर काम कर रहे हैैं। सरकार की योजना अगली फसल से इस पर अमल की है, लेकिन खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अफसरों ने संकेत दिया कि फुलप्रूफ योजना के लिए एक साल का समय लग सकता है।
कृषि विभाग ने हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड के माध्यम से किसानों के स्थायी पते, आधार कार्ड और बैंक खातों की डिटेल इकट्ठा करनी शुरू की जा चुकी है, लेकिन यह काम आढ़तियों से ही कराया जा रहा है। इसकी भनक लगने पर राज्य के करीब 20 हजार आढ़तियों में गुस्सा बन गया है।
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वैश्य बिरादरी के भाजपा विधायकों की मुश्किलें बढ़ेंगी
प्रदेश सरकार यदि आढ़तियों के जरिए फसल की खरीद बंद करने का फैसला लेती है तो वैश्य बिरादरी के भाजपा विधायकों के सामने मुश्किल खड़ी हो जाएगी। वैश्य और पंजाबियों को भाजपा का वोट बैैंक माना जाता है, लेकिन आढ़तियों की नाराजगी उठाने का रिस्क सरकार का बड़ा फैसला होगा।
किसान नेता और व्यापारी दोनों विरोध में
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि सरकार अपना खुद का सिस्टम खड़ा करना चाह रही है। पहले आढ़तियों को खरीद प्रक्रिया से बाहर किया जाएगा। फिर हरियाणा और पंजाब से खरीद बंद कर दी जाएगी। प्राइवेट सेक्टर को खरीद प्रक्रिया सौंपने की योजना है।
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उन्होंने कहा कि हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के नेतृत्व वाली कमेटी पहली ही संकेत दे चुकी कि हरियाणा व पंजाब में खरीद प्रक्रिया को बंद कर दिया जाएगा और प्राइवेट सेक्टर को सौंपा जाएगा। सरकार अब जो भी करने जा रही है, उससे किसानों व आढ़तियों का चोली दामन का साथ टूटेगा। यह उचित फैसला नहीं होगा।
आढ़तियों की जल्दी बुलाएंगे बैठक
हरियाणा व्यापार मंडल के अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग ने कहा कि प्रदेश में 20 हजार आढ़ती व्यापार कर रहे हैं। लाखों मजदूर व ट्रक आपरेटर मंडियों के माध्यम से अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। व्यापारी व किसान के बीच पारिवारिक रिश्ते बरसों से बने हुए हैैं।
सरकार को आढ़तियों के माध्यम से खरीद प्रक्रिया जारी रखकर किसानों को खुले बाजार में अपनी फसल बेचने का मौका बरकरार रखना चाहिए। जल्दी ही राज्य स्तरीय मीटिंग बुलाकर आंदोलन की रणनीति तय करेंगे।