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कच्चे कर्मियों की बल्‍ले-बल्‍ले, वेतन-भत्‍ते में होगी बड़ी वृद्धि, जानें सरकार का क्‍या है पूरा फैसला

हरियाणा के कच्‍चे कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। राज्‍य सरकार ने स्‍वीकृत पदों पर काम कर रहे अस्‍थायी कर्मचारियों को पक्‍के कर्मचा‍रियोंं के समान वेतन देने का फैसला किया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 22 Jul 2019 05:47 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jul 2019 08:38 AM (IST)
कच्चे कर्मियों की बल्‍ले-बल्‍ले, वेतन-भत्‍ते में होगी बड़ी वृद्धि, जानें सरकार का क्‍या है पूरा फैसला

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा के सरकारी कार्यालयाें कार्यरत कच्‍चे कर्मचारियों (अस्‍थायी कर्मचारियों)  के लिए बड़ी खुशखबरी है। राज्‍य की मनाेहरलाल सरकार ने उनकेे वेतन व भत्‍तों के बारे में बड़ा फैसला किया है। राज्‍य में स्वीकृत पदों पर काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों और अफसरों को अब पक्के कर्मियों (स्‍थायी कर्मियों) के जितना मूल वेतन मिलेगा। उनको हर छह महीने बाद महंगाई भत्ता (डीए) भी दिया जाएगा।

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 स्वीकृत पदों पर लगे कच्चे कर्मचारियों को मिलेगा पक्के कर्मियों के समान वेतन

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ कर्मचारी संगठनों की बैठक में लिए फैसलों को सिरे चढ़ाते हुए सरकार ने इस संबंध में सभी महकमों, बोर्ड-निगमों, स्थानीय निकाय, विश्वविद्यालयों और सरकारी कंपनियों से इस बारे में रिपोर्ट तलब कर ली है।

हर छह माह पर डीए भी मिलेगा, मनोहरलाल सरकार ने सभी विभागों व बोर्ड-निगमों को दिया आदेश,

प्रदेश सरकार हालांकि नवंबर 2017 में ही यह आदेश जारी कर दिए थे, लेकिन इन आदेशों को सभी विभाग लागू नहीं कर रहे थे। कई बोर्ड एवं निगम के कर्मचारी भी सरकार के इन आदेशों से वंचित थे। कर्मचारी संगठन बार-बार सभी विभागों में समान काम के लिए समान वेतन नहीं दिए जाने का मुद्दा सरकार के सामने उठा रहे थे। राज्य सरकार ने अब सभी विभागों को पत्र भेजकर पूछ लिया कि उनके यहां किस श्रेणी के कितने कर्मचारी हैैं और उन्हें समान काम के लिए समान वेतन मिल रहा है अथवा नहीं।

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हरियाणा सरकार के इस परिपत्र के बाद अब सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों पर दबाव बढ़ गया कि वे हर कर्मचारी को इस योजना का लाभ दें। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी हाल ही में हुई अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने फैसले को सख्ती से लागू करने के संकेत दिए थे। राज्य में करीब 60 हजार कच्चे कर्मचारी और अधिकारी हैं जिनकी नियुक्ति स्वीकृत पदों के विरुद्ध विज्ञापन प्रक्रिया के तहत हुई है।

मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से सभी विभागों व बोर्ड-निगमों के अलावा मंडलायुक्त, उपायुक्तों और एसडीएम कार्यालयों से भी ऐसे कच्चे कर्मचारियों का रिकॉर्ड तलब किया गया है, जिन्हें समान काम के आधार पर समान वेतन दिया जा रहा। साथ ही बाकी कर्मचारियों को भी इसके दायरे में लाने के निर्देश दिए गए हैं।

आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-2 के तहत क्लास वन से चतुर्थ श्रेणी तक के कर्मचारियों को लाभ

आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-दो के तहत लगे कर्मचारियों को ही इसका फायदा होगा। मुख्य सचिव ने पहली नवंबर 2017 से 18 जुलाई 2019 तक इसमें कवर हुए सभी कर्मचारी-अधिकारियों के नाम और पद सहित तमाम जानकारी तलब की है। साथ ही वंचित कर्मचारियों के बारे में भी रिपोर्ट तलब की गई है।

हरियाणा सरकार को मिली थी रिपोर्ट, 2017 के आदेश लागू नहीं कर रहे थे कई विभागाध्यक्ष, सीएम हुए सख्त

आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-एक में कच्चे कर्मचारियों को ठेकेदारों के जरिये रखा जाता है, जबकि पार्ट-2 के कर्मचारी सीधे विभागों व बोर्ड-निगमों के पे-रोल पर नियुक्त होते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उमा देवी बनाम सरकार के केस में समान काम-समान वेतन का फैसला दिया हुआ है। इस फैसले के बाद सरकार ने वर्ष 2017 में प्रदेश में समान काम-समान वेतन लागू किया था, परंतु अब भी बड़ी संख्या में कर्मचारी इससे वंचित हैं।

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सुप्रीम कोर्ट ने उमा देवी बनाम सरकार के केस में समान काम-समान वेतन का फैसला दिया हुआ है। इस फैसले के बाद सरकार ने वर्ष 2017 में प्रदेश में समान काम-समान वेतन लागू किया था, परंतु अब भी बड़ी संख्या में कर्मचारी इससे वंचित हैं।

बिजली विभाग के कर्मचारियों को सर्वाधिक फायदा

फैसले का सर्वाधिक लाभ बिजली विभाग में लगे कर्मचारियों को होगा। बिजली वितरण निगमों में सहायक लाइनमैन, लाइनमैन और क्लर्क सहित 15 हजार कच्चे कर्मचारी हैं जो बरसों से सेवाएं दे रहे, लेकिन न तो वे आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-एक के तहत लगे हैं और न ही पार्ट-2 में कवर होते हैं। मुख्यमंत्री के सामने भी यह मुद्दा उठा चुका है। सीएम ने जब अपने अधिकारियों से जवाब तलब किया तो उन्होंने कहा कि ये कर्मचारी स्पेशल कैटेगरी के तहत लगाए गए हैं। बहरहाल इन कर्मचारियों को पार्ट-2 में कवर करने का फैसला हुआ है।

समान काम के लिए समान वेतन देने वाला हरियाणा पहला प्रदेश : सीएम

'' हरियाणा समान काम के लिए समान वेतन देने वाला पहला प्रदेश है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करते समय भी कच्चे कर्मचारियों का वेतन पक्के कर्मचारियों की तर्ज पर 14.29 फीसद बढ़ाया गया था। अधिकतर महकमों और बोर्ड-निगमों में समान काम के लिए समान वेतन का सिद्धांत लागू है। जो कर्मचारी इस लाभ से अछूते रह गए थे, उन्हें भी जल्द इसका फायदा दिया जाएगा।

                                                                                                   - मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।

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