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जबरन वसूली मामले के जांच अधिकारी एसीपी विजय नेहरा ने दिया इस्तीफा

लोगों को ब्याज पर लाखों रुपये दिलवाने का झांसा देकर खाली कागजातों पर हस्ताक्षर करवाकर रंगदारी मागने वाले गिरोह की जाच कर रहे पंचकूला के एसीपी विजय नेहरा ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 11:22 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 11:22 PM (IST)
जबरन वसूली मामले के जांच अधिकारी एसीपी विजय नेहरा ने दिया इस्तीफा
जबरन वसूली मामले के जांच अधिकारी एसीपी विजय नेहरा ने दिया इस्तीफा

जागरण संवाददाता, पंचकूला : लोगों को ब्याज पर लाखों रुपये दिलवाने का झांसा देकर खाली कागजातों पर हस्ताक्षर करवाकर रंगदारी मागने वाले गिरोह की जाच कर रहे पंचकूला के एसीपी विजय नेहरा ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया। इस मामले में कई राजनीतिक और ब्यूरोक्रेट्स का दबाव भी पुलिस पर आ रहा था। फाइनेंसर अनिल भल्ला और उसके सहयोगी नरेंद्र खिलन को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि सेक्टर-2 चौकी प्रभारी गुरमेज सिंह फरार हो गया था। इस मामले में पुलिस ने शनिवार को अनिल भल्ला से मर्सिडीज कार और नरेंद्र से फा‌र्च्यूनर कार रिकवर की है। इस मामले में शिकायतकर्ता संजीव गर्ग को धमकाने के आरोप में पुलिस ने एक और मामला दर्ज किया है। पुलिस ने मामले में अनिल भल्ला के बेटे साहिल भल्ला और नरेंद्र के बेटे मोहित खिलन को गिरफ्तार कर लिया है।

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मैं व्यथित हूं, अब काम करना संभव नहीं

विजय कुमार नेहरा ने त्यागपत्र देते हुए कहा कि मैं तीन अक्टूबर 2008 को बतौर इंस्पेक्टर भर्ती हुआ था और पांच अगस्त 2020 को उपाधीक्षक बना। उतार-चढ़ाव से भरी हरियाणा पुलिस के साथ मेरा 14 वर्षो तक जुड़ाव रहा। इस दौरान मैंने पुलिस कार्य प्रणाली में लगातार गिरावट देखी। पिछले कुछ दिनों में हुई घटनाओं से मैं व्यथित हूं। कानून और नियमों के अनुसार अब काम करना लगभग असंभव है, क्योंकि हर कोई अपनी व्यवहारिक बाधाओं को जाने बिना पुलिस से तत्काल परिणाम की उम्मीद करता है।

पंचकूला के पुलिस स्टेशनों में मुलाजिमों की कमी

पंचकूला के कई पुलिस स्टेशन कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हैं। पिछले कई महीने से बिना अनुभवी थाना प्रभारियों के थाने चल रहे हैं। कुछ मामलों में उन निरीक्षकों को थाना प्रभारी के रूप में नियुक्त कर दिया गया, जो सेवानिवृत्ति के करीब हैं और अपनी पेशेवर ऊर्जा को समाप्त कर चुके हैं, जिन्हें थानों के कामकाज का बहुत कम अनुभव है। ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जहा नियमित कार्य ठप हो गया है और कर्मचारियों का मनोबल गिर चुका है। वह अत्यधिक तनाव में है। त्यागपत्र में एसीपी ने कहा कि सहायक पुलिस आयुक्त बैठकों में व्यस्त रहते हैं और बैठक में जो फैसले होते हैं, उनका पालन करने के लिए समय ही नहीं दिया जाता। भविष्य में भी स्थिति में कोई सुधार होने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि तुरंत मेरा इस्तीफा स्वीकार किया जाए।

पुलिस और बिजली निगम में फर्जी भर्ती की भी कर रहे थे जांच

एसीपी विजय नेहरा हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में पुलिस और बिजली निगम में फर्जी भर्ती मामलों की भी जाच कर रहे थे। इस मामले में 100 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

कोटस

मुझे त्यागपत्र के बारे में कोई जानकारी नहीं है। यदि उन्होंने त्यागपत्र दिया होगा, तो वह पहले डीसीपी के पास जाएगा, उसके बाद मेरे पास आएगा, जिसे मैं डीजीपी हरियाणा को भेजूंगा। उनका इस्तीफा राज्यपाल स्तर पर स्वीकार होगा।

डा. हनीफ कुरैशी, पुलिस आयुक्त, पंचकूला।

कोटस

इस्तीफे की जानकारी मुझे नहीं है। इस बारे में सोमवार को ही जानकारी दे पाऊंगा।

सुरेंद्र पाल सिंह, डीसीपी, पंचकूला।


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