चुनाव में फिर बाहर आएगा डंपिंग ग्राउंड शिफ्टिंग का जिन्न
कई ज्वलंत मुद्दे भी बाहर आने शुरू होने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, पंचकूला : चुनाव का बिगुल बजते ही शहर के कई ज्वलंत मुद्दे भी बाहर आने शुरू होने लगे हैं। घग्गर पार के लोग डंपिग ग्राउंड और एन्हॉसमेंट के मुद्दे को फिर से गर्माने का मन बना चुके हैं। जो भी नेता उनके घर वोट मांगने जाएगा, उससे पांच साल का जवाब मांगा जाएगा। कूड़े से उठने वाली बदबू के हल के लिए क्या कदम उठाए गए, पूछा जाएगा। नगर निगम द्वारा इस समस्या को हल करना था, सब कुछ पता होने के बाद भी समस्या जस की तस है। लोगों ने कहा : जनप्रतिनिधियों को सबक सिखाना जरूरी
-सेक्टर-24 निवासी सुभाष पपनेजा ने बताया कि सरकार लोगों की सेहत को लेकर गंभीर नहीं है। यदि ऐसा नहीं होता तो सेक्टर-23 स्थित डंपिग ग्राउंड को कभी का झूरीवाला में शिफ्ट कर दिया गया होता। वहीं, स्थानीय विधायक ने इसकी शिफ्टिंग को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। वे डंपिग ग्राउंड पर महज बयानबाजी करके वोट बैंक मजबूत करने में जुटे रहे लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में घग्गर पार के सेक्टरों में रहने वाले हजारों लोग सबक सिखाएंगे। डंपिग ग्राउंड के नजदीक से गुजरना मुश्किल हो गया है। बदबू हजारों लोगों को परेशान कर रही है।
-सेक्टर-25 निवासी विकास अग्रवाल ने बताया कि डंपिग ग्राउंड के चलते कई लोग तो दमे जैसी बीमारी से ग्रसित हो गए हैं। उन्होंने इस समस्या के समाधान को लेकर निगम अधिकारियों और स्थानीय नेताओं से गुहार भी लगाई लेकिन सुनवाई आज तक नहीं हुई। डंपिग ग्राउंड शिफ्टिंग को लेकर केवल उन्हें बहलाया गया। इससे स्थानीय लोगों में रोष है और उन्होंने नेताओं को सबक सिखाने की चेतावनी दी है। समस्या के समाधान को लेकर निगम अधिकारियों और स्थानीय नेताओं से कई बार मुलाकात की लेकिन उन्होंने आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं दिया।
-सेक्टर-28 निवासी जसबीर गोयत ने बताया कि डंपिग ग्राउंड के पास से लोगों का गुजरना मुश्किल हो गया है। यहां से गुजरने वाले लोग मुंह पर कपड़ा बांधकर निकलते हैं। ऐसे में नगर निगम अधिकारी लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। स्थानीय नेता चुनाव नजदीक आते ही बयानबाजी करते हैं कि डंपिग ग्राउंड को जल्द शिफ्ट कर दिया जाएगा। लेकिन पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी स्थिति पहले जैसी ही है।
-सेक्टर-26 निवासी बीडी मित्तल का कहना है कि डंपिग ग्राउंड के चलते लोग कई तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। करोड़ों रुपये खर्च करके भी लोगों को सुकून नहीं मिल रहा है। वह सुबह और शाम को घर के बाहर सैर तक नहीं कर सकते हैं। बारिश के दिनों में बदबू की समस्या विकराल हो जाती है। बदबू से निजात दिलाने के लिए डंपिग ग्राउंड पर केमिकल स्प्रे भी नहीं किया गया है। जबकि एनजीटी का आदेश था कि इस दिशा में तत्काल प्रभाव से काम किया जाए।