हत्या की कोशिश के मामले में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पर आरोप तय
अब इन मामलों में आरोपितों पर धारा 307 के तहत ट्रायल चलेगा।
जासं, पंचकूला : बिजनेसमैन के घर पर गोली चलाने पर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ पंचकूला की स्थानीय अदालत ने हत्या की कोशिश के तहत आरोप तय किया है। वहीं गैंगस्टर संपत नेहरा सहित अन्य सात आरोपितों पर बिजनेसमैन के घर गोली चलाने और आरोपित गैंगस्टर दीपक उर्फ टीनू को नागरिक अस्पताल सेक्टर-6 से पुलिस पर हमला कर छुड़वाने के मामले में अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं। यह दोनों मामले वर्ष 2017 के हैं। अब इन मामलों में आरोपितों पर धारा 307 के तहत ट्रायल चलेगा। इन गैंगस्टरों की पेशी के चलते बुधवार को जिला अदालत में पुलिस की ओर से पुख्ता सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। सुबह से ही कोर्ट परिसर में पुलिस बल तैनात था।
स्पेशल फोर्स की निगरानी में लॉरेंस बिश्नोई, संपत नेहरा, इंद्रप्रीत पैरी, शुभम, जोगा, दीपक टीनू, दीपू को पेश किया गया। इन दोनों मामलों में बचाव एवं अभियोजन पक्ष के बीच आरोप तय करने के लिए पिछली सुनवाई पर बहस पूरी हो गई थी। अदालत की ओर से अब अगली सुनवाई 19 दिसंबर तय की गई है। गैंगस्टर लॉरेन्स बिश्नोई, संपत नेहरा सहित 8 आरोपितों पर पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और राजस्थान में करीब 4 दर्जन से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं। एडवोकेट अमित डुडेजा ने बताया कि लारेंस बिश्नोई पर अनिल भल्ला के घर पर गोली चलाने व बाकी आरोपितों पर नागरिक अस्पताल सेक्टर- 6 से दीपक उर्फ टीनू को अस्पताल से भगाने के मामले में धारा 307 के तहत आरोप तय किए गए हैं। अनिल कुमार भल्ला निवासी सेक्टर- 2 के निवास पर 3 जुलाई 2017 को तड़के करीब साढ़े 3 बजे कुछ लोगों ने गोलियां चला दी थी। अनिल भल्ला अपनी माता, पत्नी और बहु सहित घर में सो रहे थे और चौकीदार विक्रांत शर्मा बाहर गेट पर था। गोली चलने की आवाज सुनकर अनिल भल्ला बाहर आये, इतने में स्विफ्ट कार में सवार तीन हमलावर कार में बैठकर भाग निकले। अस्पताल से भागने में कामयाब रहा था दीपक उर्फ टीनू
जून 2017 को लूट, डकैती और चोरी के आरोपित दीपक उर्फ टीनू को गैंगस्टर संपत नेहरा अचानक ही पंचकूला के जनरल अस्पताल से छुड़वाकर ले गया था। अपने घुटने का इलाज कराने के बहाने दीपक एक से लेकर 17 जून तक 8 बार जेल से बाहर आया। उसे 7 बार चंडीगढ़ के जीएमसीएच में लाया गया था। दीपक को बार-बार इलाज के नाम पर बाहर भेजा गया। उसके घुटने की एमआरआइ भी करवाने के लिए कहा गया था। बड़ी बात यह है कि जब दीपक अस्पताल भागा तो उसने तेज स्पीड में दौड़ लगाई थी।