Move to Jagran APP

बेजुबान करेगी एक साल में पांच हजार कुत्तों की नसबंदी

शहर में आवारा कुत्तों की संख्या पर अंकुश लगाने के लिए नसबंदी की शुरुआत की गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 04:44 AM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 04:44 AM (IST)
बेजुबान करेगी एक साल में पांच हजार कुत्तों की नसबंदी
बेजुबान करेगी एक साल में पांच हजार कुत्तों की नसबंदी

राजेश मलकानियां, पंचकूला

loksabha election banner

शहर में आवारा कुत्तों की संख्या पर अंकुश लगाने के लिए नसबंदी की शुरुआत की गई। नगर निगम ने बेजुबान संस्था को नसबंदी का काम सौंपा गया है। शहर में लगभग पांच हजार ऐसे कुत्ते हैं, जिनकी नसबंदी की जानी है। बेजुबान संस्था की कुत्तों को पकड़ने के लिए टीम और बैन आ गई है। साथ ही नसबंदी के लिए हेल्पलाइन नंबर 9876252622 जारी किया गया है, जिसमें शहर के लोगों को आने वाली शिकायतों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा कोई अन्य शिकायत जैसे कुत्तों को उठाकर कहीं छोड़ने या घायल व बीमार कुत्तों को उठाने की सुनवाई नहीं होगी। मेयर कुलभूषण गोयल ने बुधवार को सुखदर्शनपुर में यज्ञ के बाद नसबंदी का शुभारंभ किया।

एक कैनल में दो कुत्तों को रखने की व्यवस्था

सुखदर्शनपुर डॉग केयर सेंटर में पांच हजार कुत्तों की नसबंदी का लक्ष्य रखा है। रोजाना 10 से 15 कुत्तों की नसबंदी की जाएगी। यहां 14 कैनल तैयार किये हैं और 28 तैयार किये जाने हैं। 14 कैनल दो दिन में भर जाएंगे। एक कैनल में दो कुत्तों को रखने की व्यवस्था है। कुत्तों की नसबंदी के छह दिन बाद वापस छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें उठाया जाएगा। इस सेंटर पर अभी तक बिजली का कनेक्शन नहीं मिल पाया और जेनरेटर पर कार्य चलेगा। शौचालय की भी व्यवस्था नहीं है। सड़क का निर्माण हो पाया है। स्टाफ के रहने की भी व्यवस्था नहीं है।

शहर में करीब 12 हजार कुत्ते

सूत्रों के अनुसार करीब 12 हजार कुत्ते हैं। अब तक करीब सात हजार कुत्तों की नसबंदी हो चुकी है, बाकी पांच हजार कुत्ते लगातार जनसंख्या बढ़ा रहे हैं। नगर निगम ने कुत्तों को पकड़कर नसबंदी करवाने का काम पिछले छह महीने से बंद है, क्योंकि इसके लिए ठेके का टेंडर ही नहीं हुआ था। शहर में छह माह में आवारा कुत्तों की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है और सड़कों में कुत्तों के झुंड सुबह शाम बच्चों, बुजुर्गो को तंग कर रहे हैं और काट रहे हैं। आवारा कुत्तों ने पार्को में आम जनता का सैर करना और सामान्य जनजीवन अव्यवस्थित कर रखा है।

यह भी है योजना

शहर में घूम रहे आवारा कुत्तों के नवजात बच्चों को अब नगर निगम गोद लेगा। बेसहारा कुत्तियां जिन बच्चों को जन्म देगी, उन्हें गांव सुखदर्शनपुर में एक डॉग केयर, अस्पताल, छात्रवास एडॉप्शन व पुनर्वास केंद्र में पाला जाएगा। उनके सभी प्रकार के खाने-पीने व अन्य सुविधाएं होगी। जिसके बाद उस नवजात बच्चे के लिए ऑनलाइन एडॉप्शन की सुविधा भी रखी जाएगी। जहां से कोई भी व्यक्ति कुत्ते को गोद ले सकता है।

आठ सदस्यीय कमेटी का गठन

रेबीज वाले कुत्तों की पहचान करने की दिशा में आठ सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जो कुत्तों में रेबीज की जांच करेगी और जिन कुत्तों का बिहेवियर खराब पाया जाता है तो उसे ठीक करके कुत्ते को उसी स्थान पर छोड़ा जाएगा, जहां से कुत्ते को पकड़ा गया था। बीमार, जख्मी कुत्तों को पकड़कर उनका उपचार भी इसी केंद्र में किया जाएगा। नगर निगम आयुक्त आरके सिंह ने बताया कि पालतू कुत्तों के मालिकों को कभी अपने घर से किसी यात्रा या विदेश जाना चाहते हैं तो ऐसी स्थिति में वह कुत्ते को उस केंद्र के हॉस्टल में न्यूनतम शुल्क पर रख सकते हैं। उन्होंने बताया कि पालतू कुत्तों को निगम में प्राथमिकता के आधार पर पंजीकृत करवाना होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.