सरकार से वसूली जुर्माने की राशि हाईकोर्ट ने बाक्सर मनोज कुमार को सौंपी
हाई कोर्ट ने सरकार पर लगाए गए दस हजार रुपये जुर्माने की राशि बॉक्सर मनोज कुमार के वकील को सौंप दी है। यह जुर्माना सरकार पर दायर याचिका पर जवाब न देने पर लगाया गया था।
जेएनएन, चंडीगढ़। अर्जुन अवार्डी तथा कॉमनवेल्थ में गोल्ड मैडलिस्ट बॉक्सर मनोज कुमार द्वारा खिलाड़ियों को नौकरी देते हुए भेदभाव करने के आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका पर हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब मांगा था। जवाब न मिलने पर हरियाणा सरकार को दस हजार का जुर्माना लगाया गया था। हरियाणा सरकार ने कोर्ट के आदेश पर यह राशि मनोज कुमार को दे दी।
सरकारी वकील ने इस राशि का चेक मनोज के वकील को सौंप दिया। सरकार द्वारा जुर्माने की राशि देने के बाद कोर्ट ने मामले पर बहस के लिए सुनवाई 15 फरवरी तक स्थगित कर दी। मनोज कुमार ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार ने उनके साथ भेदभाव करते हुए खेल कोटे से डीएसपी के तौर पर नियुक्ति न देते हुए इंस्पेक्टर बनाने की पेशकश की थी।
याची ने कहा कि उसने कई मंचों पर अवार्ड व पदक पाकर देश का नाम रोशन किया है। उनके नाम पर अर्जुन अवार्ड है और वे 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल भी पा चुके हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि खेल नीति के तहत उन्हें डीएसपी का पद दिया जाना चाहिए था, क्योंकि वे ग्रेजुएट हैं, जबकि उन्हें इंस्पेक्टर का पद ऑफर किया गया।
याचिका मेंं बताया गया कि उनसे पूर्व ममता सौदा, जोगिंदर शर्मा, जितेंद्र कुमार, संदीप सिंह, सुरेंद्र कौर, सरदार सिंह, गीता जाखड़ आदि को डीएसपी बनाया गया है। याची ने कहा कि यदि उनको डीएसपी नहींं बनाया जाता है तो यह उनके साथ अन्याय होगा।
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलीलों को सुनने के बाद टिप्पणी करते हुए कहा था कि देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ी हक के लिए अदालतों के चक्कर लगाने को मजबूर क्यों हैं और आखिर क्यों खिलाड़ियों को नौकरी देते हुए भेदभाव हो रहा है। इस पर हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब तलब किया था।
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