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फाइनेंसर भल्ला के खिलाफ 180 से अधिक शिकायतें

पिछले कई वर्षो से लोगों को लाखों रुपये ब्याज पर दिलवाने के नाम पर खाली कागजात पर हस्ताक्षर करवाकर फिरौती वसूलने का खेल फाइनेंसर अनिल भल्ला पिछले कई साल से चला रहा था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 11:57 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 11:57 PM (IST)
फाइनेंसर भल्ला के खिलाफ 180 से अधिक शिकायतें
फाइनेंसर भल्ला के खिलाफ 180 से अधिक शिकायतें

राजेश मलकानियां, पंचकूला : पिछले कई वर्षो से लोगों को लाखों रुपये ब्याज पर दिलवाने के नाम पर खाली कागजात पर हस्ताक्षर करवाकर फिरौती वसूलने का खेल फाइनेंसर अनिल भल्ला पिछले कई साल से चला रहा था। जांच में सामने आया कि अनिल भल्ला और उसके साथियों के खिलाफ विभिन्न थानों में 180 से अधिक शिकायतें हैं। उसके राजनीतिक एवं ब्यूरोक्रेट्स के साथ अच्छे संबंध होने के कारण उस पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई।

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देर रात पंचकूला के पुलिस आयुक्त डा. हनीफ कुरैशी ने सेक्टर-2 की पुलिस चौकी में छापा मारा, तो पूरा मामला सामने आ गया। पूरे रैकेट में कुछ पुलिस अधिकारियों के नाम भी सामने आए हैं। सेक्टर-2 पुलिस चौकी प्रभारी गुरमेज सिंह की सीधी भूमिका का भी सच सामने आया।

पुलिस आयुक्त डा. हनीफ कुरैशी ने बताया कि इस गिरोह का सरगना फाइनेंसर अनिल भल्ला है। वह भोले भाले लोगों से खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवाकर बाद में उनको ब्लैकमेल करके उनकी जमीन जायदाद हड़पने व झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी देता था। आरोपितों का गिरोह पीड़ित को गिरफ्तारी का डर दिखाकर पैसे व कारों की मांग करता था। ऐसा ही उन्होंने सेक्टर-2 पुलिस चौकी प्रभारी गुरमेज सिंह के साथ मिलकर सेक्टर-4 निवासी संजीव गर्ग के साथ किया।

संजीव गर्ग हरियाणा और पंजाब में 4-5 पेट्रोल पंप चलाते हैं। संजीव गर्ग को बिजनेस के सिलसिले में करोड़ों रुपये की आवश्यकता थी। एफआइआर में राशि का उल्लेख नहीं है, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह राशि 50 करोड़ रुपये से भी कहीं अधिक थी। इस संबंध में अनिल भल्ला से उसकी बातचीत हुई थी। अनिल भल्ला ने संजीव गर्ग के व्यवसाय के विस्तार के लिए उचित ब्याज दरों पर विदेशी धन की व्यवस्था करने का उसे भरोसा दिया था। इसके चलते अनिल भल्ला ने कई खाली कागजातों, बैंक चेक और संपत्ति के कागजातों पर संजीव गर्ग के हस्ताक्षर करवा लिए थे। लोन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए उसके आवासीय संपत्ति के कागजात भी आवेदन और हलफनामों में बदल दिए गए। आवेदक को धन की आवश्यकता थी, इसलिए उसने अपने पहचान प्रमाण पत्र, आइटी रिटर्न इत्यादि की प्रतियां भी अनिल भल्ला को दे दी।

संजीव गर्ग के पिता की कंपनी मैसर्स भगवंत राय दर्शन कुमार के विभिन्न चेक दे दिए। अनिल भल्ला ने उससे 45 लाख रुपये भी ले लिए। काफी समय बीतने के बाद भी अनिल भल्ला संजीव गर्ग को कोई लोन या विदेशी धन दिलवाने में असफल रहा। अनिल भल्ला से कई बार संजीव गर्ग ने अपने पैसे और कागजात वापस मांगे, तो अनिल भल्ला उसे फर्जी मामले में फंसवाने और जान से मारने की धमकी देने लगा था। बाद में पता चला कि वह कई लोगों के साथ ऐसा कर चुका है। इस पर उसने पुलिस को शिकायत दी।


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