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ढींगरा आयोग के हक में विधानसभा की रिपोर्ट अदालत में पेश

ढींगरा आयोग को चुनौती देने वाली याचिका जस्टिस सूर्यकांत ने जस्टिस अजय मित्तल की पीठ को रेफर कर दी। अब 31 जनवरी को इस पर सुनवाई होगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 12 Jan 2017 05:26 PM (IST)Updated: Thu, 12 Jan 2017 05:34 PM (IST)
ढींगरा आयोग के हक में विधानसभा की रिपोर्ट अदालत में पेश

जेएनएन, चंडीगढ़। राबर्ट वाड्रा की कंपनी और डीएलएफ समेत गुरुग्र्राम में विभिन्न सीएलयू जारी करने में हुई अनियमितताओं की जांच के लिए गठित जस्टिस ढींगरा आयोग के गठन को चुनौती देने वाली याचिका पर वीरवार को जस्टिस सूर्यकांत पर आधारित खंडपीठ ने सुनवाई नहीं की। खंडपीठ ने यह मामला जस्टिस अजय मित्तल पर आधारित खंडपीठ को सुनवाई के लिए वापस भेज दिया है।

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हाई कोर्ट के रोस्टर के अनुसार यह मामला जस्टिस सूर्य कांत पर आधारित डिविजन बैंच के सामने लिस्ट किया गया, लेकिन जस्टिस अजय मित्तल की बैंच कई सुनवाई कर चुकी, जिस कारण इसे पार्टहर्ड मामला माना गया है। नतीजतन, जस्टिस सूर्यकांत ने मामले पर सुनवाई नही की। जस्टिस सूर्यकांत ने इस मामले में पूर्व आदेश को जारी रखने का आदेश देते हुए सुनवाई 31 जनवरी के लिए तय कर दी।

सरकार ने अदालत में यह दाखिल किया जवाब

हुड्डा द्वारा इस मामले में लगाए गए आरोप के जवाब में सरकार ने वीरवार को 4 नवंबर 2014 की विधानसभा की वह कार्यवाही रिपोर्ट भी हाई कोर्ट में पेश की, जिसमें चौटाला और हुड्डा के बयान दर्ज हैैं। रिपोर्ट में कहा गया कि जस्टिस ढींगरा आयोग के गठन के पीछे कोई राजनीतिक मंशा अथवा बदले की भावना नहीं छिपी है, बल्कि जनहित में यह मांग विधानसभा में उठाई गई थी।

एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन की ओर से तैयार किए गए जवाब में कहा गया है कि चौटाला और हुड्डा की दलीलों के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी तथ्यों की निष्पक्ष जांच कराने का भरोसा दिलाया था। अदालत में चौटाला के भाषण की वह प्रोसेडिंग भी पेश की गई, जिसमें उन्होंने कहा है कि कैग ने करीब 44 करोड़ रुपये की अनियमितताएं पकड़ी हैैं, इसलिए किसी कार्यरत न्यायाधीश से वाड्रा व डीएलएफ के जमीन सौदों की जांच होनी चाहिए। सरकार ने हुड्डा के उस बयान को भी हाईकोर्ट में पेश किया, जिसमें कहा गया है कि उन पर लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैैं। वे किसी भी निष्पक्ष जांच के लिए तैयार हैैं।

याचिका में हुड्डा ने क्या लगाए हैं आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की ओर से कहा गया कि इस कमीशन का गठन केवल राजनीतिक दुर्भावना से किया गया है, जिसका मुख्य मकसद केवल हुड्डा को जेल भेजना है। हाई कोर्ट में उन्होंने कुछ समाचार पत्रों में छपी खबर का हवाला भी दिया था, जिसमें सीएम ने बयान दिया था कि हुड्डा जल्द ही जेल जाएंगे।

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