हरियाणा में बेटियाें को बचाने में फतेहाबाद जिला बन रहा मिसाल, झज्जर फिसड्डी
हरियाणा में बेटियों को बचाने में फतेहाबाद दूसरे जिलों के लिए मिसाल कायम कर रहा है। राज्य में लिंगानुपात में फतेहाबाद सबसे आगे है।
चंडीगढ़, जेएनएन। बेटियां बचाने के मामले में फतेहाबाद जिला सभी के लिए मिसाल बन रहा है। यहां प्रत्येक लड़कों के पीछे 941 लड़कियां जन्म ले रही हैं। प्रदेश में यह सर्वाधिक बेहतर लिंगानुपात है। बेटियां बचाने में जहां पांच जिले बेहतर स्थिति में हैं, वहीं झज्जर और चरखी दादरी सहित सात जिलों में स्थिति चिंताजनक है।
प्रदेश में 914 हुआ लिंगानुपात, 15 जिलों में प्रत्येक हजार लड़कों पर 900 से ज्यादा बेटियां
प्रदेश में पिछले साल अगस्त तक जहां लिंगानुपात 920 था, वह इस बार 914 आ गया है। बेहतर लिंगानुपात मेें पानीपत 940 बेटियों के साथ दूसरे नंबर पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहीं से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम का आगाज किया था।
झज्जर और चरखी दादरी सहित सात जिलों में स्थिति ज्यादा चिंताजनक
दो दशक की बात करें तो वर्ष 2001 की जनगणना में झज्जर व महेंद्रगढ़ जिलों में लिंगानुपात की स्थिति सबसे खराब थी। राष्ट्रीय स्तर पर लिंगानुपात के मामले में सबसे नीचे रहे जिलों में भी झज्जर व महेंद्रगढ़ सहित हरियाणा के पांच-छह जिले शामिल थे। आज भी झज्जर में लिंगानुपात 875 तक पहुंच सका है। चरखी दादरी, करनाल, भिवानी, रोहतक और साइबर सिटी गुरुग्राम में लिंगानुपात 900 से नीचे है।
जिलों में लिंगानुपात
जिला लिंगानुपात
1. फतेहाबाद 941
2. पानीपत 940
3. सोनीपत 939
4. सिरसा 938
5. नूंह 931
6. कैथल 929
7. कुरुक्षेत्र 928
8. पंचकूला 925
9. हिसार 915
10. अंबाला 915
11. यमुनानगर 915
12. फरीदाबाद 914
13. रेवाड़ी 913
14. पलवल 909
15. जींद 905
16. महेंद्रगढ़ 900
17. गुरुग्राम 898
18. रोहतक 898
19. भिवानी 891
20. करनाल 888
21. चरखी दादरी 887
22. झज्जर 875
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कुल लिंगानुपात 914