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हरियाणा में बन रहा लैंड बैंक, किसानों को मिलेगा जमीन का दोगुना मुआवजा

हरियाणा ने जमीन अधिग्रहण में नया गुणा फैक्टर जोड़ा है। इसका मतलब यह है कि अब किसान की जमीन शहर से जितनी होगी, उसके उतने ही रेट अधिक मिलेंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 28 Jan 2018 07:01 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jan 2018 08:50 AM (IST)
हरियाणा में बन रहा लैंड बैंक, किसानों को मिलेगा जमीन का दोगुना मुआवजा
हरियाणा में बन रहा लैंड बैंक, किसानों को मिलेगा जमीन का दोगुना मुआवजा

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में अब कोई भी विकास परियोजना जमीन की कमी की वजह से नहीं लटकेगी। राज्य सरकार ने लैैंड बैैंक तैयार करने के साथ ही अब किसानों को उनकी जमीन का दोगुणा मुआवजा देने का निर्णय लिया है। इसी माह हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया था और अब इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

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हरियाणा सरकार किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे पर सौ फीसदी सोलेशियस (सांत्वना राशि) भी प्रदान करेगी। सरकार ने चार साल पुराने कानून में नए गुणा फैक्टर जोड़े हैैं, जिसका मतलब यह है कि अब किसान की जमीन शहर से जितना दूर होगी, उसके उतने ही रेट अधिक मिलेंगे। भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के मुताबिक अगर ग्रामीण क्षेत्र की यह जमीन किसी सरकारी या अद्र्ध सरकारी काम के लिए अधिगृहीत की जाती है और यह जमीन साथ लगते किसी भी शहरी क्षेत्र से 30 किलोमीटर दूर है तो उस जमीन का सरकारी मुआवजा मार्केट रेट का डबल रहेगा। राजस्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का दावा है कि मुआवजा राशि बढऩे के बाद सरकारी परियोजनाओं के लिए जमीनों की किल्लत खत्म होने में मदद मिल सकेगी।

इस तरह से काम करेगा जमीन का फैक्टर रेट

अगर जमीन शहर से 10 किलोमीटर दूर है तो फैक्टर 1.25 से गुणा होगा। अगर जमीन 10 से 20 किलोमीटर की बीच की दूरी पर है तो फैक्टर 1.5 होगा। जमीन की दूरी अगर 20 से 30 किलोमीटर के बीच में होगी तो फैक्टर 1.75 रहेगा। 30 किलोमीटर से ज्यादा दूरी वाली जमीन पर मुआवजे की गुणा का फैक्टर 2 रहेगा।

आसपास की रजिस्ट्रियों के हिसाब से निकलेगा जमीन का मार्केट रेट

जमीन की मार्केट कीमत निकालने के लिए सबसे पहले जमीन के सामाजिक प्रभाव आकलन की अधिसूचना जारी होगी। जिस दिन अधिसूचना जारी होगी, उस दिन से तीन साल तक उस क्षेत्र की जमीन की बिक्री की जितनी भी रजिस्ट्रियां होंगी, उनमें सबसे अधिक रजिस्ट्रियों में से आधी का औसत निकाला जाएगा। साथ ही कलेक्टर रेट का आकलन होगा। इनमें जो भी ज्यादा होगा वही मार्केट कीमत माना जाएगा।

इस तरह से समझिए मुआवजे का गणित

उदाहरण के लिए अगर जमीन 10 से 20 किलोमीटर के बीच में है और उसकी मार्केट कीमत 20 लाख रुपये है तो किसान को 60 लाख रुपये मुआवजा मिलेगा। इस जमीन में 1.5 का गुणात्मक फैक्टर काम करेगा। इसमें सोलेशियम की राशि 30 लाख रुपये मानी जाएगी। अगर जमीन पर कोई भवन बना है तो उसके दाम पर भी सोलेशियम मिलेगा।

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