शीर्ष स्तर पर चल रहा मंथन, किसानों के साथ खेतिहर मजदूरों को भी मिलेगी पेंशन
हरियाणा में किसानों के साथ ही खेतिहर मजदूरों को भी पेंशन देने की तैयारी है। इसके लिए सरकार में शीर्ष स्तर पर मंथन चल रहा है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में किसानों के साथ ही खेतिहर मजदूरों को भी पेंशन देने की तैयारी है। इसके लिए सरकार में शीर्ष स्तर पर मंथन चल रहा है। प्रदेश में करीब साढ़े सोलह लाख किसान और 26 लाख खेतिहर मजदूर हैं, जिनमें 60 साल से अधिक उम्र वाले लोग पेंशन के हकदार होंगे। हालांकि अभी पेंशन की राशि तय नहीं हो पाई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक किसानों को पांच हजार रुपये तक पेंशन मिलेगी।
हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष सुभाष बराला की अध्यक्षता वाली किसान पेंशन ड्राफ्ट समिति ने बैठक कर किसानों को पेंशन के ड्रॉफ्ट पर चर्चा की। समिति ने सभी जिलों के उपायुक्तों को दस दिन में किसानों का डाटा भेजने और शेष विरासत इंतकाल तैयार करने का निर्देश दिया है। हरियाणा निवास में हुई बैठक में किसानों के लिए विशेष कोष बनाने की भी सिफारिश की गई, जिससे पेंशन का अतिरिक्त बोझ सरकार पर नहीं पड़ेगा।
किसानों को पेंशन के लिए गठित कमेटी में विधायक अभय सिंह यादव, महिपाल ढांडा, घनश्याम दास अरोड़ा, पवन सैनी और कृषि महानिदेशक अजीत बालाजी जोशी शामिल हैं। बैठक में चर्चा हुई कि किसानों को किस उम्र के बाद पेंशन दी जाए और कितनी। इसके अलावा कितने किसान इससे लाभान्वित होंगे।
बैठक के बाद सुभाष बराला ने बताया कि समिति जल्द ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल को रिपोर्ट सौंप देगी ताकि आगे की प्रक्रिया शुरू हो सके। कमेटी की अगली बैठक भी जल्द होगी। इसमें रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की भलाई और उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए अनेक ठोस कदम उठा रही है। पेंशन योजना लागू होने से लाखों किसानों को आर्थिक लाभ होगा।
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन का कहना है कि किसानों के साथ ही खेतिहर मजदूरों को भी पेंशन देने के लिए सरकार में शीर्ष स्तर पर मंथन चल रहा है। किसान पेंशन ड्रॉफ्ट कमेटी को योजना का ड्राफ्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। योजना सिरे चढऩे से किसानों की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।