Move to Jagran APP

हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी ग्रुप हाउसिग सोसायटीज को नहीं मिल रही जमीन

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा मनसा देवी कांप्लेक्स सेक्टर-2 में ग्रुप हाउसिग सोसायटीज को लैंड पूलिग या पूरी जमीन के बदले 55 प्रतिशत जमीन देने के कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 10:21 PM (IST)Updated: Fri, 11 Sep 2020 05:16 AM (IST)
हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी ग्रुप हाउसिग सोसायटीज को नहीं मिल रही जमीन
हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी ग्रुप हाउसिग सोसायटीज को नहीं मिल रही जमीन

जागरण संवाददाता, पंचकूला : हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा मनसा देवी कांप्लेक्स सेक्टर-2 में ग्रुप हाउसिग सोसायटीज को लैंड पूलिग या पूरी जमीन के बदले 55 प्रतिशत जमीन देने के कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की जा रही है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री और प्रधान सचिव हरियाणा के हस्तक्षेप के बावजूद प्राधिकरण के अधिकारी सोसायटी धारकों की बात सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। इन सोसायटीज ने वर्ष 1990 में गांव सकेतड़ी के अलग-अलग जमींदारों से लगभग 35 एकड़ जमीन खरीदी थी, जिसके बाद इन लोगों ने अपना कब्जा भी ले लिया था। लेकिन वर्ष 2005 में प्राधिकरण द्वारा मनसा देवी कांप्लेक्स सेक्टर-2 को विकसित करने के लिए गांव सकेतड़ी में लगती जमीनों को अधिग्रहण करने की कार्रवाई शुरू कर दी। इसके तहत हिल व्यू पत्रकार एंड फ्रेंड्स कोऑपरेटिव ग्रुप हाउसिग सोसायटी, समाचार पत्र इंप्लाइज एंड फ्रेंड्स कोऑपरेटिव ग्रुप हाउसिग सोसायटी, द ट्रिब्यून इंप्लाइज एंड फ्रेंड्स को ऑपरेटिव सोसायटी की जमीन भी अधिग्रहण के अंतर्गत आ गई, लेकिन इसी बीच इन सोसायटीज के लगभग 700 सदस्य हाई कोर्ट की शरण में चले गए। काफी समय तक केस चलने के बाद 31 अगस्त 2020 को हाई कोर्ट ने आदेश दिए कि इन सोसायटी के सदस्यों को लैंड पूलिग के तहत 23 प्रतिशत जमीन दी जाए या मूल जमीन का 55 प्रतिशत हिस्सा दिया जाए, जिसमें डेवलपमेंट चार्जेस सोसायटी के सदस्यों द्वारा वहन किए जाएंगे। तुरंत प्रभाव से हाई कोर्ट के आदेशों को किया जाए लागू

loksabha election banner

सोसायटी के प्रधान वीएस पाठक ने बताया कि प्राधिकरण ने जो भी शर्तें हमारे समक्ष रखी गई, उसके लिए हमने अपने स्वीकृति पत्र भी दे दिए, लेकिन बावजूद इसके प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक द्वारा सोसायटी को जमीन देने संबंधी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। सोसायटी के सदस्य 12 नवंबर 2018 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उसके बाद प्रधान सचिव राजेश खुल्लर के पास भी गए थे, जिन्होंने प्राधिकरण को निर्देश दिए थे कि इन लोगों को जमीन के बदले नियमानुसार जमीन दी जाए। जिसमें यह ग्रुप हाउसिग सोसायटीज का निर्माण कर सकें। वीएस पाठक के अनुसार यदि प्राधिकरण उन्हें जमीन अलॉट कर देता, तो अब तक यह सेक्टर पूरी तरह बस जाता और यहां पर लोगों को अन्य सुविधाएं भी मुहैया हो जाती। हमारी मांग है कि हाई कोर्ट के आदेशों को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए, हमें जमीन चाहिए, पैसा नहीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.