रेड जोन में उद्योग चलाने को उद्यमियों को जल्दबाजी नहीं, लॉकडाउन खुलने का करेंगे इंतजार
हरियाणा में लॉक डाउन के बीच उद्योगों को खोलने की छूट को लेकर रेड जाेन के उद्यमी जल्दबाजी में नहीं हैं। इस जाेन के उद्यमी लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। लॉकडाउन के चलते आर्थिक तंगी से घिरे होने के बावजूद रेड जोन के उद्यमी अभी औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने की जल्दबाजी में नहीं हैं। इसके पीछे उद्यमियों की आपस में हुई लंबी चर्चा के बाद कुछ ऐसे तर्क हैं जिनकी काट शासन-प्रशासन के पास भी नहीं है। असल में उद्यमियों को लाॅकडाउन के दौरान रोजमर्रा के दौरान इस्तेमाल होने वाली आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन के अलावा सरकार कुछ अन्य क्षेत्रों में भी औद्योगिक गतिविधियों की छूट देना चाहती है मगर जिन शर्तों पर यह छूट मिल रही है, उस पर उद्यमी फिलहाल तैयार नहीं हैं।
उत्पादन शुरू करने के लिए श्रमिकों के कैंपस में ठहरने की व्यवस्था करना नहीं आसान
औद्योगिक संगठन तो यह भी कह रहे हैं कि सरकार ने जिस तरह आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए दुकान, संस्थान और फैक्ट्री शुरू करवाई, उसी तर्ज पर यदि उद्यमियों को उनको उद्योग शुरू करने के लिए कहा जाएगा तो निश्चित तौर पर उद्यमी उत्साह से अपना काम शुरू करने के लिए आगे आएंगे। अन्यथा उद्यमी लॉकडाउन पूरी तरह खुलने का इंतजार करेंगे। उद्यमी फिलहाल सरकार की इस शर्त से भी अपने उद्योग खोलने से पीछे हट रहे हैं कि उन्हें अपने मजदूरों के लिए अपने ही संस्थान में रहने व भोजन की व्यवस्था करनी होगी।
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मारुति, होंडा और जेसीबी खुलेंगे तो ही उत्पादन होगा शुरू
सरकार ने छोटे उद्योग खोलने की सशर्त अनुमति दी है मगर कोरोना वायरस के संक्रमण के इस दौर में हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम, पलवल, नूंह रेड जोन में हैं। इन जोन में ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग की इंडस्ट्री तो ज्यादातर मारुति, होंडा और जेसीबी के लिए काम करती हैं। जब तक ये तीनों मदर यूनिट नहीं खुलेंगी तब तक छोटे उद्योगों के लिए उत्पादन करना संभव नहीं होगा। क्योंकि इन बड़ी यूनिट के लिए जॉब वर्क करने वाली छोटी इंडस्ट्री के पास तैयार उत्पादों को रखने की जगह तक नहीं होगी।
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आयात-निर्यात भी खोलने पर हो विचार
गुरुग्राम इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जेएन मंगला के अनुसार किसी भी इंडस्ट्री को शुरू करने के लिए उसकी एक चेन होती है। कच्चा माल कहां से आएगा, तैयार माल कहां जाएगा। इसके अलावा मशीनरी कौन मजदूर चलाएंगे और मशीनरी खराब हुई तो कौन ठीक करेगा। कच्चा माल लाने व तैयार माल ले जाने के लिए ट्रांसपाेर्ट सिस्टम क्या है। यह चेन बनेगी तो इंडस्ट्री आगे चलेगी।
मंगला के अनुसार फिलहाल गारमेड इंडस्ट्री को ऑक्सीजन देने के लिए आयात-निर्यात अवश्य खोल देना चाहिए। क्योंकि इससे गारमेड इंडस्ट्री के तैयार ऑर्डर डिस्पेच हो सकेंगे। अन्यथा अगले 15 दिन बाद इस तैयार माल की अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग भी नहीं रहेगी।
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पीएम के संबोधन के बाद ही तय होगा अगला कदम
औद्योगिक संगठनों खासताैर पर फरीदाबाद व गुरुग्राम इंडस्ट्रीज एसोसिएशन सहित मैन्यूफेक्चरिंग एसोसिएशन फरीदाबाद के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल का प्रदेशवासियों के नाम संबोधन में इंडस्ट्री की बाबत किसी बड़ी घोषणा का इंतजार किया। मगर अब उन्हें मंगलवार सुबह 10 बजे का इंतजार है। जब पीएम नरेंद्र मोदी लॉकडाउन के दूसरे चरण की बाबत राष्ट्र के नाम संबोधन देंगे।
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