हरियाणा में गौशालाओं से मिलेगा रोजगार, गोपाष्टमी पर्व मनाने वालों को मिलेंगे 21 हजार
रियाणा सरकार गौशालाओं के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ रोजगार सृजन पर काम कर रही है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार गौशालाओं के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ रोजगार सृजन पर काम कर रही है। गौशालाओं में मशीनों के माध्यम से धूप बत्ती, गमले, फिनाइल, गोमूत्र से दवा आदि बनाई जाएगी। इन मशीनों पर हरियाणा गौसेवा आयोग 90 प्रतिशत का अनुदान देगा। यहां तैयार किए जाने वाले सामान की बिक्री आयोग द्वारा करवाई जाएगी। इसके अलावा आयोग गौशालाओं को सौर ऊर्जा से जगमग करने के प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहा है।
सौर ऊर्जा से जगमग हो रही गौशालाएं
मुख्यमंत्री जगमग गौशाला योजना के तहत सौर ऊर्जा उपकरण लगाने वाली गौशालाओं से आवेदन मांगे गए थे, जिसके तहत 278 गौशालाओं ने अपनी रिपोर्ट भेज दी है। योजना के तहत सौर ऊर्जा उपकरण स्थापित करने के लिए आयोग द्वारा 10 प्रतिशत की सहयोग राशि दी जा रही है। पिछले दिनों गौशालाओं से बिजली खपत/लोड की रिपोर्ट मांगी गई थी। इस काम के लिए सरकार द्वारा प्रथम चरण में 15 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी, जिसे अक्षय ऊर्जा विभाग हरेडा को उपलब्ध करवा दिया गया है।
गोपाष्टमी पर्व मनाने वाली गौशालाओं को मिलेंगे 21 हजार रुपये
इसके अलावा, गोपाष्टमी का पर्व मनाने वाली गौशालाओं को एकमुश्त 21 हजार रुपये की सहायता राशि उपलब्ध करवाई जाएगी, इसके लिए गौशालाओं को आयोजन से जुड़े फोटो आयोग को भेजने होंगे। आयोग ने गौशालाओं से पंचगव्य की रिपोर्ट भी मांगी है। जिन गौशालाओं में फिनाइल तैयार किया गया है उसे सरकारी अस्पतालों व अन्य संस्थाओं में प्रयोग में लाए जाने के योजना है।
गौशालाओं आत्मनिर्भर बनाने की योजनाः भानीराम मंगला
हरियाणा गौसेवा आयोग के चेयरमैन भानीराम मंगला का कहना है कि गौशाला संचालकों को गौशालाओं को स्वावलम्बी व आत्मनिर्भर बनने की कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है। इस काम में सरकार व प्रशासन संचालकों की पूरी तरह से मदद कर रहा है। आयोग का उद्देश्य गौसंरक्षण के साथ-साथ रोजगार सृजन व पर्यावरण संरक्षण की तरफ ध्यान देना है।