सुविधाएं छीनने पर भड़का सर्व कर्मचारी संघ, आंदाेलन का ऐलान
हाईकोर्ट के फैसले से प्रभावित 4654 कर्मचारियों की सुविधाएं रोकने के खिलाफ सर्व कर्मचारी संघ बिफर गया है। संघ न इसके खिलाफ अांदोलन करने का ऐलान किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हाईकोर्ट के फैसले से प्रभावित 4654 कर्मचारियों की नौकरी बचाने के लिए सरकार चाहे जो कर रही हो, लेकिन इन कर्मचारियों को सभी तरह की विभागीय सुविधाएं रोके जाने से कर्मचारी संगठन खफा हैं। लोन, पदोन्नति, चाइल्ड केयर लीव, एलटीसी, एचटीसी और सालाना वेतन वृद्धि पर रोक से भड़के सर्व कर्मचारी संघ ने विधेयक लाने का दबाव बनाने के लिए आंदोलन तेज करने का एलान कर दिया है।
बदली हुई परिस्थितियों को ध्यान में रखकर सर्व कर्मचारी संघ ने आनन-फानन में राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुला ली। इसमें सरकार द्वारा अभी तक एक्ट का ड्राफ्ट नहीं देने पर चिंता जताई गई। संघ के प्रदेश अध्यक्ष धर्मबीर फौगाट और महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि प्रभावित कर्मचारियों की नौकरी बचाने और स्टेट ऑफ कर्नाटक सरकार बनाम उमा देवी के केस में सुप्रीम कोर्ट के 10 अप्रैल 2006 के निर्णय को निष्प्रभावी बनाने के लिए कर्मचारी 1 व 2 अगस्त को संसद पर सामूहिक धरना देंगे। इस दौरान सभी राजनीति पार्टियों के अध्यक्षों, संसदीय दल के नेताओं व लोकसभा एवं राज्यसभा के सदस्यों को ज्ञापन सौंपे जाएंगे। 9 अगस्त को सभी जिलों में मशाल जुलूस निकालते हुए प्रदर्शन होंगे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि विधानसभा के मानसूत्र के पहले ही दिन एक्ट पास नहीं हुआ तो दुसरे दिन हजारों कर्मचारी विधानसभा का घेराव करेंगे। मीटिंग में रोडवेज में किलोमीटर स्कीम के तहत 700 प्राइवेट बसें चलाने का विरोध करते 7 अगस्त को रोडवेज कर्मचारियों के चक्का जाम को पुरजोर समर्थन करने का फैसला लिया गया।
सुरजेवाला ने भी दिया कर्मचारियों को समर्थन
कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने विधानसभा में बिल लाकर सभी कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के भत्ते व सुविधाएं रोककर सरकार ने साफ कर दिया है कि वह झूठ व फरेब की नीति पर चल रही है। अगर सरकार ने कर्मचारियों को हक नहीं दिया तो अगली बार उनकी सरकार सभी कच्चे कर्मचारियों को न्याय दिलाएगी।