Haryana Power Crisis: हरियाणा में 30 प्रतिशत तक बढ़ी बिजली की मांग, रोजाना 65 लाख यूनिट के कट
हरियाणा में तापमान बढ़ने के कारण बिजली की डिमांड बढ़ गई है। यह डिमांड पिछले वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है। हंगा काेयला बिजली सप्लाई में बाधा बन रहा है। रोजाना राज्य में 65 लाख यूनिट के कट लग रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में गर्मी बढ़ने के साथ बिजली की मांग भी चरम पर पहुंच गई है। पिछले साल की तुलना में बिजली खपत 30 प्रतिशत बढ़ गई है। रोजाना 1552 लाख यूनिट बिजली की खपत हो रही है, जबकि 65 लाख यूनिट के कट लग रहे हैं।
महंगा काेयला बिजली सप्लाई दुरुस्त करने में सबसे बड़ी बाधा है, क्योंकि बढ़ी लागत को आधार बना अदाणी पावर लिमिटेड(एपीएल) और कोस्टल गुजरात पावर लिमिटेड (सीजीपीएल) छह महीने से प्रदेश को बिजली नहीं दे रहे।
हरियाणा पावर परचेज सेंटर ने दस साल के लिए बगलिहार परियोजना से 75 मेगावाट अतिरिक्त बिजली खरीदने की मंजूरी मांगी है जिससे बिजली की जरूरत पूरी की जा सके। प्रदेश में गर्मी के चलते बिजली की मांग 8084 मेगवाट पर पहुंच गई है, जबकि बिजली वितरण निगम 7489 मेगावाट बिजली की आपूर्ति कर पा रहा है।
इस बार तापमान अचानक से बढ़ गया जिसके चलते पहली अप्रैल से 14 अप्रैल तक बिजली की मांग 15 से 30 प्रतिशत तक बढ़ी है। बिजली विभाग आपूर्ति को सुचारु बनाए रखने के लिए न केवल 12 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद रहा है, बल्कि खेदड़ प्लांट की 600 मेगावाट और पानीपत में 250 मेगावाट यूनिट काे भी शुरू किया जा चुका है।
गेहूं कटाई का कार्य पीक पर होने के चलते कृषि क्षेत्र को रात में सात घंटे बिजली दी जा रही है। पहले कृषि क्षेत्र में कट थे, जिन्हें बंद कर दिया गया है। अब औद्योगिक क्षेत्र में कट लगाए जा रहे हैं।
विद्युत विनियामक आयोग में पहुंचा मामला
बिजली संकट का बड़ा कारण अदाणी पावर लिमिटेड और कोस्टल गुजरात पावर लिमिटेड का सप्लाई से पीछे हटना है। समझौते के अनुसार एपीएल काे 1428 और सीजीपीएल को 380 मेगावाट बिजली देनी है। अदाणी पावर से 25 साल के लिए 2.94 रुपये प्रति यूनिट और सीजीपीएल से 25 साल के लिए 2.26 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली लेेने का अनुबंध प्रदेश सरकार ने किया हुआ है।
दोनों कंपनियों द्वारा बिजली सप्लाई रोकने पर हरियाणा पावर परचेज सेंटर ने हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग में शिकायत की है। काेयले की बढ़ी कीमतों के आधार पर एपीएल और सीजीपीएल उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिश के अनुसार टैरिफ बढ़ाने के लिए पूरक समझौते की मांग कर रहे हैं।
वहीं, प्रदेश सरकार 10 साल के लिए जम्मू और कश्मीर राज्य बिजली विकास निगम की बगलिहार जलविद्युत परियोजना से अतिरिक्त 75 मेगावाट बिजली खरीद के प्रयास में है ताकि समस्या का स्थायी हल निकाला जा सके।
चाहे कितनी महंगी खरीदनी पड़े बिजली, निर्बाध होगी सप्लाई : रणजीत सिंह
बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला का कहना है कि प्रदेश में कोई बिजली संकट नहीं है। खेदड़ पावर प्लांट में तकनीकी खराबी के चलते पिछले दिनों लोगों को जरूर बिजली कटों का सामना करना पड़ा, लेकिन अब तकनीकी खराबी को दुरुस्त किया जा चुका है। बिजली की आपूर्ति निर्बाध रूप से की जाएगी। चाहे कितनी ही महंगी बिजली क्यों न खरीदनी पड़े, बिजली आपूर्ति प्रभावित नहीं होने दी जाएगी।
बिजली मंत्री ने कहा कि बिजली निगम के अधिकारियों को निर्धारित शेड्यूल के अनुरूप बिजली सप्लाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। जहां तक कोयले की कमी की बात है तो बता दूं कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में कोयले का भंडार है। कोयले की कमी के चलते किसी भी थर्मल प्लांट में उत्पादन बाधित नहीं होगा।