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फरीदाबाद नगर निगम सहित 50 शहरी निकायों में होंगे चुनाव, हरियाणा सरकार ने की सिफारिश

हरियाणा सरकार ने फरीदाबाद नगर निगम के साथ ही 18 नगर परिषद और 31 नगर पालिकाओं में चुनाव की सिफारिश की है। इस संबंध में स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव ने राज्य के चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 01:01 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 02:09 PM (IST)
फरीदाबाद नगर निगम सहित 50 शहरी निकायों में होंगे चुनाव, हरियाणा सरकार ने की सिफारिश
हरियाणा में 50 शहरी निकायों में चुनाव की तैयारी। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में अब 50 शहरी निकायों में चुनाव कराए जाएंगे। राज्य चुनाव आयोग जहां 47 निकायों में चुनाव की तैयारी में जुटा हुआ था, वहीं प्रदेश सरकार ने फरीदाबाद नगर निगम के साथ ही 18 नगर परिषद और 31 नगर पालिकाओं में चुनाव की सिफारिश की है।

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राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह सोमवार को प्रेस कान्फ्रेंस कर स्थानीय निकायों के चुनाव का शेड्यूल जारी कर सकते हैं। जिन नगर परिषदों के चुनाव होने हैं उनमें गोहाना, होडल, पलवल, सोहना, मंडी डबवाली, चरखी दादरी, झज्जर, जींद, कैथल, हांसी, बहादुरगढ़, नरवाना, टोहाना, नूंह, कालका, नारनौल, फतेहाबाद और भिवानी शामिल हैं।

इसी तरह नगर पालिकाओं में तरौरी, निसिंग, चीका, महम, राजौंद, पिहोवा, उचाना, महेंद्रगढ़, शाहाबाद, घरौंडा, सफीदों, गन्नौर, भूना, बावल, ऐलनाबाद, नांगल चौधरी, नारायणगढ़, रतिया, बरवाला, समालखा, फिरोजपुर ङिारखा, पुन्हाना, असंध, लाडवा, रानिया, इस्माइलाबाद, साढा़ैरा, कुंडली, सीवन, बाढ़ड़ा और बादली में चुनाव कराने की सिफारिश सरकार ने की है।

इसके लिए स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव अरुण गुप्ता ने राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह को चिट्ठी लिखी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रदेश सरकार शहरी निकायों और पंचायत चुनाव के लिए आयोग से सिफारिश कर चुकी है। अब राज्य चुनाव आयोग ही इस पर फैसला करेगा।

विज्ञापनों के लिए साइट होंगी नीलाम, बस-टैक्सियों को देना होगा शुल्क

शहर-कस्बों में करोड़ों रुपये के विज्ञापन घोटाले पर संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार ने नई विज्ञापन पालिसी बनाई है। इसके तहत विज्ञापनों के लिए साइट नीलाम की जाएंगी। बस-टैक्सियों सहित अन्य व्यावसायिक वाहनों पर विज्ञापन लगाकर प्रचार करने की स्थिति में भी सरकार शुल्क वसूलेगी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नई विज्ञापन पालिसी की जानकारी दी। 15 दिन के अंदर इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। अभी तक विज्ञापन एजेंसियां नियमों में कमियों का फायदा उठाते हुए सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहीं थीं। कई विज्ञापन एजेंसियों ने शहरों में एकाधिकार बनाया हुआ है जो निजी मालिकों के किराये का कम मूल्यांकन करके उनका शोषण कर रही हैं। नई नीति में उन्हें इस शोषण से मुक्ति मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सभी 93 पालिकाओं के लिए एकल विज्ञापन पोर्टल एक महीने के भीतर लांच कर दिया जाएगा। इस पोर्टल पर निजी संपत्ति मालिक, विज्ञापन एजेंसी और सेल्फ विज्ञापन करने वालों को पूरा विवरण देना होगा।

एचएसवीपी ने बदली कार्यप्रणाली, घर बैठे ट्रांसफर होगा प्लाट

शहरों में रह रहे लोगों को अब छोटे-मोटे कामों के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के संपदा कार्यालयों में धक्के नहीं खाने पड़ेंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को एचएसवीपी की पांच विशिष्ट सेवाओं की शुरुआत की। प्लाटों के पुन: आवंटन की प्रक्रिया को सरल किया गया है। आवेदन और ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) जैसी प्रक्रियाओं को समाप्त करते हुए पुन: आवंटन सेवा का समय चार दिन से घटाकर एक दिन किया गया है।

बीमार लोग स्थानांतरण अनुमति के लिए अपने घर पर ही बायोमीट्रिक उपस्थिति सेवा का लाभ उठा सकते हैं। आवंटी अपनी सुविधा के अनुसार एक स्लाट चुन सकता है। इसके बाद उसके घर पर उपकरणों से सुसज्जित वाहन भेजा जाएगा। चार मरला से कम आकार के प्लाट आवंटी के लिए यह सेवा निशुल्क है। अन्य को एक निर्धारित शुल्क देना होगा।

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक अजीत बालाजी जोशी और टाउन एंड कंट्री प्लाङ्क्षनग डिपार्टमेंट के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र ङ्क्षसह ने आनलाइन जनसेवाओं की विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री के अनुसार, अब आवेदक कहीं से भी अपनी बायोमीट्रिक उपस्थिति को दर्ज कर सकते हैं जो कि निकटतम संपदा कार्यालय के लिए स्थानांतरण अनुमति का हिस्सा है। पहले इसके लिए उसी संपदा कार्यालय आना होता था जिसके दायरे में आवंटी की संपत्ति आती है।

अजीत बालाजी जोशी ने बताया कि अब कार्यालय में आने की आवश्यकता नहीं रहेगी। डेटा सुधार माड्यूल से आवंटी को आफर के अपडेशन, कब्जे की तारीख, आवंटी के विवरण, जीपीए धारक , प्लाट मेमो जैसी सेवाओं के लिए कार्यालय आने की जरूरत नहीं। इसे कहीं से भी आनलाइन किया जा सकता है। एचएसवीपी की 11 और सेवाएं आइटी प्लेटफार्म पर शुरू की गई हैं। इनमें पानी लाइन की मरम्मत, सड़क की सफाई , गड्ढों की मरम्मत और मेनहोल की मरम्मत जैसी सेवाएं शामिल हैं। 30 जून तक समस्त सेवाएं आनलाइन हो जाएंगी।

खराब फसल का मुआवजा हुआ आनलाइन, खातों में आएगा पैसा

हरियाणा में अब फसलों का मुआवजा भी आनलाइन मिलेगा। मुआवजे का पैसा सीधे किसानों के खाते में आएगा। नई व्यवस्था में किसान फसल खराब होने की जानकारी खुद पोर्टल पर भर सकेंगे जिससे पटवारियों और कानूनगो की मनमर्जी पर अंकुश लगेगा।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को चिरप्रतीक्षित ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल लांच कर दिया। फसल नुकसान की स्थिति में पोर्टल पर आवेदन, सत्यापन और मुआवजा प्रदान करने की प्रणाली में पारदर्शिता आएगी। अभी तक फसल खराबे का मुआवजा मैन्युअली दिया जाता रहा है जिसमें कई खामियां थी। पोर्टल के माध्यम से मुआवजा राशि मेरी फसल-मेरा ब्योरा पर उपलब्ध करवाए गए काश्तकार के सत्यापित खाते में सीधे जमा करवाई जाएगी।

इस पोर्टल पर किसान समय-समय पर अपने आवेदन की स्थिति देख सकते हैं। पंजीकरण के लिए मोबाइल नंबर, परिवार पहचान पत्र या मेरी फसल-मेरा ब्योराÓ पंजीकरण नंबर में से कोई एक अनिवार्य होगा। आग, बाढ़, ओलावृष्टि, सूखा, शीत लहर, भूकंप, भूस्खलन, बादल फटना, जलभराव, भारी बारिश, कीट का हमले और धूलभरी आंधी के कारण फसल नुकसान पर मुआवजा मिलेगा।

फसल नुकसान के मुआवजे के लिए पांच स्लैब बनाए गए हैं। 24 प्रतिशत से कम नुकसान पर कोई मुआवजा नहीं मिलेगा, जबकि 25 से 32 प्रतिशत, 33 से 49 प्रतिशत, 50 से 74 प्रतिशत और 75 से 100 प्रतिशत नुकसान पर अलग-अलग श्रेणी में मुआवजा दिया जाएगा। फसल क्षतिपूर्ति के लिए पंजीकृत क्षेत्र का चार प्रतिशत उपायुक्त द्वारा सत्यापित किया जाना आवश्यक है।

किसान के आवेदन को देख सकेंगे पटवारी, कानूनगो और तहसीलदार

पटवारी, कानूनगो और तहसीलदार अपने लागिन पर फसल नुकसान के लिए किसान द्वारा प्रस्तुत आवेदन को देख सकेंगे। फसल हानि का प्रतिशत तथा खसरा नंबर की फोटो भरेंगे और अपनी प्रतिक्रिया देंगे। एसडीएम अपने लागिन से पटवारी, कानूनगो व तहसीलदार द्वारा प्रस्तुत किए गए बेमेल डेटा को देख सकेंगे। किसान द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत का पुन: सत्यापन भी एसडीएम द्वारा किया जाएगा।

एक बिल्डिंग में चलने वाले तीन स्कूल होंगे मर्ज, एक ही मुखिया संभालेगा कमान

हरियाणा के सरकारी स्कूल जल्दी ही दिल्ली के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देते नजर आएंगे। प्रदेश सरकार ने इन स्कूलों की कायाकल्प करने के साथ ही उनमें शिक्षक, स्मार्ट क्लास रूम, ड्यूल बेंच, इंटरनेट, बैटरी व बिजली की तमाम व्यवस्थाएं करने का रोडमैप तैयार किया है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी को नकारते हुए प्रदेश सरकार ने रेशनेलाइजेशन करने का भी अहम निर्णय लिया है। इस कड़ी में एक बिल्डिंग में चलने वाले पहली से 12वीं तक के स्कूलों को मिलाकर एक किया जायेगा।

हरियाणा विधानसभा में शिक्षकों की कमी का मुद्दा कई बार उठ चुका है। विपक्ष द्वारा दावा किया जाता है कि स्वीकृत पदों के विपरीत राज्य के स्कूलों में करीब 40 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं। इसके जवाब में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि एक बिल्डिंग में पहली से पांचवीं, छठी से आठवीं और नौवीं से 12वीं तक की कक्षाएं लगती हैं। शिक्षा विभाग के रिकार्ड में यह तीन स्कूल गिने जाते हैं। उसी हिसाब से फिर खाली पदों की गिनती होती है। शिक्षा विभाग को ऐसे तमाम स्कूलों को चिन्हित कर रेशनेलाइजेशन करने को कहा गया है, ताकि स्कूलों में शिक्षकों की कमी की समस्या को दूर किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि एक बिल्डिंग में चलने वाले कथित तीन स्कूलों का मुखिया भी एक ही होगा। अभी तक इनमें तीन मुखिया गिने जाते हैं। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश सरकार जल्दी ही सभी स्कूलों को पहली से 12वीं तक एक करने जा रही है। सरकारी स्कूलों में लगातार विद्यार्थियों की संख्या बढ़ रही है। इसकी बड़ी वजह लगातार शिक्षा में हुआ सुधार है।

मनोहर लाल के अनुसार, देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी किसी राज्य ने एक साथ विद्यार्थियों को पांच लाख टैबलेट वितरित नहीं किए हैं। हरियाणा सरकार ने 650 करोड़ रुपये की लागत से पर्सनलाइज्ड अडाप्टिव लर्निंग सिस्टम (पाल) से युक्त टेबलेट दिए हैं। प्रदेश भर में 500 माडल संस्कृति स्कूल खोले जाएंगे। कुछ जगह इनके खुलने से पहले ही दाखिला लेने के लिए विद्यार्थियों की लाइन लगी हुई है। इन स्कूलों में 1.80 लाख रुपये से कम आय वाले परिवारों के विद्यार्थियों को निशुल्क और इससे ज्यादा आय वाले परिवारों के बच्चों के लिए सामान्य फीस रखी गई है।

स्कूलों में सुधार के लिए दो टास्क फोर्स

मुख्यमंत्री के अनुसार स्कूलों में सुधार के लिए दो टास्क फोर्स बनाई गई है। एक टास्क फोर्स स्कूलों की सड़क, चारदीवारी, रास्ता, पानी, शौचालय और वहां की हरियाली के लिए काम करेगी। दूसरी टास्क फोर्स ड्यूअल बेंच की व्यवस्था के लिए काम कर रही है। स्मार्ट क्लासरूम लगभग हर स्कूल में चल रहे हैं। बिजली, बैटरी और इंटरनेट की व्यवस्था की गई है। यदि कहीं समस्या है तो वहां स्कूल भवनों में सोलर सिस्टम लगाए जाएंगे।

दो साल से रुके तबादले जल्दी होंगे

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पिछले दो वर्ष से रुकी हुई अध्यापकों की आनलाइन ट्रांसफर व्यवस्था को जल्दी ही शुरू किया जाएगा। प्रदेश में सरकारी नौकरियों की पात्रता के लिए आयोजित होने वाली सीईटी (संयुक्त पात्रता परीक्षा) नोटिफाई हो गई है। अगले दस दिनों में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से इसका विज्ञापन निकल जाएगा। इसके बाद परीक्षा आयोजित होगी। परीक्षा के बाद पात्र युवाओं की नौकरी के लिए कोई इंटरव्यू की आवश्यकता नहीं है, ऐसे में उन्हें तत्काल नियुक्तियां मिल सकेंगी।


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